पटना (बिहार): बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा के साथ शुक्रवार को पटना के गांधी मैदान में 40वें वार्षिक पुस्तक मेले का उद्घाटन किया.
इस साल पुस्तक मेले का मुख्य आकर्षण बिहार भूमि और राजस्व विभाग का सेक्शन है क्योंकि वह बिहार के मानचित्र और आंकड़ों वाली कैथी लिपि की मुद्रित प्रतियां वितरित कर रहे हैं.
पटना गांधी मैदान में लगे राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के स्टॉल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आकर विभाग द्वारा रिलीज़ की गई कैथी लिपि की बुकलेट का अवलोकन किया.
विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री को इस बुकलेट की विशेषता के बारे में जानकारी देते हुए बताया की बिहार में जितनी तरह की कैथी लिपि प्रचलित हैं, उन सभी का समावेश इसमें किया गया है.
इसके अलावा एसीएस ने मुख्यमंत्री को बताया कि भूमि सर्वेक्षण से संबंधित सर्वे प्रश्नोत्तरी (FAQ) भी यहां उपलब्ध है.
इस साल के पुस्तक मेले की थीम “वृक्ष, जल, जीवन और पर्यावरण की सुरक्षा” है. बुकलेट राज्य के लोगों को भूमि सर्वेक्षण प्रक्रिया को समझने में मदद करेगी.
दशकों में अपनी तरह का यह पहला सर्वेक्षण, भूमि अभिलेखों को आधुनिक बनाने, विवादों को सुलझाने और उचित भूमि प्रबंधन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया गया है. सरकार ने इसमें महत्वपूर्ण प्रगति की है. सर्वेक्षण इस साल शुरू हुआ है और 2025 के अंत तक सभी जिलों में सर्वेक्षण पूरा करने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं.
भूमि एवं राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बुकलेट की प्रशंसा की और कहा कि भूमि सर्वेक्षण के बारे में जागरूकता लाने में यह विभाग के लिए बहुत मददगार साबित होगी.
सिंह ने कहा, “यह बुकलेट मेले में हमारे लिए बहुत ही नई है और इससे लोगों को भूमि सर्वेक्षण और इससे संबंधित प्रश्नों को समझने में मदद मिलेगी.”
भूमि एवं राजस्व विभाग के निदेशक प्रियदर्शी ने भी कहा, “इस मेले में यह कुछ नया है और विभाग इसे आम लोगों के लिए लेकर आया है, जिसके माध्यम से वे भूमि का नक्शा प्राप्त कर सकते हैं और भूमि सर्वेक्षण के लिए सहायता प्राप्त कर सकते हैं.”
मीडियाकर्मियों से बात करते हुए अपर मुख्य सचिव ने बताया कि हमारी कोशिश है कि लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो और मेला घूमने आने वाले लोग राजस्व विभाग के स्टॉल पर आकर विभाग की सेवाओं का लाभ भी ले सकें.
साथ हीं लोग अपने गांव का नक्शा निर्धारित शुल्क देकर प्राप्त कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि जिस तरह से हम कोई नई भाषा सीखते हैं, उसी तरह से कैथी लिपि की यह बुकलेट लोगों को अपने पुराने खतियान समझने में मदद करेगी.
पुस्तक मेला 6 दिसंबर से शुरू हुआ है और 17 दिसंबर तक चलेगा.