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Monday, 7 October, 2024
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SCO समिट में बोले बिलावल भुट्टो- राजनयिक फायदे के लिए आतंकवाद को हथियार बनाने के चक्कर में न पड़ें

पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने यह बात जयशंकर द्वारा एससीओ बैठक में सीमा पार आतंकवाद की बात करने और यह रेखांकित करने के बाद कही कि यह किस तरह 'बेरोकटोक' जारी है.

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पणजी (गोवा) : पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ज़रदारी ने शुक्रवार को एससीओ को आपसी समझ और सुरक्षा का मंच बताते हुए कहा कि जब अमन पैदा करने वाली महान ताकतें भूमिका निभाएं तो शांति की संभावना को खोला जा सकता है, उन्होंने गोवा में विदेश मंत्रियों की एससीओ-परिषद की बैठक के संबोधन के दौरान ये बातें कही.

एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक में ज़रदारी ने मुख्य तौर पर सामूहिक रूप से आतंकवाद के खतरे को खत्म करने की गुजारिश की. उन्होंने कहा, ‘राजनयिक फायदे के लिए आतंकवाद को हथियार बनाने के चक्कर में न पड़ें.’

उन्होंने ये बातें जयशंकर द्वारा एससीओ बैठक में अपने उद्घाटन भाषण के दौरान सीमा पार आतंकवाद की बात करने और यह रेखांकित करने के बाद कही कि यह किस तरह ‘बेरोकटोक’ जारी है.

ज़रदारी यहां शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की परिषद (सीएफएम) में हिस्सा लेने के लिए आए हैं और वह लगभग 12 सालों में भारत का दौरा करने वाले पहले पाकिस्तानी विदेश मंत्री हैं.

बहु-पक्षवाद के प्रति पाकिस्तान की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए बिलावल ने कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय कानून और सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के उल्लंघन में देशों द्वारा किए जा रहे एकतरफा और अवैध उपाय एससीओ के मकसदों के उलट हैं.’

पाकिस्तान की ओर से सीमा पार आतंकवाद की वजह से भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध कई सालों से अस्थिर रहे हैं, यहां तक ​​कि इस्लामाबाद किसी भी बातचीत से पहले पूर्व भारतीय राज्य जम्मू और कश्मीर में अनुच्छेद 370 की बहाली की मांग कर रहा है.

हाल ही में 20 अप्रैल को, जम्मू-कश्मीर के राजौरी सेक्टर में भीमबेर गली और पुंछ से गुजरने वाले सेना के एक वाहन पर अज्ञात आतंकवादियों द्वारा फायरिंग की गई, जिससे पांच सैनिकों की मौत हो गई.

सूत्रों के मुताबिक, इन आतंकवादियों के लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से जुड़े होने का संदेह है.

अपने संबोधन में, ज़रदारी ने एक अंतर सरकारी संगठन के तौर एससीओ की भूमिका पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा, ‘रचनात्मक और पारस्परिक फायदेमंद सहयोग से आपसी समझ, सुरक्षा व विकास को बढ़ावा देने के लिए एससीओ एक मंच के तौर पर उभरा है.’

उन्होंने सामूहिक कदम उठाने की भी गुजारिश की और कहा कि हमारे लोगों की सामूहिक सुरक्षा हमारी मिली-जुली जिम्मेदारी है.

ज़रदारी ने एससीओ के प्रति पाकिस्तान की मजबूत प्रतिबद्धता को दोहराया. पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा, ‘इस सीएफएम के लिए यहां गोवा में मेरी मौजूदगी से ज्यादा कोई शक्तिशाली संकेत नहीं हो सकता है कि पाकिस्तान एससीओ को कितना अहमियत देता है.

इससे पहले आज, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शंघाई सहयोग संगठन के एक कॉन्क्लेव में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ज़रदारी का गोवा में ‘नमस्ते’ करके स्वागत किया.

एससीओ सदस्य देशों की दो दिवसीय बैठक यहां बृहस्पतिवार से शुरू हुई है. तस्वीरों में भारतीय परंपरा के मुताबिक जयशंकर को हाथ मिलाने से परहेज कर ‘नमस्ते’ के साथ जरदारी का अभिवादन करते हुए देखा गया.

कल तटीय राज्य में अपने आगमन पर ज़रदारी ने कहा था कि वह मित्र देशों के समकक्षों के साथ रचनात्मक बातचीत को लेकर आशान्वित हैं. भारतीय राजनयिक जेपी सिंह (संयुक्त सचिव, पाकिस्तान-अफगानिस्तान-ईरान डेस्क) ने हवाई अड्डे पर पाकिस्तान के मंत्री की अगवानी की.

पाकिस्तान के विदेश मंत्री, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के निमंत्रण पर एससीओ सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे हैं.


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