लखनऊ: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को लखनऊ स्थित ब्रह्मोस इंटीग्रेशन और टेस्टिंग फैसिलिटी सेंटर से बनी पहली खेप को हरी झंडी दिखाते हुए कहा कि ब्रह्मोस सिर्फ एक मिसाइल नहीं, बल्कि देश की बढ़ती स्वदेशी क्षमता का प्रतीक है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ संयुक्त रूप से ब्रह्मोस मिसाइलों को रवाना करते हुए राजनाथ सिंह ने बताया कि पिछले एक महीने में ब्रह्मोस टीम ने दो देशों के साथ करीब 4,000 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं.
उन्होंने कहा, “आने वाले वर्षों में हम देखेंगे कि अन्य देशों के विशेषज्ञ लखनऊ आएंगे, जिससे यह शहर रक्षा तकनीक का नॉलेज हब और लीडर बनेगा. अगले वित्त वर्ष से ब्रह्मोस की लखनऊ यूनिट का टर्नओवर करीब 3,000 करोड़ रुपये होगा और जीएसटी संग्रह 500 करोड़ रुपये प्रति वर्ष रहेगा.”
रक्षा मंत्री ने योगी आदित्यनाथ की कानून-व्यवस्था सुधारने और ब्रह्मोस परियोजना को पूरा समर्थन देने के लिए सराहना की. उन्होंने कहा, “कभी उत्तर प्रदेश ‘गुंडाराज’ और बिगड़ती कानून व्यवस्था के लिए जाना जाता था. लोग डर में जीते थे, निवेशक आने से हिचकते थे. लेकिन आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी ने बदलाव का उदाहरण पेश किया है.”
उन्होंने कहा, “यह सिर्फ ब्रह्मोस और हमारी सेनाओं की ताकत का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह संदेश भी है कि यूपी अब हर चुनौती से निपटने के लिए तैयार है.”
राजनाथ सिंह ने बताया कि धनतेरस के दिन चार ब्रह्मोस मिसाइलों की डिलीवरी की गई.
उन्होंने कहा, “आज धनतेरस के शुभ अवसर पर चार मिसाइलों की डिलीवरी हुई. इससे सरकार को जीएसटी के रूप में भारी राजस्व मिलेगा. योगी जी ने सुनिश्चित किया कि इस काम से उत्तर प्रदेश सरकार को भी फायदा हो. आज मां लक्ष्मी के आशीर्वाद से हमारी सुरक्षा के साथ-साथ अर्थव्यवस्था पर भी समृद्धि की वर्षा हुई है.”
उन्होंने कहा कि एक मिसाइल के उत्पादन से मिलने वाले कर से सरकार कई स्कूल बना सकती है, अस्पतालों का विस्तार कर सकती है और आम लोगों के जीवन में सुधार लाने वाली योजनाएं लागू कर सकती है.
रक्षा मंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर को भी याद किया, जिसमें ब्रह्मोस मिसाइलों ने अहम भूमिका निभाई थी.
उन्होंने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर में जो हुआ वह तो बस एक ट्रेलर था… लेकिन उस ट्रेलर ने ही पाकिस्तान को समझा दिया कि अगर भारत पाकिस्तान को जन्म दे सकता है, तो आगे क्या कर सकता है, यह कहने की जरूरत नहीं.”
ब्रह्मोस लखनऊ यूनिट उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की सबसे महत्वपूर्ण परियोजनाओं में से एक है. यहां मिसाइल के असेंबली, इंटीग्रेशन और टेस्टिंग की पूरी प्रक्रिया उच्च तकनीकी मानकों के अनुसार की जाती है.
पहली मिसाइल खेप की डिलीवरी के साथ ही यूपी राष्ट्रीय ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ अभियान में एक अहम भागीदार बन गया है. लखनऊ यूनिट कॉरिडोर की पहली ऐसी यूनिट है जो पूरी मैन्युफैक्चरिंग और टेस्टिंग प्रक्रिया देश में ही कर रही है, जिससे रणनीतिक आत्मनिर्भरता और औद्योगिक विकास दोनों को मजबूती मिल रही है.