नई दिल्ली : मध्य प्रदेश चुनाव में हार के बाद भाजपा भी अंतर्कलह का शिकार हो गयी है और खलबली मच गयी है. इसकी शुरुआत ग्वालियर से केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के खिलाफ हुई है. भाजपा के शीर्ष नेतृत्व पर सवाल उठाने वालों की सांसदों की संख्या में इजाफ़ा हुआ है और पार्टी के भीतर स्थिति ख़राब होती जा रही है.
मध्य प्रदेश में भाजपा के सत्ता से बाहर होते ही विरोध और असंतोष के स्वर मुखर होने लगे हैं. मध्य प्रदेश से भाजपा महानगर इकाई के विशेष आमंत्रित सदस्य और उच्च न्यायालय के अधिवक्ता अवधेश सिंह भदौरिया ने पार्टी अध्यक्ष व प्रदेशाध्यक्ष को पत्र लिखकर तोमर पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक संजय काकडे ने कहा था, ‘मुझे पता था कि राजस्थान और छत्तीसगढ़ में हम हारेंगे. मुझे लगता है कि नरेंद्र मोदी ने 2014 में विकास का जो मुद्दा उठाया था उसे हम भूल गए हैं, और राम मंदिर, मूर्तियां बनाने और जगहों के नाम बदलने पर ध्यान देने लगे हैं.’
Sanjay Kakade, BJP Rajya Sabha MP: I knew we would lose in Rajasthan & Chhattisgarh but MP trends have come as a surprise. I think we forgot the issue of development that Modi took up in 2014. Ram Mandir, statues & name changing became the focus. #AssemblyElectionResults2018 pic.twitter.com/pHXe4PwhPr
— ANI (@ANI) December 11, 2018
उन्होंने यह भी कहा, ‘यही वजह है कि आज भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ रहा है. पार्टी नेताओं को हनुमानजी की जाति जांचने के बजाय विकास पर ध्यान देना चाहिए.’
भाजपा सांसद शत्रुघन सिन्हा ने हर बार की तरह भाजपा पर करारा हमला बोला और कांग्रेस की सराहना की. उन्होंने कहा,’ ताली कप्तान को तो गाली कप्तान को और गाली कप्तान को ताली कप्तान को मिलनी चाहिए’. ट्वीट करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि अब तय करना चाहिए कि फेंकू कौन है और पप्पू कौन.
Sir ji !
Now please tell us who’s ‘Pappu’ and who’s turned out to be the real ‘Feku’!
Our own dashing, dynamic & of course charming @RahulGandhi once again and once for all has shown his charisma.
Sirji ‘Taali Captain ko to Gaali bhi captain ko‘!
Don’t you think Rahul Gandhi— Shatrughan Sinha (@ShatruganSinha) December 12, 2018
भदौरिया ने कथित तौर पर एक पत्र पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह के नाम लिखकर केंद्रीय मंत्री तोमर पर आरोप लगाया है कि उन्होंने अपने बेटों को स्थापित करने के लिए ग्वालियर-चंबल की सीट सहित कई सीटों के लिए कमजोर उम्मीदवार दिए लिहाजा पार्टी को हार का सामना करना पड़ा.
भदौरिया के पत्र में आरोप लगाया गया है कि मुरैना के दिमनी विधानसभा क्षेत्र से सोची-समझी रणनीति के तहत कमजोर उम्मीदवार उतारे गए. इसी तरह ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र से जयभान सिंह पवैया को हराने का काम किया गया.
भाजपा के मध्यप्रदेश इकाई अध्यक्ष राकेश सिंह ने भी अपना इस्तीफा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को सौंप दिया है लेकिन उनके इस्तीफे को नामंजूर कर कर दिया गया है. भाजपा सांसद ने भी हार कि पूरी जिम्मेवारी अपने ऊपर लेते हुए इस्तीफा दिया था.
इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था.
गौरतलब है कि राज्य की 230 विधानसभा सीटों में से 114 सीटों के साथ कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनी है, वहीं भाजपा को 109 सीटें मिलीं. कांग्रेस को बसपा और सपा ने समर्थन दिया है, जिससे कांग्रेस के लिए बहुमत का रास्ता आसान हो गया है.