नारायणपुर: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने गुरुवार को नारायणपुर जिले के बासिंग गांव स्थित बीएसएफ कैंप पहुंचकर माओवादियों के खिलाफ ऐतिहासिक ऑपरेशन में शामिल जवानों की सराहना की.
उन्होंने 21 मई को डीआरजी, बीएसएफ और जिला बल के संयुक्त अभियान में मारे गए 27 नक्सलियों, जिनमें कुख्यात माओवादी बसवा राजू भी शामिल था, की सफलता को “माओवाद के खात्मे की बड़ी शुरुआत” बताया.
मुख्यमंत्री ने कहा, “सुरक्षा बलों ने जो साहस और रणनीति दिखाई, वह प्रशंसनीय है. अब वह दिन दूर नहीं जब बस्तर माओवाद से पूरी तरह मुक्त होगा. प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में माओवाद को जड़ से खत्म करने का जो संकल्प लिया गया है, वह अब पूरा होता दिख रहा है.”
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार बस्तर के हर कोने तक शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और रोज़गार पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने बताया कि योजनाएं जैसे नियद नेल्लानार और पीएम जनमन के ज़रिए बदलाव शुरू हो चुका है.
उन्होंने कहा, “जहां पहले सरकार का पहुंचना भी मुश्किल था, अब वहां विकास की रफ्तार तेज़ हो रही है.”
सीएम साय ने कैंप में जवानों को प्रशस्ति पत्र और एलईडी सेट भेंट किए. साथ ही घोषणा की कि मुठभेड़ में शामिल जवानों को ‘आउट ऑफ टर्न प्रमोशन’ पर विचार किया जाएगा.
इस अवसर पर मौजूद गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा, “यह सिर्फ सुरक्षा बलों की नहीं, पूरे देश की जीत है. अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भी इस ऑपरेशन की सराहना हो रही है.”
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में बस्तर के गांवों को सड़क, बिजली, स्कूल और आंगनबाड़ी जैसी बुनियादी सुविधाओं से जोड़ा जाएगा.
वन एवं जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप ने इस कार्रवाई को माओवाद के खिलाफ ऐतिहासिक जीत करार दिया.
जवानों ने मुठभेड़ के दौरान माओवादियों से बरामद किए गए BGL लॉन्चर, AK-47, INSAS, .303, 9MM कार्बाइन जैसे हथियारों की प्रदर्शनी भी लगाई.
इस मौके पर डीजीपी अरुण देव गौतम, एडीजी विवेकानंद, आईजी सुंदरराज पी, कलेक्टर प्रतिष्ठा ममगाईं, एसपी प्रभात कुमार और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह समेत कई अधिकारी मौजूद थे.