पटना, 29 जुलाई (भाषा) बिहार सरकार ने राज्य में स्वच्छता कर्मियों के सर्वांगीण सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए बिहार राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के गठन को मंगलवार को मंजूरी दे दी है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस संबंध में शहरी विकास एवं आवासन विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
बिहार में इस वर्ष के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर यह निर्णय महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘आयोग के गठन का निर्णय राज्य में स्वच्छता कर्मियों के अधिकारों एवं हितों के लिए सुरक्षा, कल्याण, पुनर्वास, सामाजिक उत्थान, शिकायत निवारण और विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की निगरानी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है।’’
बिहार राज्य सफाई कर्मचारी आयोग में एक अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष एवं पांच सदस्य होंगे, जिनमें एक महिला/तृतीय लिंगी होगा।
उन्होंने कहा कि आयोग स्वच्छता कार्य में लगे समाज के वंचित वर्गों को मुख्यधारा में जोड़ने तथा उनके सामाजिक एवं आर्थिक विकास में योगदान देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को घोषणा की थी कि उनकी सरकार ने बिहार राज्य सफाई कर्मचारी आयोग गठित करने का निर्णय लिया है।
उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा था, ‘यह आयोग सफाई कर्मियों के हितों से संबंधित सुझाव देगा, उनके अधिकारों के संरक्षण के संबंध में सरकार को सलाह देगा और सफाई कार्यों में लगे लोगों से संबंधित कल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा करके उसे लागू करवाने हेतु समुचित कार्रवाई करेगा।’’
राज्य मंत्रिमंडल ने बिहार पत्रकार सम्मान पेंशन योजना 2019 के नियमों में संशोधन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है, जिससे राज्य सरकार में पंजीकृत सभी सेवानिवृत्त पत्रकारों को 15,000 रुपये प्रति माह की बढ़ी हुई पेंशन मिलेगी, जबकि पहले उन्हें छह हजार रुपये प्रति माह पेंशन मिलती थी।
कुमार ने पिछले सप्ताह इस निर्णय की घोषणा की थी।
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प्रीति माधव
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