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Thursday, 25 April, 2024
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‘गुंडों, मवालियों की पार्टी है BJP’- बिहार विधानसभा में भाजपा नेता ने माइक तोड़ा, सस्पेंड

तेजस्वी यादव के आधिकारिक कार्यालय के ट्वटिर हैंडल से भाजपा विधायक का सदन में भाषण देते हुए वीडियो ट्वीट किया गया है, जिसमें उनके नेताओं को गुंडा, मवाली कहा गया है और उस पर लोकतंत्र, संवाद में यकीन न करने का आरोप लगाया है.

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नई दिल्ली : बिहार विधानसभा में भाजपा विधायक लखेंद्र रौशन ने मंगलवार को सदन में बोलते हुए माइक तोड़ दिया, जिसके बाद स्पीकर ने उन्हें सदन से दो दिन के लिए निलंबित कर दिया है. उनके निलंबन के खिलाफ भाजपा विधायक धरने पर बैठ गये हैं.

वहीं बिहार सरकार ने विधानसभाध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने एक ‘अच्छी मिसाल’ कायम की है.

तेजस्वी यादव के आधिकारिक कार्यालय के ट्वटिर हैंडल से भाजपा विधायक का सदन में भाषण देते हुए वीडियो ट्वीट किया गया है, जिसमें उनके नेताओं को गुंडा, मवाली कहा गया है और उस पर लोकतंत्र, संवाद में यकीन न करने का आरोप लगाया गया है.

ट्वीट में लिखा है, ‘गुंडों, मवालियों की पार्टी BJP ने सदन को भी अपनी गुंडई का अखाड़ा बना लिया है. देखिए, कैसे BJP के एक विधायक बिहार विधानसभा में अपने सवाल के जवाब के पश्चात् तीन ओर पूरक प्रश्न पूछने के उपरांत भी माइक को तोड़ रहे हैं. BJP को लोकतंत्र, संवाद और लोकलाज में कोई यकीन नहीं है.’

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गौरतलब है कि मंगलवार को भ्रष्टाचार के मुद्दों को लेकर सदन में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच जोरदार हंगामा हुआ. दोनों एक-दूसरे खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाते रहे हैं. विपक्ष की ओर से स्थगन प्रस्ताव दिया गया था. जिस पर दोनों तरफ से जोरदार हंगामा हुआ. विपक्ष ने सत्तापक्ष के लोगों को भ्रष्टाचारी कहा और सत्तापक्ष ने भी विपक्ष पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया.

इस दौरान लखेंद्र रौशन के एक सवाल पर सदन में जोरदार तरीके से हंगामा किया गया. इसको लेकर लखेंद्र पाल का माइक बंद कर दिया जिसके बाद वह गुस्से में आकर माइक तोड़ दिये. इसके बाद सदन को स्थगित कर दिया गया.

विधानसभा अध्यक्ष चौधरी ने जैसे ही लखेंद्र रौशन के निलंबन की घोषणा की, रौशन खड़े हो गए और कहा कि उन्होंने ‘माइक्रोफोन नहीं तोड़ा था, वह खराब था और खुद ही बाहर आ गया था.

उन्होंने चिल्ला कर कहा, ‘मैं कार्यवाही में भाग ले रहा था. प्रश्नकाल के दौरान बोलने की मेरी बारी थी और माइक्रोफोन ठीक से काम नहीं कर रहा था. मैंने इसे ठीक करने की कोशिश की लेकिन यह खराब था और खुद ही बाहर आ गया.’

रौशन ने कहा, ‘सत्यदेव राम (सीपीआई-एमएल लिबरेशन विधायक) ने मेरे खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया. इसके बाद भी मुझे ही दोषी ठहराया जा रहा है. किसी दलित विधायक को इस तरह परेशान नहीं किया जाना चाहिए.’

इसके बाद सदन में कुछ देर तक हंगामे की स्थिति रही और बाद में सभी भाजपा सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया.

विधानसभा अध्यक्ष की कार्रवाई के बाद संसदीय मामलों के मंत्री विजय कुमार चौधरी ने रौशन के ‘अलोकतांत्रिक और असंसदीय व्यवहार’ की निंदा की और कहा कि रौशन को माफी मांगनी चाहिए.

विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने कहा, ‘जो हुआ, उसके लिए दोनों पक्ष समान रूप से जिम्मेदार हैं. हमारे विधायकों को सत्ता पक्ष ने उत्तेजित किया. अगर माफी मांगनी है तो दोनों तरफ से मांगी जानी चाहिए.’

उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा, ‘भाजपा के लोगों को गलतबयानी करने की आदत है. उन्होंने सदन के अंदर गलत बोला कि तमिलनाडु में प्रवासी श्रमिकों पर हमला किया जा रहा है. अब वे फिर झूठ बोल रहे हैं, यहां तक कि अध्यक्ष पर भी पक्षपात करने का आरोप लगा रहे हैं.’

सदन में हंगामे की शुरुआत उस समय शुरू हुई जब प्रश्नकाल का 10 मिनट समय शेष था और रौशन एक तारांकित प्रश्न पूछ रहे थे एवं संबंधित मंत्री सरकार का जवाब प्रस्तुत कर रहे थे. इसी दौरान भाकपा(माले)-लिबरेशन विधायक सत्यदेव राम ने भी कुछ बोलने का प्रयास किया.

राम की पार्टी राज्य की नीतीश कुमार सरकार को बाहर से समर्थन देती है.

राम ने सदन से बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘अध्यक्ष ने एक अन्य सदस्य का नाम पुकारा, तब रौशन ने गुस्से में माइक्रोफोन को तोड़ दिया. मैं केवल अनियंत्रित व्यवहार की ओर इशारा करने के लिए खड़ा हुआ था. उन्होंने मुझे अपशब्द कहे.’

विपक्ष के नेता सिन्हा ने आरोप लगाया, ‘विपक्ष के प्रति अध्यक्ष का व्यवहार अनुचित रहा है. जब भी विपक्ष ने लोगों के मुद्दों को उठाने का प्रयास किया, उसे बाधित किया गया. हम मूक दर्शक नहीं बने रह सकते. सत्ता पक्ष ने भी गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार किया. कार्यवाही सुचारू रूप से चले, यह सुनिश्चित करने का दायित्व सत्ता पक्ष पर है.’

बीजेपी तेजस्वी यादव का मांग रही है इस्तीफा

बता दें कि पिछले दिनों रेलवे में नौकरी के बदले कथित जमीन घोटाला मामले में सीबीआई और ईडी ने राबड़ी देवी, लालू प्रसाद यादव समेत उनके परिवार से पूछताछ की थी. इसी को लेकर सदन में विपक्षी नेता तेजस्वी यादव के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी मांग कर रहे हैं कि आपके उपमुख्यमंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं आप उनका जल्द से जल्द इस्तीफा लीजिए.

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट्स के साथ)


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