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Wednesday, 13 November, 2024
होमदेशबिहार के CM नीतीश कुमार ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों और राहत कार्यों का ज़ायजा लिया

बिहार के CM नीतीश कुमार ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों और राहत कार्यों का ज़ायजा लिया

जिला मजिस्ट्रेट ने कहा, “सामुदायिक रसोई स्थापित की गई है, विशेष रूप से दो सबसे अधिक प्रभावित जिलों में...जहां भी लोगों ने मांग की है, वहां भी उन्हें स्थापित किया गया है. लोगों ने अपने घरों के पास सामुदायिक रसोई की मांग की है, ताकि उन्हें दूर आने-जाने की ज़रूरत न पड़े.”

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नई दिल्ली: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया और राज्य में किए जा रहे राहत कार्यों की जांच की.

मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में यह जानकारी दी गई.

नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में लगातार बारिश के बाद बीरपुर में कोसी बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण राज्य के कई हिस्से भीषण बाढ़ से जूझ रहे हैं.

कई सीमावर्ती जिलों में कुछ नदियां खतरे के स्तर पर या उससे ऊपर बह रही हैं.

कोसी और गंडक बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़ा गया, जिससे उत्तरी बिहार और नेपाल प्रभावित हुए. सीतामढ़ी में बाढ़ 29 सितंबर को बेलसंड ब्लॉक में मंदार बांध में दरार के बाद आई.

गंगा नदी के किनारे बसे बिहार के 12 जिलों — बक्सर, भोजपुर, सारण, वैशाली, पटना, समस्तीपुर, बेगूसराय, लखीसराय, मुंगेर, खगड़िया, भागलपुर और कटिहार में इस साल आई बाढ़ से करीब 25 लाख की आबादी प्रभावित हुई तथा पांच लोगों की जान गई है.

तीन अक्टूबर को, मुजफ्फरपुर के औराई ब्लॉक में अत्यधिक बाढ़ के कारण कई निवासियों को अपने जलमग्न घरों से बाहर निकलने के लिए मजबूर होना पड़ा.

कई निवासियों ने अस्थायी शरण के रूप में सड़क के किनारे अस्थायी टेंट बनाने के लिए तिरपाल लगाई हैं.

मुजफ्फरपुर के जिला मजिस्ट्रेट सुब्रत कुमार सेन ने कहा, “बागमती नदी के जल स्तर में वृद्धि और सीतामढ़ी और शिवहर जिलों में कई स्थानों पर बांधों में दरार के कारण जल स्तर बढ़ गया है. हम लगातार इस पर नज़र रख रहे हैं.”

बाढ़ प्रभावित लोगों की सहायता के लिए सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में सामुदायिक रसोई स्थापित की गई है.

जिला मजिस्ट्रेट ने कहा, “सामुदायिक रसोई स्थापित की गई है, विशेष रूप से दो सबसे अधिक प्रभावित जिलों में…जहां भी लोगों ने मांग की है, वहां भी उन्हें स्थापित किया गया है. लोगों ने अपने घरों के पास सामुदायिक रसोई की मांग की है, ताकि उन्हें दूर आने-जाने की ज़रूरत न पड़े.”

पहुंच संबंधी चुनौतियों के कारण, अधिकारियों ने बाढ़ वाले क्षेत्रों में नावों की आवाजाही की अनुमति दी है. जिला मजिस्ट्रेट ने कहा, “हम लोगों की मांग के अनुसार उदार दृष्टिकोण अपना रहे हैं. यहां दो वरिष्ठ अधिकारियों को भी संचालन की निगरानी के लिए तैनात किया गया है.”

सामग्री सहायता के संदर्भ में सेन ने पुष्टि की कि आपदा प्रभावित ब्लॉकों में 20,000 से अधिक पॉलीथीन शीट भेजी गई हैं, और आगे वितरण की योजना है.

मुजफ्फरपुर के डीएम सुब्रत कुमार सेन ने कहा, “आपदा प्रभावित ब्लॉकों में 20,000 से अधिक पॉलीथीन भेजी गई हैं…आज भी हम पॉलीथीन शीट वितरित करेंगे…चिकित्सा शिविर भी लगाए गए हैं…हमने पशु चिकित्सकों की भी व्यवस्था की है.”

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