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Monday, 23 December, 2024
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तीन मुख्यमंत्रियों को जेल भेजनेवाले नेता को बीजेपी ने नहीं दिया टिकट

सरयू राय ने कहा, ‘पिछले दिनों मानसिक प्रताड़ना से गुजरा हूं. मैं टिकट के लिए कटोरा लेकर खड़े होनेवालों में नहीं हूं. मेरा स्वभाव है भ्रष्टाचार और प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई लड़ना, लड़ते रहूंगा. चुप बैठने वालों में नहीं हूं. मेरे कदम रुकनेवाले नहीं हैं.’

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रांची: चारा घोटाले को उठाने वाले, कोयला घोटाले को उठाने वाले और तीन मुख्यमंत्रियों स्व. जगन्नाथ मिश्र, लालू प्रसाद यादव और मधु कोड़ा को जेल भिजवाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले अपने नेता को बीजेपी ने टिकट नहीं दिया. ये हैं जमशेदपूर पश्चिमी के विधायक और वर्तमान सरकार में खाद्य आपूर्ति मंत्री रहे सरयू राय.

सरयू राय ने अपने वर्तमान सीट के अलावा जमशेदपुर पूर्वी (यहीं से सीएम रघुवर दास चुनाव लड़ रहे हैं और पांच बार विधायक बने हैं) से भी चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है. इन दोनों सीटों पर 18 नवंबर को नामांकन का आखिरी दिन है. दोनों नेता इसी दिन नामांकन करने जा रहे हैं. इसी सीट से कांग्रेस ने अपने प्रवक्ता और सोशल मीडिया में मशहूर गौरव वल्लभ को टिकट दिया है.

बीते 10 नवंबर को बीजेपी की पहली सूची जारी हुई थी. तब से चार सूची जारी हो गई, कुल 71 सीटों पर उम्मीदवार घोषित हो चुके हैं. लेकिन, अब तक सरयू राय के नाम की घोषणा नहीं की गई थी. बीजेपी विधानसभा के 81 सीटों में से 79 पर अपने उम्मीदवार उतारेगी. अब तक सहयोगी रह चुके आजसू प्रमुख सुदेश महतो के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारेगी. एक सीट पर निर्दलीय को समर्थन दिया है.

सरयू ने कहा, ‘टिकट के लिए कटोरा लेकर नहीं रहूंगा खड़ा’

शनिवार 16 नवंबर को जमशेदपुर के बिष्टूपुर में हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरयू राय ने कहा, ‘भाजपा ने बिना मांगे बहुत कुछ दिया. एमएलसी, विधायक से मंत्री तक बनाया. मैंने विद्यार्थी परिषद से राजनीतिक जीवन की शुरूआत की थी. मैं पार्टी को टिकट न घोषित कर पाने के दवाब से मुक्त करता हूं. पार्टी जल्दी से किसी को टिकट दे दे.’

उन्होंने कहा, ‘पिछले दिनों मानसिक प्रताड़ना से गुजरा हूं. मैं टिकट के लिए कटोरा लेकर खड़ा होने वालों में नहीं हूं. मेरा स्वभाव है भ्रष्टाचार और प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई लड़ना, लड़ते रहूंगा. चुप बैठने वालों में नहीं हूं. मेरे कदम रुकनेवाले नहीं हैं.’

रविवार को एक बार फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी से इस्तीफे की घोषणा कर दी. इधर शनिवार को जैसे ही सरयू राय ने बगावती तेवर अपनाए, विपक्षी पार्टियों ने उनका समर्थन करना शुरू कर दिया. नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने कहा कि, ‘सभी विपक्षी दलों को सरयू राय का समर्थन करना चाहिए.’ गठबंधन के तहत जमशेदपुर पश्चिमी सीट कांग्रेस के खाते में है. इधर रात के 12 बजे  कांग्रेस ने गौरव वल्लभ के प्रत्याशी होने की घोषणा कर दी.

कब-कब उलझे रघुवर दास से रिश्ते

बीते सार 27 दिसंबर को सीएजी की एक रिपोर्ट में कंबल घोटाले का जिक्र हुआ. जिसके बाद सरयू राय ने उसी दिन विधानसभा में सरयू राय ने इस पर सीबीआई जांच की मांग कर डाली.

बीते साल सात फरवरी एक चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था कि इस सरकार में बने रहने में वह शर्मिंदगी महसूस करते हैं. अधिकारी उनके किसी भी सलाह या आदेश का पालन नहीं करते हैं. उन्होंने पीएम मोदी से कहा था कि उन्हें मंत्री पद से मुक्त कर दिया जाए.


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इससे पहले उन्होंने फरवही 2018 में संसदीय कार्य मंत्री का पद छोड़ दिया था. यही नहीं राज्य के महाधिवक्ता जिसकी नियुक्ति सरकार करती है, उन्होंने सरयू राय के खिलाफ झारखंड बार काउंसिल की तरफ से निंदा प्रस्ताव पारित करवाया था. यही वजह थी की इस साल 14 फरवरी के बाद उन्होंने एक भी कैबिनेट की बैठक में हिस्सा नहीं लिया.

निष्कासित होने से पहले दिया इस्तीफा

इधर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ ने कहा कि, ‘प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते हमने प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से तीन-तीन नामों की अनुशंसा केन्द्रीय नेतृत्व से की थी. इसमें सरयू राय का नाम एक नंबर पर था.’ वहीं सरयू राय के बगावती तेवर पर कहा कि, ‘पार्टी के नियम के मुताबिक वह ऐसा करने पर वह छह साल के लिए निष्काषित हो जाएंगे.’ हालांकि, उससे पहल सरयू राय ने खुद पार्टी से इस्तीफा दे दिया है.

वहीं, बीजेपी के जमशेदपुर जिलाध्यक्ष दिनेश कुमार ने कहा कि, ‘सरयू राय के जाने के कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. ऐसे कई लोग आए और गए. कार्यकर्ता पार्टी के साथ रहते हैं, नेता विशेष के साथ नहीं.’ वहीं, जिला महिला मोर्चा की अध्यक्ष नीरू सिंह ने कहा कि वह बैठक में सरयू राय के साथ शामिल हुई हैं.


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पूरे मसले पर गोड्डा के बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने अपने फेसबुक पर शायर मुनीर नियाजी की शेर को लिखा – ‘जानता हूं एक ऐसे शख्स को मैं भी ‘मुनीर’, गम से पत्थर हो गया लेकिन कभी रोया नहीं’. इसके साथ उन्होंने सरयू राय के साथ खुद की फोटो पोस्ट की है.

झारखंड के वरिष्ठ पत्रकार रवि प्रकाश कहते हैं सरयू राय के इस कदम से सीएम रघुवर दास एक्सपोज हो जाएंगे, क्योंकि उन्होंने साफ कहा है कि अब तक जितने मामले मैंने उठाए हैं, वह केवल पांच प्रतिशत है. 95 प्रतिशत मामलों का आना बाकि है. पूराने रिकॉर्ड को देखते हुए उनकी बातों को हल्के में नहीं लिया जा सकता है.

इन सब के बीच यह बात भी याद रखना चाहिए कि इस सरकार के कार्यकाल के दौरान 19 से अधिक भूख से मौतें हुई हैं. खाद्य आपूर्ति मंत्रालय सरयू राय के पास ही रहा है. अब देखने वाली बात होगी कि आनेवाले समय में वह किस तरह से रघुवर दास और बीजेपी को घेरते हैं.

(आनंद दत्ता स्वतंत्र पत्रकार हैं.)

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