भुवनेश्वर: बीजू जनता दल (बीजद) ने बुधवार को ओडिशा में सामाजिक व आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों (एसईबीसी) से संबंधित छात्रों के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर राजभवन के बाहर प्रदर्शन किया.
सांसदों, विधायकों, वरिष्ठ नेताओं और छात्रों वाले बीजद के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति से मुलाकात की और ओबीसी के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए उनके हस्तक्षेप की मांग करते हुए एक ज्ञापन सौंपा. ओडिशा में ओबीसी को एसईबीसी कहा जाता है.
राज्य की भाजपा सरकार ने पिछले हफ्ते चिकित्सा, इंजीनियरिंग व तकनीकी पाठ्यक्रमों को छोड़कर उच्च शिक्षा में एसईबीसी श्रेणी के छात्रों के लिए 11.25 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की थी, जिसके बाद आंदोलनकारियों ने विरोध प्रदर्शन रैली का आयोजन किया.
बीजद और कांग्रेस दोनों की ओर से राज्य सरकार के फैसले का विरोध किया जा रहा है तथा उच्च शिक्षा में एसईबीसी छात्रों के लिए 11.25 प्रतिशत के बजाय 27 प्रतिशत आरक्षण और चिकित्सा, इंजीनियरिंग व तकनीकी पाठ्यक्रमों को शामिल करने की मांग की जा रही है.
सत्तारूढ़ भाजपा ने मंगलवार को कहा कि मेडिकल व इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में भी एसईबीसी छात्रों को 11.25 प्रतिशत कोटा दिया जाएगा. हालांकि, राज्य सरकार ने इसे अभी लागू नहीं किया है.
ज्ञापन में बीजद ने राज्यपाल से हस्तक्षेप की मांग की और कहा कि ओडिशा में भाजपा सरकार द्वारा उठाए गए कदम अपर्याप्त हैं.
बीजद ने ज्ञापन में कहा, “राज्य में मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में आरक्षण नहीं बढ़ाया गया है. इसके अलावा, हम इस बात का जिक्र करना चाहेंगे कि अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अनुसूचित जाति (एससी) ओडिशा की आबादी का क्रमशः 22.5 प्रतिशत और 16.25 प्रतिशत हैं जबकि तकनीकी, मेडिकल व इंजीनियरिंग कॉलेजों में वर्तमान आरक्षण एसटी के लिए केवल 12 प्रतिशत और एससी के लिए 8 प्रतिशत है – कुल मिलाकर यह केवल 20 प्रतिशत है.’’
इसमें कहा गया, “यह आबादी के हिसाब से उन्हें मिलने वाले 38.75 प्रतिशत संयुक्त आरक्षण से काफी कम है.”