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Thursday, 25 April, 2024
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बिटकॉइन घोटाले को दबाया नहीं जा सकता, PM मोदी ने बोम्मई को याद दिलाई- साफ-सुथरी सरकार की प्राथमिकता

पिछले सप्ताह PM से मिलने बाद कर्नाटक CM ने दावा किया था, कि बिटकॉयन घोटाले पर चर्चा को हुई, लेकिन मोदी ने उनसे कहा कि वो चिंता न करें. अब मंत्रियों का कहना है कि PM ने स्पष्टीकरण मांगे हैं.

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बेंगलुरू: इधर कर्नाटक में करोड़ों का कथित बिटकॉइन घोटाला, बीजेपी सरकार के लिए मुश्किलें पैदा कर रहा है, उधर दिप्रिंट को पता चला है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने, सीएम बसवराज बोम्मई को सतर्कता बरतने की सलाह दी है.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और बीजेपी के सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि 11 नवंबर को बोम्मई के साथ हुई मीटिंग के दौरान, मोदी ने कथित घोटाले पर उनसे स्पष्टीकरण मांगे हैं, और कर्नाटक सीएम को याद दिलाया कि उनकी प्राथमिकता क्या होनी चाहिए—ये सुनिश्चित करना कि उनकी सरकार की छवि कलंकित न हो.

सूत्रों के दावे बोम्मई की बातों का खंडन करते हैं, जो उन्होंने पीएम से अपनी मुलाक़ात के बाद की थीं. सीएम ने मीटिंग में बिटकॉइन मुद्दा उठाए जाने की बात को रहस्य नहीं रखा, लेकिन दावा किया कि पीएम ‘बिटकॉइन मुद्दे पर ज़्यादा बात नहीं करना चाहते थे’.

उन्होंने कहा था, ‘लेकिन मैंने ख़ुद उसे उठाया. प्रधानमंत्री ने मुझे आश्वस्त किया कि बिटकॉइन मुद्दे की ज़्यादा चिंता न करूं’.

बेंगलुरू अपराध शाखा को अचानक कथित बिटकॉइन घोटाले का तब पता चला जब वो 2020 में एक ड्रग केस की जांच कर रही थी. मामले में मुख्य अभियुक्त एक 25 वर्षीय हैकर श्रीकृष्णा रमेश उर्फ श्रीकी है, जिस पर कर्नाटक सरकार के ई-ख़रीद पोर्टल को हैक करके पैसे की ठगी, पैसिफिक गेमिंग प्रा. लि. नाम की एक ऑनलाइन पोकर साइट की हैकिंग, बिटकॉइन एक्सचेंजेज़ की हैकिंग, और क्रिप्टोकरेंसी चोरी के मुक़दमे क़ायम किए गए हैं. इसी महीने श्रीकृष्णा को, जो अब ज़मानत पर बाहर है, बेंगलुरू पुलिस ने एक अलग मामले- एक लग्ज़री होटल में झगड़े- में गिरफ्तार किया था, लेकिन फिर ज़मानत पर छोड़ दिया था.

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उसके बाद से कांग्रेस कर्नाटक सरकार पर बनावटी जांच करने, और अपराधों पर पर्दा डालने का आरोप लगा रही है, ख़ासकर इसलिए भी कि बोम्मई ने केस को एक ‘नॉन-इश्यू’ कहकर ख़ारिज कर दिया है. उन्होंने इस साल जुलाई में पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा के कुर्सी छोड़ने के बाद, कर्नाटक सीएम का पद संभाला था.


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बिटकॉइन पर स्पष्टीकरण की मांग

एक वरिष्ठ आरएसएस पदाधिकारी से बोम्मई कैबिनेट में शामिल हुए एक मंत्री ने, सीएम की पिछले हफ्ते पीएम के साथ हुई बैठक के बाद कहा कि भले ही कोई मुख्यमंत्री क्यों न हो, पीएम से बात करने के लिए एक घंटे का समय नहीं मिलता, जब तक कि ख़ुद पीएम किसी बारे में बात न करना चाहते हों.

मंत्री ने कहा, ‘बिटकॉइन मामले पर स्पष्टीकरण मांगे गए हैं, लेकिन दिए गए जवाबों से पीएम संतुष्ट थे या नहीं ये मालूम नहीं है’. उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली से वापस आने के बाद, ख़ुद सीएम ने अपने कुछ सहयोगी मंत्रियों के समूह के साथ, एक अनौपचारिक बैठक में ये विवरण साझा किया था.

ज़्यादा अहम ये है कि प्रधानमंत्री ने कथित रूप से इस बात पर बल दिया कि खासकर इस जुलाई में बीएस येदियुरप्पा की विदाई के बाद, बोम्मई को सरकार की एक ‘साफ-सुथरी छवि’ बनाए रखने की ज़रूरत है. येदियुरप्पा सरकार के खिलाफ बासनगौड़ा पाटिल जैसे बीजेपी के अपने नेताओं ने ही, भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के आरोप लगाए थे.

मंत्री ने आगे कहा, ‘चाहे आप इसे चेतावनी कहें या सलाह, पीएम ने बोम्मई से सरकार की स्वच्छ छवि बनाए रखने, और ये सुनिश्चित रखने के लिए कहा है कि सरकार का काम किसी संदेह, या सार्वजनिक छवि को नुक़सान पहुंचे बिना, सुचारू रूप से चलना चाहिए’.

बोम्मई के ऑफिस सूत्रों ने भी पिछले हफ्ते, सीएम की मोदी के साथ चली लंबी बैठक पर आश्चर्य का इज़हार किया. बोम्मई के एक क़रीबी सूत्र ने दिप्रिंट को बताया, ‘सुबह 11 बजे का समय निर्धारित था. सीएम दोपहर तक ही बाहर आए. बैठक की इतनी लंबी अवधि से हम भी हैरान हैं’. उन्होंने आगे कहा कि बोम्मई ने पीएम को अपने 100 दिनों के कार्यों का ब्यौरा दिया, और बहुत से विषयों पर चर्चा की जिनमें बिटकॉइन मुद्दा भी शामिल था.

एक दूसरे मंत्री ने, जो बोम्मई की पीएम के साथ हुई बैठक से वाक़िफ थे, कहा कि सीएम से कहा गया है कि वो कर्नाटक में, 2023 के आगामी असेम्बली चुनावों की चिंता न करें, बल्कि उसकी बजाय शासन पर ध्यान केंद्रित करें.

दूसरे मंत्री ने आगे कहा, ‘बोम्मई से कहा गया है कि वो वोट शेयर बढ़ाने, चुनाव जीतने या पार्टी का आधार विस्तारित करने की चिंता न करें, बल्कि उन्हें सिर्फ सुचारू रूप से सरकार चलाना है. पीएम ने बोम्मई से कहा है कि चुनावों से पहले मैदान में उतरने का काम वो उनके और पार्टी के लिए छोड़ दें’.

ये सलाह हंगल और सिंदगी के हालिया उपचुनावों के बाद आई है, जो बोम्मई के लिए निराशाजनक साबित हुए- हालांकि बीजेपी सिंदगी में जीत गई, लेकिन बोम्मई का इलाका मानी जाने वाली हंगल सीट पर वो कांग्रेस से हार गई.

दूसरे मंत्री ने कहा, ‘हालांकि ये सही है कि हंगल में कांग्रेस उम्मीदवार मज़बूत था, लेकिन हम लिंगायत वोटों को एकजुट नहीं कर सके. हमें उम्मीद थी कि सदर लिंगायत थोक भाव से हमें वोट देंगे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. उससे नतीजे पलट सकते थे’. ये उल्लेख इस मामले में अहम था कि बोम्मई का ताल्लुक़, लिंगायत समुदाय के सदर उफ-संप्रदाय से है.

बिटकॉइन ने BJP नेताओं को सतर्क किया

बीजेपी और कर्नाटक सरकार के सूत्र इशारा करते हैं कि बिटकॉइन विफलता ने पार्टी के नेताओं को सतर्क कर दिया है. हालांकि बीजेपी प्रवक्ता सार्वजनिक रूप से बोम्मई सरकार का बचाव कर रहे हैं, लेकिन बोम्मई सरकार में कांग्रेस के आरोपों का जवाब देने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. के सुधाकर अकेले नेता थे.

ये बात विपक्षी की निगाहों से छुपी नहीं है. 13 नवंबर को स्वास्थ्य मंत्री द्वारा रात 9 बजे जल्दबाज़ी में बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस के कुछ ही घंटों के बाद, कांग्रेस विधायक और कर्नाटक के पूर्व आईटी मंत्री ने पूछा, ‘एचएम का मतलब होम मिनिस्टर है या हेल्थ मिनिस्टर? बिटकॉइन घोटाले पर स्वास्थ्य मंत्री प्रेस कॉन्फ्रेंस क्यों कर रहे हैं, जो गृहमंत्री के कार्य क्षेत्र में आता है?’

बीजेपी नेता भी इस केस में स्पष्टता का इंतज़ार कर रहे हैं. केंद्रीय नेतृत्व से नज़दीकी संबंध रखने वाले एक वरिष्ठ विधायक ने दिप्रिंट से कहा, ‘अगर पीएम ने इसमें रुचि ली है, तो कोई कारण ज़रूर होगा. ये कोई ऐसा मामला नहीं है जिसमें कोई राई का पहाड़ बना रहा है. मामले में जांच और स्पष्टता की ज़रूरत है’.

इस मामले पर प्रदेश बीजेपी प्रमुख नलिन कुमार कतील की ख़ामोशी ने भी विपक्ष तथा पार्टी के अंदरूनी लोगों का ध्यान खींचा है. तटीय कर्नाटक के एक बीजेपी विधायक, जो उसी क्षेत्र से आते हैं, जहां से कतील हैं, कहा, ‘हमने कतील से बिटकॉइन मुद्दे पर बोलने के लिए कहा है, क्योंकि हम उनकी ओर से नहीं बोल सकते’.

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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