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Saturday, 21 December, 2024
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बिहार में ब्लैकलिस्टेड एडुटेस्ट ने यूपी और केंद्र के लिए की परीक्षाएं आयोजित, ‘पेपर लीक, नकल’ रहे जारी

अहमदाबाद स्थित एडुटेस्ट सॉल्यूशंस को 2023 में बिहार स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा ब्लैकलिस्ट किया गया था और एडुटेस्ट के मालिक 2017 बिहार एसएससी पेपर लीक मामले में ज़मानत पर बाहर है. इसने इस साल यूपी पुलिस, सीएसआईआर परीक्षा आयोजित की.

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लखनऊ: एक फर्म जिसे पिछले साल अक्टूबर में बिहार स्कूल परीक्षा बोर्ड (बीएसईबी) द्वारा परीक्षाओं के संचालन में कथित खामियों के कारण ब्लैकलिस्ट किया गया था और जिसके प्रबंध निदेशक बिहार से 2017 के पेपर लीक मामले में ज़मानत पर बाहर हैं — ने केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकारों के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित की, जो धोखाधड़ी के आरोपों और तकनीकी गड़बड़ियों से प्रभावित हैं.

निविदा दस्तावेज़ के अनुसार, अहमदाबाद स्थित फर्म, एडुटेस्ट सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड ने भी 15 दिसंबर, 2023 को केंद्रीय कर्मचारी चयन आयोग के लिए कंप्यूटर आधारित परीक्षा आयोजित करने के लिए बोली प्रस्तुत की थी, लेकिन इसे अस्वीकार कर दिया गया क्योंकि इसने ब्लैकलिस्टिंग प्रमाणपत्र जमा नहीं किया था.

मूल रूप से कॉन्फिसेक प्राइवेट लिमिटेड नाम से, परिवार द्वारा संचालित फर्म की स्थापना 1981-1982 में सुरेशचंद्र आर्य ने की थी. वे अब सर्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष हैं, जो खुद को “दुनिया भर में आर्य समाज का सर्वोच्च निकाय” बताती है. कंपनी अब विनीत आर्य (प्रबंध निदेशक), जया आर्य, (निदेशक) और सक्षम आर्य (निदेशक) द्वारा संचालित है. विनीत सुरेशचंद्र आर्य के बेटे हैं जबकि जया विनीत की पत्नी हैं.

कॉन्फिसेक को 2017 में बिहार एसएससी परीक्षा के लिए प्रश्नपत्र छापने का काम दिया गया था. पेपर लीक के आरोपों के कारण यह परीक्षा रद्द कर दी गई थी और विनीत आर्य गिरफ्तार किए गए लोगों में से एक थे. बाद में उन्हें ज़मानत मिल गई और मामला अभी भी चल रहा है. इसके तुरंत बाद कॉन्फिसेक ने अपना नाम बदलकर एडुटेस्ट सॉल्यूशंस कर लिया.

एडुटेस्ट को 2022 और 2023 में बीएसईबी के लिए कई परीक्षाएं आयोजित करने का कॉन्ट्रैक्ट मिला. अक्टूबर 2023 में इन परीक्षाओं के आयोजन में कथित अनियमितताओं के कारण इसे ब्लैकलिस्ट कर दिया गया.

लेकिन इस ब्लैकलिस्टिंग से ठीक एक दिन पहले, इसे केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन वैज्ञानिक अधिकारी (एसओ) और प्रशासनिक सेवा अधिकारी (एएसओ) के पदों पर भर्ती के लिए वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के लिए परीक्षा आयोजित करने का कॉन्ट्रैक्ट दिया गया.

इस साल फरवरी में आयोजित इन परीक्षाओं में धोखाधड़ी के आरोप लगे और कई गिरफ्तारियां हुईं, और उम्मीदवारों के एक समूह ने केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) से संपर्क कर परिणामों को रद्द करने की मांग की.

उत्तर प्रदेश में पिछले साल फर्म ने कम से कम दो परीक्षाएं आयोजित करने के लिए कॉन्ट्रैक्ट हासिल किए, जो इस फरवरी में भी आयोजित की गईं: एक आरएमएल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आरएमएलआईएमएस), लखनऊ के लिए नर्सों की भर्ती के लिए — जिसमें तकनीकी गड़बड़ियां देखी गईं, जिसके कारण कई केंद्रों के उम्मीदवारों के लिए फिर से परीक्षाएं आयोजित करने का आदेश दिया गया — और एक पुलिस कांस्टेबल की भर्ती के लिए.

कांस्टेबल भर्ती परीक्षा — जिसमें 60,244 पदों के लिए 48.17 लाख उम्मीदवार थे — को कई राज्यों के एक गिरोह द्वारा कथित तौर पर हज़ारों उम्मीदवारों को प्रश्नपत्र लीक करने के बाद रद्द करना पड़ा.

यूपीपीआरपीबी के अध्यक्ष और महानिदेशक (सतर्कता) राजीव कृष्ण ने दिप्रिंट को बताया, यूपी पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड (यूपीपीआरपीबी) ने अब एडुटेस्ट को राज्य सरकार के लिए भविष्य में काम करने से ब्लैकलिस्ट कर दिया है और फर्म को सभी भुगतान रोक दिए गए हैं.

यूपी के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) दीपक कुमार ने भी इसकी पुष्टि की. उन्होंने कहा कि बोर्ड अपनी वेबसाइट पर ब्लैकलिस्ट की गई कंपनियों के बारे में जानकारी डालता है.

यूपी पुलिस स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की मेरठ इकाई मामले की जांच कर रही है. एसटीएफ के अतिरिक्त एसपी बृजेश सिंह ने दिप्रिंट को बताया कि एडुटेस्ट के मालिक विनीत आर्य को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 160 के तहत कम से कम चार नोटिस जारी किए जाने के बावजूद अभी तक उनके सामने पेश नहीं हुए हैं और अपना बयान दर्ज नहीं कराया है.

नाम न बताने की शर्त पर दिप्रिंट से बात करते हुए एडुटेस्ट सॉल्यूशन्स के एक अधिकारी ने इन खबरों का खंडन किया कि इसके एडुटेस्ट के मालिक विनीत आर्य विदेश भाग गए हैं और कहा कि वह नियमित रूप से अहमदाबाद स्थित इसके कार्यालय में आते-जाते रहते हैं. अधिकारी ने आगे कहा कि आर्य नियमित रूप से काम के लिए विदेश जाते रहते हैं.

महत्वपूर्ण बात यह है कि अधिकारी ने यह भी दावा किया कि यूपीपीआरपीबी को 2017 में उनकी गिरफ्तारी के बारे में पता था और कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर करने से पहले एजेंसी के साथ एक लिखित घोषणा साझा की गई थी.

दिप्रिंट ने कॉल और मैसेज के जरिए से टिप्पणी के लिए एडुटेस्ट के संस्थापक-अध्यक्ष सुरेशचंद्र आर्य से संपर्क किया है. जवाब आने पर इस रिपोर्ट को अपडेट किया जाएगा.


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‘यूपी पुलिस ने एडुटेस्ट के मालिक की गिरफ्तारी की जानकारी दी’

दिप्रिंट से बात करते हुए एडुटेस्ट के अधिकारी ने कहा, “एडुटेस्ट के मालिकभारत से बाहर नहीं गए हैं — यह बात उनके पासपोर्ट से पता चलती है. वे नियमित रूप से कार्यालय आते हैं और काम के लिए भारत और विदेश के बीच आते-जाते रहते हैं. वे इस महीने काम के लिए जर्मनी गए थे और वापस लौट आए. जब ​​यह घटना हुई, तो हमारे लगभग 60 कर्मचारियों को यूपी एसटीएफ के लखनऊ कार्यालय में बुलाया गया और एजेंसी ने उनसे पूछताछ की. उनसे बयान देने के लिए कहा गया और उनके साथ बहुत अच्छा व्यवहार किया गया…जब हमारा नाम फिर से मीडिया में आने लगा तो हम सदमे में आ गए क्योंकि हमें लगा कि मामला खत्म हो गया है. यह कहना सही नहीं है कि हम जवाब नहीं दे रहे हैं; हमने अब आपके साथ अपना पक्ष साझा करना चुना क्योंकि अब हम बेहतर स्थिति में हैं.”

यह पूछे जाने पर कि क्या कंपनी ने कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के प्रश्नपत्रों को दूसरी एजेंसी, टीसीआई एक्सप्रेस को ले जाने का काम दिया था — जिसके कर्मचारियों को मार्च में पेपर लीक के सिलसिले में एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था — अधिकारी ने कहा कि यह सबलेटिंग नहीं थी.

अधिकारी ने कहा, “हमें लगभग 20 लाख परीक्षा पत्रों की उम्मीद थी, लेकिन हमें लगभग 50 लाख मिले. हमारे साझेदार (टीसीआई एक्सप्रेस) हमेशा हमारे साथ संबंधों के कारण हमारे लिए प्रश्न पत्र लाते हैं और ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है. यह कॉन्ट्रैक्ट को सबलेट करने जैसा नहीं है.”

अधिकारी ने दिप्रिंट को यह भी बताया कि कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का कॉन्ट्रैक्ट नवंबर 2023 में दिया गया था.

बिहार एसएससी मामला और नाम परिवर्तन

2017 में विनीत आर्य उन लोगों में से एक थे जिन्हें बिहार एसएससी द्वारा सरकारी क्लर्क और सहायकों की भर्ती परीक्षा के लिए प्रश्नपत्र लीक होने के बाद गिरफ्तार किया गया था, जिसे रद्द करना पड़ा था. उन्हें एसएससी के तत्कालीन अध्यक्ष सुधीर कुमार, सचिव परमेश्वर राम और कुमार के रिश्तेदारों के साथ गिरफ्तार किया गया था.

मामले से संबंधित अदालती दस्तावेज़ से पता चलता है कि जांच में पश्चिम बंगाल, झारखंड, दिल्ली और गुजरात सहित कई अन्य राज्यों में लिंक पाए गए.

दस्तावेज़ से यह भी पता चलता है कि आर्य कॉन्फिसेक प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक के रूप में परीक्षा कार्य में शामिल थे — यह कंपनी बिहार एसएससी द्वारा प्रश्नपत्र छापने के लिए नियुक्त की गई थी.

पटना हाईकोर्ट के दस्तावेज़ से यह भी पता चलता है कि आर्य ने मामले के संबंध में 2020 में अनंतिम ज़मानत हासिल की थी, यह प्रस्तुत करने के बाद कि वह “मनोविकृति के साथ प्रमुख अवसादग्रस्तता विकार, आत्महत्या के विचार सह-रुग्ण जुनूनी बाध्यकारी विकार” से प्रभावित थे. मामले का निष्कर्ष अभी तक नहीं निकला है.

आर्य की गिरफ्तारी के तुरंत बाद कॉन्फिसेक ने अपना नाम बदल दिया.

गुजरात प्राधिकरण अग्रिम निर्णय, जीएसटी, अहमदाबाद के अगस्त 2018 के दस्तावेज़ से पता चलता है कि तब तक कॉन्फिसेक प्राइवेट लिमिटेड का नाम बदलकर एडुटेस्ट सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड कर दिया गया था.


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बिहार को ब्लैकलिस्ट करने का कारण क्या था?

दिप्रिंट के पास मौजूद दस्तावेज़ के मुताबिक, एडुटेस्ट सॉल्यूशंस को BSEB से 2022 में माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा या STET (वाणिज्य), 2023 में STET, 2023 में डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (DElEd) प्रवेश परीक्षा और 2023 में सिमुलतला आवासीय विद्यालय कक्षा 11 प्रवेश परीक्षा आयोजित करने के लिए कॉन्ट्रैक्ट मिला था.

इसके बाद, 20 अक्टूबर, 2023 को लिखे गए एक पत्र के माध्यम से, BSEB ने एडुटेस्ट सॉल्यूशंस को सूचित किया कि उसे बोर्ड के लिए कोई भी परीक्षा आयोजित करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है और तीन साल के लिए इससे संबंधित सभी कार्यों से ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है.

दिप्रिंट के पास मौजूद पत्र में कंपनी पर “बेहद लापरवाह व्यवहार” और “गैर-पेशेवर आचरण” का आरोप लगाया गया है. इसमें आगे बताया गया है कि 5,657 उम्मीदवारों को, जिन्होंने अपनी श्रेणी के लिए कट-ऑफ से कम स्कोर हासिल किए थे, फिर भी कंपनी द्वारा आयोजित एसटीईटी 2023 परीक्षा में “योग्य” घोषित किया गया.

इसमें ऑनलाइन आवेदन पोर्टल के समय पर लाइव न होने, परीक्षाएं देर से शुरू होने और परिणाम समय पर घोषित न होने जैसी देरी के बारे में भी बताया गया है.

2017 के पेपर लीक मामले में पटना हाईकोर्ट में बिहार एसएससी का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता सत्यबीर भारती ने दिप्रिंट से बात करते हुए बताया कि बोर्ड कंपनी द्वारा आयोजित कई परीक्षाओं में अनियमितताओं से असंतुष्ट था, यही वजह है कि उसने इसे सभी कामों से ब्लैकलिस्ट कर दिया. हालांकि, फर्म ने इसे हाई कोर्ट में चुनौती दी है.

सीएसआईआर परीक्षा में ‘नकल’

बीएसईबी द्वारा कंपनी को ब्लैकलिस्ट किए जाने से एक दिन पहले, उसे सीएसआईआर एसओ/एएसओ परीक्षा आयोजित करने का काम दिया गया. फरवरी 2024 में आयोजित, इन परीक्षाओं में देहरादून और राजस्थान में नकल और गिरफ्तारियों के आरोप लगे थे.

यह आरोप लगाया गया था कि “नकल माफिया” ने देहरादून के दो केंद्रों में निजी दूरसंचार नेटवर्क को सक्षम करने वाली लीज्ड लाइनों का उपयोग करके उम्मीदवारों को गुप्त रूप से प्रश्नों को हल करने में मदद की.

देहरादून पुलिस द्वारा दो एफआईआर दर्ज की गईं और कम से कम चार कथित गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार किया गया, जबकि दो केंद्र संचालक अभी भी मामलों में फरार हैं. इसी तरह, राजस्थान के बहरोड़ में उम्मीदवारों को धोखा देने में मदद करने के आरोप में कथित “सॉल्वर गिरोह” के सदस्यों को गिरफ्तार किया गया.

इसके बाद उम्मीदवारों के एक समूह ने परीक्षा को रद्द घोषित करने के लिए CAT का रुख किया.

सीएसआईआर टेंडर के दस्तावेज़ से पता चलता है कि इन परीक्षाओं के लिए 8 करोड़ 4 हज़ार रुपये का एंड-टू-एंड काम करने का ऑर्डर 19 अक्टूबर 2023 को एडुटेस्ट सॉल्यूशंस को दिया गया था.

दिप्रिंट से बात करते हुए, देहरादून के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि चूंकि, सरकार के पास इस तरह की बड़े पैमाने पर परीक्षा आयोजित करने के लिए कोई एजेंसी नहीं है, इसलिए वह निजी कंपनियों को काम पर रखती है, जो कर्मचारियों की कमी के कारण परीक्षा आयोजित करने के लिए अनुबंधों को सबलेट कर देती हैं या अन्य कंपनियों को काम पर रख लेती हैं.

दिप्रिंट ने सीएसआईआर के उप सचिव महेंद्र गुप्ता को ईमेल और टेक्स्ट मैसेज के जरिए सवाल भेजे हैं और उन्होंने कहा कि वे सोमवार को जवाब देंगे.


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नर्सिंग परीक्षा में गड़बड़ी

9 फरवरी को लखनऊ के आरएमएल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आरएमएलआईएमएस) के लिए एडुटेस्ट द्वारा आयोजित नर्सों की भर्ती परीक्षा में भी गड़बड़ी की गई.

उसी दिन संस्थान द्वारा जारी नोटिस में, जो दिप्रिंट के पास है, संस्थान की निदेशक सोनिया नित्यानंद ने कहा कि एडुटेस्ट सॉल्यूशंस को ओपन गवर्नमेंट ई मार्केटप्लेस (जीईएम) टेंडर के माध्यम से चुना गया था और उसे देश भर में 92 केंद्रों पर तकनीकी रूप से मजबूत और सुचारू परीक्षा आयोजित करने की जिम्मेदारी दी गई थी, जिनमें से 58 यूपी में थे.

नोटिस में कहा गया है कि संस्थान के स्वतंत्र पर्यवेक्षकों ने सात केंद्रों पर तकनीकी खामियां पाईं — जैसे सर्वर डाउन होना, सिस्टम काम नहीं करना, बिजली न होना आदि — जिसके कारण इन केंद्रों पर सुबह की शिफ्ट में रजिस्टर्ड उम्मीदवारों के लिए फिर से परीक्षा आयोजित की जाएगी. एडुटेस्ट सॉल्यूशंस द्वारा इन खामियों को ठीक करने में असमर्थता व्यक्त करने के साथ, नोटिस में यह भी कहा गया कि इन केंद्रों पर दोपहर की शिफ्ट में उम्मीदवारों के लिए परीक्षा रद्द कर दी जाएगी.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि बाद में परीक्षा प्रक्रिया का मूल्यांकन करने के लिए गठित एक समिति ने 18 केंद्रों में पुनः परीक्षा की सिफारिश की, जिसमें एडुटेस्ट ने उम्मीदवारों को उनके यात्रा खर्च की प्रतिपूर्ति की.

दिप्रिंट ने आरएमएलआईएमएस के प्रवक्ता डॉ ए.के. जैन से पुनः परीक्षा पर टिप्पणी के लिए संपर्क किया और यह भी पूछा कि क्या एडुटेस्ट को उम्मीदवारों के यात्रा खर्च की प्रतिपूर्ति करने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने रिपोर्टर को प्रोफेसर मीना जौहरी के पास भेज दिया, जिन्होंने कहा कि वे डिटेल्स मिलने के बाद सोमवार को बात कर पाएंगी.

बड़े ग्राहक, कॉन्ट्रैक्ट, आर्य समाज से संबंध

गुजरात-द इंस्पायरिंग एज (द टाइम्स ग्रुप द्वारा प्रकाशित एक कॉफी टेबल बुक जिसमें राज्य भर के विभिन्न उद्यमियों और उद्योग विशेषज्ञों की यात्रा को दर्शाया गया है) में प्रकाशित एक प्रोफाइल के अनुसार, कंपनी के संस्थापक सुरेशचंद्र आर्य अब परोपकार और समाज सेवा पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. इसमें उन्हें “आर्य समाज का अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष” भी कहा गया है.

सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा की वेबसाइट से पता चलता है कि सुरेशचंद्र आर्य इसके अध्यक्ष हैं. यह संस्था नई दिल्ली में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय आर्य महा सम्मेलन 2018 के आयोजकों में से एक थी — एक ऐसा इवेंट जिसमें तत्कालीन राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, तत्कालीन विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन और तत्कालीन मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री सत्य पाल सिंह के साथ-साथ 28 देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए थे.

अपनी वेबसाइट पर, एडुटेस्ट सॉल्यूशंस का दावा है कि इसने अब तक “1,590 उपभोक्ताओं” को सेवा प्रदान की है और “1,130 मिलियन परीक्षाएं” आयोजित की हैं और परीक्षण लेखन और बैंकिंग, परीक्षण प्रशासन, पंजीकरण और आवेदन प्रक्रिया, परिणाम प्रसंस्करण, मेरिट सूची निर्माण और परीक्षा और प्रश्न पत्र विश्लेषण को अपने द्वारा प्रदान किए जाने वाले “समाधान” के रूप में उल्लेख किया है.

इसमें उल्लेख किया गया है कि यह वर्तमान में भारत और विदेशों में 100 से अधिक प्रमुख ग्राहकों के साथ काम कर रहा है और यह अपनी पंजीकरण और आवेदन सेवाओं के लिए विश्वसनीय है.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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