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सोमवार, 21 अप्रैल, 2025
होमदेशBMC की सड़क परियोजना ने मुंबई को मलबे की भूलभुलैया बना दिया है. क्या है देरी की वजह?

BMC की सड़क परियोजना ने मुंबई को मलबे की भूलभुलैया बना दिया है. क्या है देरी की वजह?

यह महत्वाकांक्षी परियोजना, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहते हुए एकनाथ शिंदे की एक प्रमुख पहल थी, जो फरवरी 2023 में शुरू हुई. कुल मिलाकर, मुंबई की 701 किलोमीटर सड़कों को कंक्रीट से बनाया जाना है.

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मुंबई: इन दिनों मुंबई शहर धूसर रंग में नजर आ रहा है, और इसकी वजह मानसूनी बादल नहीं हैं.

कॉलाबा की औपनिवेशिक गलियों से लेकर बांद्रा और उपनगरों अंधेरी, घाटकोपर और कुर्ला तक, पूरे शहर में सीमेंट मिक्सर और ‘कार्य प्रगति पर है’ के बोर्ड दिखाई दे रहे हैं.

वजह? मुंबई की सड़कों की खुदाई एक महत्वाकांक्षी सड़क कंक्रीटीकरण परियोजना के लिए की गई है, जो महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहते हुए एकनाथ शिंदे की प्रमुख पहल थी.

हालांकि, इस परियोजना की प्रगति धीमी रही है. अधिकारियों का कहना है कि प्रशासनिक अड़चनें, शहर की सड़कों पर काम करने का अनुभव न रखने वाले ठेकेदार और भूमिगत यूटिलिटी लाइनों को स्थानांतरित करने की चुनौती देरी के मुख्य कारण हैं.

यह परियोजना, नगर निकाय की शहर को नया रूप देने की योजना का हिस्सा है और इसे फरवरी 2023 में शुरू किया गया था। कुल मिलाकर, मुंबई की 701 किमी सड़कों को कंक्रीट से बनाया जाना है.

लेकिन अब तक पहले चरण के 324 किमी में से केवल 26 प्रतिशत काम ही पूरा हो सका है. दूसरे चरण के 377 किमी के लिए कार्यादेश अगस्त 2024 में जारी किया गया था, लेकिन अब तक इस पर कोई खास काम शुरू नहीं हुआ है.

बीएमसी कमिश्नर भूषण गगरानी ने अब सख्त समय सीमा तय कर दी है और विभिन्न विभागों—जैसे सीवरेज, जल आपूर्ति, तूफान जल निकासी—सहित बिजली और गैस एजेंसियों को आदेश दिया है कि कंक्रीटीकरण पूरा होने के बाद कोई भी सड़क न खोदी जाए.

“सभी सड़कों का कार्य 31 मई तक पूरा होना चाहिए और 1 जून से कोई भी सड़क अधूरी नहीं रहनी चाहिए, न ही किसी नई सड़क की खुदाई की जानी चाहिए,” गगरानी ने एक आंतरिक विभागीय बैठक में कहा, बीएमसी की एक प्रेस नोट के अनुसार.

बीएमसी कमिश्नर ने मई के अंत तक पहले चरण का 75 प्रतिशत और दूसरे चरण का 50 प्रतिशत कार्य पूरा करने के निर्देश दिए हैं. इस परियोजना में शामिल ठेकेदारों में आरपीएस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, ईगल इंफ्रा इंडिया लिमिटेड और एनसीसी लिमिटेड शामिल हैं.

हालांकि, गगरानी द्वारा निर्धारित लक्ष्य काफी महत्वाकांक्षी प्रतीत होता है क्योंकि परियोजना पहले ही काफी देरी का शिकार हो चुकी है.

“हालांकि परियोजना फरवरी 2023 में शुरू हुई थी, लेकिन सड़कों की खुदाई का असल काम अक्टूबर 2023 में ही शुरू हो सका,” बीएमसी के अतिरिक्त नगर आयुक्त (परियोजनाएं) अभिजीत बांगड़ ने दिप्रिंट को बताया.

“इस देरी की मुख्य वजह यह थी कि हमने पहले चरण के लिए जिन ठेकेदारों को चुना, वे सभी बड़े और प्रतिष्ठित थे। चूंकि कार्यादेश बहुत बड़ा था, हमने साफ छवि वाले ठेकेदारों को प्राथमिकता दी. लेकिन इनमें से किसी ने पहले मुंबई की सड़कों पर काम नहीं किया था,” उन्होंने कहा.

विपक्ष ने इस देरी को लेकर नगर निगम पर निशाना साधा है.

शिवसेना विधायक आदित्य ठाकरे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एकनाथ शिंदे सरकार पर हमला बोला.

“एकनाथ शिंदे सरकार ने मुंबई को अपने पसंदीदा सड़क ठेकेदारों के लिए भयानक अव्यवस्था में डाल दिया है. इसलिए मैंने बीएमसी कमिश्नर से अनुरोध किया कि सभी नई परियोजनाओं को रोका जाए, मौजूदा कार्यों का ऑडिट किया जाए और अनावश्यक कंक्रीटीकरण को कम किया जाए. नई सड़कों के निर्माण के दौरान बेहतर योजना और नागरिकों के साथ समन्वय से मदद मिलेगी,” उन्होंने कहा.


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हर जगह खोद दिया गया

विपक्ष अकेला नहीं है.

पिछले कुछ महीनों में, मुंबई के कई प्रमुख हस्तियों ने भी सोशल मीडिया पर सड़क की बिगड़ती हालत को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की है.

कॉमेडियन वरुण ग्रोवर से लेकर अभिनेता श्रेया धनवंतरी तक, सभी ने बीएमसी से देरी का कारण पूछा है.

बीएमसी अधिकारियों ने खुदाई का बचाव करते हुए कहा कि यह कार्य आदेश में तेजी लाने के कारण हुआ है.

“नागरिकों की समस्या खुदाई से नहीं बल्कि देरी से है, क्योंकि इससे उन्हें असुविधा होती है,” पहले जिक्र किए गए बांगड़ ने कहा.

बांगड़ ने बताया कि पहले चरण का कार्यादेश फरवरी 2023 से जनवरी 2026 तक का था और मानसून के महीनों को छोड़कर, जब बीएमसी को सभी कार्य रोकने पड़ते हैं, तब से लगातार काम चल रहा है.

बीएमसी द्वारा नियुक्त ठेकेदारों को राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने का अनुभव है, लेकिन शहर की सड़कों को कंक्रीट से बनाना एक बिल्कुल अलग चुनौती है, बांगड़ ने कहा.

“शहर में 6 मीटर से लेकर 30 मीटर तक चौड़ाई वाली सड़कों पर काम करना पड़ता है. इस दौरान स्थानीय लोगों का विरोध, संसाधनों की व्यवस्था और यातायात प्रबंधन जैसी बड़ी चुनौतियां आती हैं, जिससे देरी हुई और असल काम अक्टूबर 2023 से शुरू हुआ,” बांगड़ ने कहा.

इसके अलावा, जून 2024 में मानसून के कारण काम रोक दिया गया था और यह अक्टूबर 2024 के बाद ही फिर से शुरू हुआ.

बीएमसी अगले तीन महीनों में लक्ष्य का 75 प्रतिशत पूरा करने की योजना बना रही है.

अंडरग्राउंड उलझी हुई लाइनें

अधिकारियों का कहना है कि देरी की एक वजह प्रशासनिक दिक्कतें हैं, लेकिन सबसे बड़ी चुनौती अप्रत्याशित और नक्शे में न दिखने वाली अंडरग्राउंड यूटिलिटी लाइनों की है.

इनमें पानी, सीवरेज, वर्षा जल निकासी, बिजली, केबल और गैस की लाइनें शामिल हैं.

बांगड़ ने बताया कि कभी-कभी एक ही सड़क पर 50 से ज्यादा यूटिलिटी लाइनें होती हैं, जिन्हें अलग-अलग एजेंसियां संभालती हैं.

“उन्हें हटाने और हमारे काम में सहयोग देने के लिए कहना समय लेता है,” बांगड़ ने कहा. “आम तौर पर एक सड़क को पूरा करने में 45 दिन लगते हैं, लेकिन यूटिलिटी लाइनों को शिफ्ट करने के कारण हमने 75 दिन की समय-सीमा तय की है.”

लेकिन गगरानी के साथ हुई बैठक में उन्होंने 31 मई की समय-सीमा का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया.

“बीएमसी तारकोल वाली सड़कों और पेवर ब्लॉक वाली सड़कों को कंक्रीट की सड़कों में बदल रही है. इसलिए अधिकारियों को सुनिश्चित करना चाहिए कि नागरिकों को कम से कम असुविधा हो,” गगरानी ने बैठक में कहा.

“इसके लिए दूसरे स्तर के अधिकारियों को मौके पर जाकर काम की प्रगति की जानकारी लेनी चाहिए. नागरिकों को साइन बोर्ड के ज़रिए काम की स्थिति से अवगत कराया जाए. और कोई भी नया काम शुरू करने से पहले यह सुनिश्चित किया जाए कि पुराना काम पूरा हो चुका हो.”

हालांकि यूटिलिटी एजेंसियां निर्देशों का पालन कर रही हैं, लेकिन बीएमसी के जल आपूर्ति और सीवरेज विभागों के मौजूदा प्रोजेक्ट सड़क निर्माण कार्य में बाधा बन रहे हैं.

बीएमसी अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए एक स्वतंत्र क्वालिटी मॉनिटरिंग एजेंसी (QMA) नियुक्त की है, जो रेडी-मिक्स कंक्रीट प्लांट के स्तर पर भी गुणवत्ता की जांच करेगी.

उनका कहना है कि कंक्रीट की सड़कें जल्दी खराब नहीं होतीं, लेकिन यदि गुणवत्ता खराब हो तो उनमें दरारें आ सकती हैं, जिससे बीएमसी को सड़क को दोबारा खोदना पड़ता है.

“दुर्भाग्य से मुंबई के कुछ इलाकों में ऐसा होता है, लेकिन इसके लिए बीएमसी ठेकेदारों और QMA पर भारी जुर्माना लगा रही है,” एक बीएमसी अधिकारी ने कहा.

उन्होंने यह भी बताया कि बीएमसी ने अच्छी हालत वाली सड़कों की एक सूची बनाई है, जिन्हें बाद में कंक्रीट किया जाएगा.

“लेकिन मैं मुंबईकरों को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि जो भी सड़क अभी खुदी हुई है, उसे मानसून शुरू होने से पहले पूरा कर लिया जाएगा. मानसून के दौरान कोई भी सड़क नहीं खोदी जाएगी और गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जाएगा,” बांगड़ ने कहा.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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