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Sunday, 22 December, 2024
होमदेशपान सिंह तोमर बने इरफान खान ने 54 साल की उम्र में कहा अलविदा, अस्पताल में ली आखिरी सांस

पान सिंह तोमर बने इरफान खान ने 54 साल की उम्र में कहा अलविदा, अस्पताल में ली आखिरी सांस

इरफान की मौत की खबर सुनते ही फिल्मी दुनिया के साथ साथ उनके फैंस में निराशा फैल गई है. इरफान खान को उनके न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर से ग्रसित होने की जानकारी 2018 में मिली थी जिसके बाद वह इलाज के लिए विदेश गए थे.

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नई दिल्ली: बॉलीवुड अभिनेता इरफान खान के फैंस को परेशान करने वाली खबर सामने आई है. इरफान ने आज मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में आखिरी सांस ली. उन्हें कल कोलोन संक्रमण की वजह से आईसीयू में शिफ्ट किया गया था.

हाल ही में इरफान खान की मां सईदा बेगम का जयपुर में निधन हो गया था. उस वक्त ये खबरें आई थीं कि लॉकडाउन में घर से दूर होने के कारण एक्टर ने वीडियो कॉन्फ्रेस‍िंग के जरिए मां के अंतिम दर्शन किए थे.

इंगलिश मीडियम के अभिनेता को उनके न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर से ग्रसित होने की जानकारी 2018 में मिली थी जिसके बाद वह इलाज के लिए विदेश गए थे. इलाज की वजह से वह एक साल से अधिक समय से फिल्मों में काम नहीं कर रहे थे. इंग्लिश मीडियम उनकी बीमारी का पता चलने के बाद पहली फिल्म थी, और उनके फैंस को लगने लगा था कि शायद अब उन्होंने कैंसर को पछाड़ दिया है और उनका स्वास्थ्य ट्रैक पर है.

इरफान की मौत की खबर सुनते ही फिल्मी दुनिया के साथ साथ उनके फैंस में निराशा फैल गई है. लोगों को विश्वास नहीं हो रहा है कि इरफान उनके बीच अब नहीं रहे हैं. 54 वर्षीय इरफान की एक्टिंग को लेकर लगातार सोशल मीडिया पर लोगों द्वारा विश्वास न किए जाने की बात सामने आ रही है.

सलाम बांबे से लेकर अंग्रेजी मीडियम तक का सफर

खान ने बॉलीवुड में अपनी जगह बहुत ही अपरंपरागत तरीके से बनाई- उन्होंने ऑफ बीट और समानांतर सिनेमा कर कमर्शियल फिल्मों से ज्यादा प्रसिद्धि भी पाई. उन्होंने 1988 के सलाम बॉम्बे फिल्म इंडस्ट्री में पदार्पण किया. खान की फिल्मों में काम करने की पसंद निश्चित रूप से मुख्यधारा से अलग थी.

यहां तक कि उन्होंने 2004 की हासिल जैसी फिल्म में खलनायक की भूमिका निभाई, जिसके लिए उन्हें फिल्मफेयर पुरस्कार जीता. हालांकि, उन्होंने 2007 में लाइफ इन ए मेट्रो जैसी फिल्म कर मुख्यधारा के बॉलीवुड का ध्यान भी अपनी तरफ आकर्षित किया.

लेकिन उनकी जिंदगी में कई बड़ी चीजें तो आनी बाकी थीं. 2008 के सिर्फ एक साल बाद ही वह स्लमडॉग मिलेनियर में अभिनय किया, जो उस साल की सबसे अधिक कमाई वाली अंतर्राष्ट्रीय फिल्मों में से एक थी. इसके साथ ही उन्होंने हॉलीवुड में अपना कदम रखा और लाइफ ऑफ पाई, द अमेजिंग स्पाइडरमैन जैसी जबरदस्त फिल्मों में अभिनय कर अपनी एक्टिंग का डंका बजवाया. यहां तक की उन्होंने एचबीओ की श्रृंखला में भी काम किया जिसका नाम ट्रीटमेंट था.

भारत में वापसी के बाद उन्होंने 2010 के दशक में मुख्यधारा के दर्शकों के साथ अपना शुरू कर दिया था. पान सिंह तोमर (2011) में उनके अभिनय के लिए उन्हें देश के सर्वोच्च सम्मान राष्ट्रीय पुरस्कार तक जीता था. इसके बाद वह गुंडे, पीकू, हिंदी मीडियम, ब्लैकमेल और क़रीब क़रीब सिंगल जैसी हिट फ़िल्में दी थीं.

इरफान अपने पीछे पत्नी सुतापा सिकदर और दो बेटे अयान और बबील छोड़ गए हैं.

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