नई दिल्ली: भाजपा के दिग्गज नेता, पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी और केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी अगले महीने अयोध्या में राम मंदिर के भव्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं होंगे, मंदिर ट्रस्ट ने सोमवार को इसकी जानकारी दी.
सोमवार को पत्रकारों से बात करते हुए, राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने कहा कि आडवाणी (96) और जोशी, जो अगले महीने 90 साल के हो जाएंगे, उनसे उम्र और स्वास्थ्य के आधार पर अगले साल 22 जनवरी को राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं होने का अनुरोध किया गया.
उन्होंने कहा, “दोनों परिवार के बुजुर्ग हैं और उनकी उम्र को देखते हुए उनसे न आने का अनुरोध किया गया, जिसे दोनों ने स्वीकार कर लिया है.”
राय ने कहा कि 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियां जोरों पर हैं. इसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शामिल होंगे.
राय ने बताया कि काशी विश्वनाथ, वैष्णोदेवी जैसे प्रमुख मंदिरों के प्रमुखों, धार्मिक और संवैधानिक संस्थानों के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया गया है.
उन्होंने बताया कि आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा, केरल की माता अमृतानंदमयी, योग गुरु बाबा रामदेव, अभिनेता रजनीकांत, अमिताभ बच्चन, माधुरी दीक्षित, अरुण गोविल, फिल्म निर्देशक मधुर भंडारकर और प्रमुख उद्योगपति मुकेश अंबानी, अनिल अंबानी, प्रसिद्ध चित्रकार वासुदेव कामत, इसरो के निदेशक नीलेश देसाई और कई अन्य जानी-मानी हस्तियां भी प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में मौजूद रहेंगे.
बता दें कि प्रतिष्ठा समारोह के बाद 24 जनवरी से उत्तर भारत की परंपरा के अनुसार 48 दिनों तक मंडल पूजा होगी. वहीं, 23 जनवरी से आम लोग रामलला के दर्शन कर सकेंगे.
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तैयारियां जोरो पर हैं
नगर आयुक्त विशाल सिंह ने बताया कि अयोध्या में श्रद्धालुओं के लिए शौचालय और महिलाओं के लिए ‘चेंजिंग रूम’ बनाए जाएंगे.
उन्होंने बताया कि राम जन्मभूमि परिसर में राम कथा कुंज कॉरिडोर बनाया जाएगा, भगवान राम के पुत्रष्टि यज्ञ से लेकर राम के राज्याभिषेक तक की घटनाओं को मूर्तियों के माध्यम से मनाने के लिए झांकियां सजाई जाएंगी ताकि युवा अगली पीढ़ी श्री राम के जीवन को करीब से समझ सकें.
राम कथा कुंज गलियारे को भगवान राम के जीवन पर आधारित 108 प्रसंगों के माध्यम से सजाया जाएगा. इसके अलावा यात्री सुविधा केंद्र के मार्ग पर गलियारे को भी सजाया जाएगा.
तैयारियों के बीच, मंदिर शहर के स्थानीय लोग भारत और विदेश से आने वाले पर्यटकों से उन्हें दिए गए आतिथ्य के बदले में प्राप्त दान से आय के नए रास्ते मिलने से खुश हैं.
राय ने कहा कि विभिन्न परंपराओं के 150 साधु-संतों और छह दर्शन परंपराओं के शंकराचार्य सहित कुल 13 अखाड़े इस भव्य आयोजन में भाग लेंगे.
उन्होंने कहा, “कार्यक्रम में करीब चार हजार संतों को आमंत्रित किया गया है. इसके अलावा 2,200 अन्य अतिथियों को भी निमंत्रण भेजा गया है.”
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