नई दिल्ली: भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के 15 पदों के लिए चुनाव गुरुवार को संपन्न हुए, जिसमें संजय कुमार सिंह को खेल संस्था का अध्यक्ष चुना गया.
इसमें डब्ल्यूएफआई के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के करीबी सहयोगी संजय सिंह को 40 वोट मिले, जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता पहलवान अनीता श्योराण के पक्ष में सात वोट पड़े.
चुनाव का नतीजा निवर्तमान अध्यक्ष और कैसरगंज से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद बृजभूषण शरण सिंह के प्रभुत्व का समर्थन है, जो यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे हैं.
श्योराण, जो डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष पद की दौड़ में थीं, बृज भूषण के खिलाफ मामले में गवाह थीं. उन्हें देश के कुछ शीर्ष पहलवानों का समर्थन प्राप्त था जिन्होंने तत्कालीन डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष की गिरफ्तारी की मांग को लेकर जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया था.
डब्ल्यूएफआई चुनाव बृज भूषण और पहलवानों, बजरंग पुनिया, विनेश फोगट और साक्षी मलिक के बीच किसी मुकाबले से कम नहीं था. कथित तौर पर तीनों ने केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मुलाकात की और चाहते थे कि संजय कुमार दौड़ से हट जाएं.
अध्यक्ष पद के अलावा, गुरुवार को यहां भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के मुख्यालय में एक वरिष्ठ उपाध्यक्ष, एक महासचिव, एक कोषाध्यक्ष, दो संयुक्त सचिव, चार उपाध्यक्ष और पांच कार्यकारी समिति के सदस्य के चुनाव के लिए भी मतदान हुआ.
इस साल अगस्त में, यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग फेडरेशन (UWW) ने समय पर चुनाव कराने में विफलता के लिए WFI की सदस्यता निलंबित कर दी थी. इन चुनावों पर पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने रोक लगा दी थी.
डब्ल्यूएफआई चुनावों के रिटर्निंग अधिकारी न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एम.एम. कुमार के कार्यालय ने इस महीने की शुरुआत में एक बयान में कहा था कि चुनावों के नतीजे पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित एक रिट याचिका के नतीजे के अधीन होंगे.
चुनावों से पहले, डब्ल्यूएफआई के दैनिक मामलों की देखरेख भूपेंदर सिंह बाजवा की अध्यक्षता वाली आईओए की एक तदर्थ समिति द्वारा की जा रही थी.
(संपादनः शिव पाण्डेय)
(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)
यह भी पढ़ेंः RSS का कहना है: जाति जनगणना समाज के ‘उत्थान’ के लिए होना चाहिए, इससे ‘सामाजिक सद्भाव’ नहीं टूटना चाहिए