नई दिल्लीः सीबीआई ने बोफोर्स मामले में हाईकोर्ट से जांच के इजाजत की याचिका वापस लेने के बाद अब इस मामले में आगे की जांच के लिए गुरुवार को ट्रायल कोर्ट से इजाजत मांगी है. 16 मई को एजेंसी आगे की जांच के लिए एक याचिका रोज एवेन्यु, नई दिल्ली की सीएमएम कोर्ट में फाइल की है. कोर्ट ने कहा है कि इसके लिए न्यायालय से इजाजत जरूरी नहीं है, सूचित करना ही काफी है.
सीबीआई और याचिकाकर्ता दोनों ने बोफोर्स मामले में जांच की याचिका वापस ली
वहीं इससे पहले दिन में बोफोर्स घोटाले की जांच में एक नया मोड़ सामने आया था. सीबीआई ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि वह बोफोर्स मामले में दोबारा जांच की अनुमति के लिए दी गई अपनी याचिका को वापस लेना चाहती है. साथ ही मामले के निजी याचिकाकर्ता भी अपनी याचिका को वापस लेना चाहते हैं. अदालत ने सीबीआई को आवेदन वापस लेने की मंजूरी दे दी है. इस पर आगली सुनवाई 6 जुलाई को होगी.
Delhi Court allows the CBI to withdraw the application and questions Ajay Aggarwal's locus standi in the matter,next hearing in the case on July 6 https://t.co/5b9xQYeCqp
— ANI (@ANI) May 16, 2019
वहीं मामले में इससे पहले मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट नवीन कश्यप ने सवाल उठाते हुए कहा था कि सीबीआई को मामले में आगे कार्रवाई के लिए अदालत की क्या जरूरत है. इसके अलावा उन्होंने सीबीआई से ऑन रिकॉर्ड मामले में उन कानूनों का जिक्र करने को कहा कि जिसके लिए मामले में आगे की जांच के लिए कोर्ट की मंजूरी चाहिए. वहीं इसके जवाब में सीबीआई ने कहा कि आगे की जांच का निर्णय वह खुद लेगी. अभी वह आवेदन वापस लेना चाहती है.
बोफोर्स मामले में सीबीआई की अपील की थी खारिज
वहीं, इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की बोफोर्स घोटाले से अपील को खारिज कर दी थी. इस अपील में सीबीआई ने दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा 2005 में ब्रिटेन के हिंदुजा बंधुओं को 155 एमएम होवित्जर बोफोर्स तोप की खरीद में कथित रिश्वतखोरी के आरोपों से बरी करने के आदेश को चुनौती दी थी.
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति केएम जोसेफ और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की पीठ ने इस अपील को खारिज कर और जांच एजेंसी से उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने में 13 वर्षों की देरी करने पर सवाल उठाए थे.
2005 में बोफोर्स तोप की खरीद में कथित रिश्वतखोरी के मामले में ब्रिटेन के श्रीचंद, गोपीचंद और प्रकाश हिंदुजा को बरी किए जाने के फैसले के विरुद्ध सीबीआई ने इस वर्ष फरवरी में शीर्ष न्यायालय का रुख किया था.
सीबीआई ने कुछ नए तथ्यों का हवाला दिया था और कहा था कि इसकी जांच कराए जाने की जरूरत है. एजेंसी ने इसे ही आधार बनाकर बोफोर्स मामले को दोबारा खोले जाने का आग्रह किया था.