पटना: आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए इसके मास्टरमाइंड हर्षित कुमार समेत 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. 21 साल के हर्षित को सुपौल के गौसपुर से दबोचा गया. गिरोह सिम बॉक्स तकनीक के जरिए रोज़ाना 10 हज़ार से ज्यादा फर्जी कॉल करता था, जिनके ज़रिए ठगी को अंजाम दिया जाता था.
EOU की एसआईटी टीम ने इस गिरोह के 22 ठिकानों—पटना, मोतिहारी, सुपौल, वैशाली और रोहतास सहित—पर छापेमारी की। कार्रवाई के दौरान 8 सिम बॉक्स डिवाइस, सैकड़ों फर्जी सिम कार्ड, बैंक पासबुक, एटीएम और क्रेडिट कार्ड बरामद किए गए.
हर्षित के पास 12-14 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ-साथ 2.5 करोड़ रुपये एक बैंक खाते में जमा मिले हैं, जिसे सील कर दिया गया है. उसके अलग-अलग नामों से 30 से अधिक बैंक खातों के ज़रिए साइबर फ्रॉड की रकम का लेन-देन होता था.
गिरोह के तार चीन, वियतनाम, कंबोडिया, यूएई, थाईलैंड, यूके और जर्मनी जैसे देशों से जुड़े हैं. सोशल मीडिया और टेलीग्राम चैनलों के जरिए विदेशों में बैठे ठगों से संपर्क होता था.
झारखंड के पाकुड़ से बड़ी संख्या में फर्जी सिम कार्ड मंगाए जाते थे. गिरफ्तार आरोपियों में एक CSC संचालक मोहम्मद सुल्तान और चार PoS ऑपरेटर शामिल हैं. पश्चिम बंगाल से सिम सप्लायर सुमित शाह को भी गिरफ्तार किया गया है.
गिरोह ने ठगी की रकम को बड़े पैमाने पर क्रिप्टो करेंसी में बदला. कई डिजिटल वॉलेट्स और ट्रांजैक्शन लिंक की पहचान की गई है, जिनकी जांच जारी है. EOU के एडीजी नैयर हसनैन खान ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जल्द ही CBI और IB की टीमें पटना पहुंचेंगी. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क को देखते हुए जांच को बहुस्तरीय बनाया जाएगा. जल्द ही और गिरफ्तारियां और संपत्ति जब्ती की कार्रवाई की जाएगी.