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Tuesday, 26 March, 2024
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फोरेंसिक रिपोर्ट ने की पुष्टि, महरौली के जंगल से मिली हड्डियां श्रद्धा वालकर की ही हैं

सूत्रों ने बताया है कि बुधवार शाम मिली रिपोर्ट इस बात की पुष्टि करती है कि दिल्ली में कई स्थानों से बरामद किए गए शरीर के टुकड़े श्रद्धा के हैं.

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नई दिल्ली: श्रद्धा वालकर हत्याकांड से जुड़ी जांच में एक बड़ी सफलता मिली है. दिप्रिंट को मिली जानकारी के मुताबिक, फोरेंसिक जांच से यह बात साबित हो गई है कि दिल्ली पुलिस ने महरौली के जंगल क्षेत्र से जो कुछ हड्डियां बरामद की थी कि वो इसी युवती की हैं.

सूत्रों ने बताया कि फोरेंसिक एनालिसिस रिपोर्ट बुधवार शाम को मिली है.

सूत्रों ने इस बारे में ज्यादा कुछ ब्योरा दिए बिना दिप्रिंट को पुष्ट तौर पर यह जानकारी दी कि उन हड्डियों में से कुछ से निकाले गए डीएनए वालकर के पिता के डीएनए से मेल खाते हैं.

एक सूत्र ने कहा, ‘इससे यही साबित होता है कि हमारी तलाशी के दौरान आफताब की निशानदेही पर कई जगहों से बरामद किए गए शरीर के अवशेष श्रद्धा वालकर के ही हैं.’

हालांकि, उन्होंने कहा, ‘इस प्वाइंट पर अभी इससे ज्यादा कुछ भी साझा नहीं किया जा सकता है.’

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श्रद्धा वाकर के लिव-इन पार्टनर आफताब अमीन पूनावाला ने कथित तौर पर 18 मई को उसकी हत्या कर दी थी, और शरीर को 35 टुकड़ों में काट दिया था, और उन्हें बाद में दिल्ली के महरौली जंगल में कई अलग-अलग जगहों पर फेंक दिया था.

गौरतलब है कि पूनावाला ने पुलिस को दिए अपने बयान में कहा था कि उसने अपनी लिव-इन पार्टनर का गला घोंट दिया था और फिर शव को ठिकाने लगाने के लिए उसे काट डाला था. पुलिस के मुताबिक, पूनावाला ने शव के टुकड़े रखने के लिए 19,000 रुपये में 300 लीटर का फ्रिज भी खरीदा था.

दिल्ली पुलिस को पहली सफलता तब मिली जब उसने सेक्रम के साथ एक पेल्विक बोन को बरामद किया, जो निचले अंगों की ढाल के तौर पर काम करने वाली हड्डियों की एक संरचना होती है.

हालांकि, हड्डी से यह तो पता चला कि अवशेष मानव के ही हैं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो पाया था कि श्रद्धा के ही हैं या नहीं.

ऐसे मामलों में विशेषज्ञ मृत व्यक्ति के कंकाल का रिकंस्ट्रक्शन करते हैं. इसके अलावा, मौत की पुष्टि के लिए उन्हें यह पता लगाने की जरूरत पड़ती है कि बरामद हड्डियां शरीर के किस हिस्से की है. यदि ये हड्डियां हाथ या पैर की होती हैं तो यह हत्या की पुष्टि नहीं करती हैं. लेकिन अगर यह खोपड़ी की हड्डी है, या फिर रीढ़ या पेल्विक एरिया की हड्डियां हैं, तो मौत की बात पुष्ट होती है.

गौरतलब है कि पिछले हफ्ते श्रद्धा वालकर के पिता विकास वालकर अपनी बेटी की बर्बरता के साथ हत्या के बाद पहली बार मीडिया के सामने आए थे और उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र पुलिस ने श्रद्धा की मदद की होती तो आज वह जिंदा होती.

2020 में श्रद्धा ने पूनावाला पर हिंसक व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए मुंबई पुलिस के समक्ष एक शिकायत दर्ज कराई थी और कहा था कि ‘उसने मुझे मारने की कोशिश की’ और ‘टुकड़ों में काटकर फेंक देने’ की धमकी भी दी थी.

श्रद्धा के पिता ने इस मामले में आफताब पूनावाला को मौत की सजा देने की मांग की और साथ ही कहा कि आरोपी के परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों के खिलाफ भी जांच की जाए.

पिछले हफ्ते दिल्ली की साकेत कोर्ट ने पूनावाला की न्यायिक हिरासत 14 दिनों के लिए बढ़ा दी थी.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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