रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वर्ष 2020-21 के लिए करीब 1.02 लाख करोड़ का बजट सदन में पेश किया. बघेल राज्य के वित्त मंत्री भी हैं.
बजट में सरकार इस वर्ष जहां एक ओर कोई नया कर नहीं लगाएगी वहीं किसानों को धान खरीदी में दिया जाने वाला 600 रुपये से अधिक का बोनस राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत देगी. बघेल ने बजट भाषण में यह भी एलान किया कि अब अखिल भारतीय उच्च शैक्षणिक संस्थानों जैसे आईआईटी, आईआईएम और एआईआईएमएस में पढ़ने वाले छात्रों की फीस राज्य सरकार वहन करेगी.
मुख्यमंत्री ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कन्या महाविद्यालय, आदिवासी छात्रावास और अन्य शैक्षणिक संस्थान खोलने का भी प्रावधान बजट में निहित होने की बात कही.
मुख्यमंत्री ने विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2020-21 का बजट प्रस्तुत करते हुए बताया कि इस वित्तीय वर्ष के लिए अनुमानित सकल व्यय बजट 1 लाख 2 हजार 907 करोड़ का है. राजस्व व्यय 81 हजार 400 करोड़ एवं पूंजीगत व्यय 13 हजार 814 करोड़ है. वर्ष 2020-21 में पूंजीगत व्यय कुल व्यय का 14.44 प्रतिशत है.
बजट प्रावधान के अनुसार वर्ष 2020-21 के लिए कुल राजस्व प्राप्तियां 83 हजार 831 करोड़ अनुमानित है. इसमें राज्य का राजस्व 35 हजार 370 करोड़ एवं केन्द्र से प्राप्त होने वाली राशि 48 हजार 461 करोड़ है.
बघेल ने कहा कि 2018-19 में राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में 6.08 प्रतिशत की वृद्धि के अनुमान की अपेक्षा यह वृद्धि 7.06 प्रतिशत संभावित है. वहीं राज्य का सकल घरेलू उत्पाद वर्ष 2018-19 में 3 लाख 04 हजार करोड़ से बढ़कर वर्ष 2019-20 में 3 लाख 29 हजार करोड़ होना अनुमानित है जो पिछले वर्ष से 8.26 प्रतिशत अधिक है.
बघेल ने अपने बजट भाषण में कहा कि वर्ष 2019-20 में स्थिर भाव पर राज्य में कृषि क्षेत्र में 3.31 प्रतिशत, औद्योगिक क्षेत्र में 4.94 प्रतिशत और सेवा क्षेत्र में 6.6 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है जो राष्ट्रीय स्तर पर इन क्षेत्रों में अनुमानित वृद्धि दर से क्रमशः 2.8 एवं 2.5 प्रतिशत अधिक है.
बघेल ने जानकारी दी कि दिसम्बर 2018 में उनकी सरकार बनने के बाद अब तक प्रदेश के 17 लाख 24 हजार किसानों का कृषि ऋण माफ किया जा चुका हैं. ऋण माफी से धान पंजीयन में किसानों की संख्या बढ़ी है.
सरकार के द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2018-19 में प्रति व्यक्ति आय 96 हजार 887 की तुलना में वर्ष 2019-20 में प्रति व्यक्ति आय 98 हजार 281 रूपये का अनुमान है जो गत वर्ष की तुलना में 6.35 प्रतिशत अधिक है.
उन्होंने बताया कि वर्ष 2019-20 के केन्द्रीय बजट में राज्य के लिये अनुमानित केन्द्रीय करों में कमी आयी है. आगामी वर्ष में केन्द्र से प्राप्त होने वाली जीएसटी क्षतिपूर्ति में भी कमी संभावित है. इससे राज्य के राजस्व पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है किन्तु संतोष का विषय यह है कि राज्य सरकार की नीतियों एवं प्रयासों से राज्य के स्वयं के संसाधन 11 प्रतिशत की दर से बढ़ रहे हैं.
बघेल ने अपने भाषण में बताया कि 2 अक्टूबर 2019 से राज्य में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान शुरू किया गया है और अबतक लगभग 4 लाख हितग्राही अभियान से लाभान्वित हो चुके हैं.
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार द्वारा मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के तहत अब तक 13 लाख 92 हजार लोगों के रक्त सैंपल की जांच की गई है और इसमें लक्षण रहित मलेरिया प्रभावित व्यक्तियों का भी उपचार किया जा रहा है.
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि आईआईटी, आईआईएम एवं एम्स जैसे राष्ट्रीय स्तर के शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश लेने वाले राज्य के युवाओं के शिक्षण शुल्क का भार शासन द्वारा वहन किया जायेगा. ऐसे युवाओं की प्रतिभा का राज्य के विकास में उपयोग करने के लिये शासकीय, अर्द्धशासकीय संस्थानों में सीधे चयन की पात्रता दी जायेगी.
कृषि, पशुपालन एवं मत्स्य पालन
धान उत्पादन पर प्रोत्साहन एवं कृषि ऋणों की माफी से राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है. नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी को जन अभियान के रूप में परिवर्तित करने का निर्णय ग्रामीणों के लिये वरदान सिद्ध हो रहा है. हमारी इन दूरदर्शी योजनाओं का परिणाम है कि जब सारा देश मंदी के दौर से गुजर रहा है, तब छत्तीसगढ़ में ऑटोमोबाईल सेक्टर में बिक्री में ग्रोथ दर्ज हो रही है.
केन्द्र सरकार द्वारा पिछली सरकार को बोनस वितरण के साथ समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की विशेष छूट दी गई थी किन्तु इस वर्ष केन्द्र से राज्य को यह छूट प्राप्त नही हो सकी. अन्नदाता को उनके श्रम का उचित लाभ देने के लिये राजीव गांधी किसान न्याय योजना प्रारंभ की जायेगी. योजना का लाभ वर्ष 2019-20 के लिये भी दिया जायेगा. इसके लिए 5 हजार 100 करोड़ का प्रावधान है.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में 366 करोड़, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में 370 करोड़, एकीकृत बागवानी मिशन में 205 करोड़, जैविक खेती मिशन के लिए 20 करोड़, वाटरशेड प्रबंधन कार्यक्रम में 200 करोड़ एवं प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में 110 करोड़ का प्रावधान है.
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर में खाद्य प्रौद्योगिकी संस्थान की स्थापना की जायेगी वहीं बेमेतरा एवं तखतपुर में डेयरी डिप्लोमा महाविद्यालय की स्थापना की जायेगी. प्रदेश में एक फिशरीज पॉलिटेक्निक की स्थापना की जायेगी.
सिंचाई
सृजित सिंचाई क्षमता के विरूद्ध वास्तविक सिंचित क्षेत्र 13 लाख हेक्टेयर को वर्ष 2028 तक 32 लाख हेक्टेयर तक किये जाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया गया है. नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग में सिंचाई सुविधा बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास कर रही है. बस्तर संभाग में बोधघाट बहुद्देशीय परियोजना से 2 लाख 66 हजार हेक्टेयर क्षेत्र सिंचित करने का लक्ष्य रखा गया है. आदिवासी एवं पिछड़े क्षेत्रों में इस सुविधा से खेती से आय में वृद्धि होगी. ग्रामीण क्षेत्रों में समृद्धि और खुशहाली से इस क्षेत्र की नक्सलवाद की समस्या में भी कमी आयेगी.
बाह्य सहायता प्राप्त परियोजना के अंतर्गत पैरी बांध एवं पैरी-महानदी इंटर लिंकिंग नहर परियोजना के लिए 20 करोड़, डांडपानी वृहत् जलाशय परियोजना, कुनकुरी के लिए 20 करोड़ एवं शेखरपुर वृहत् जलाशय, सरगुजा के लिए 20 करोड़ का नवीन मद में प्रावधान है.
नाबार्ड सहायित सिंचाई परियोजनाओं के लिए 697 करोड़, महानदी परियोजना के लिए 237 करोड़, लघु सिंचाई परियोजनाओं के लिए 610 करोड़ तथा एनीकट/स्टाप डैम निर्माण के लिए 173 करोड़ का प्रावधान है. कमाण्ड क्षेत्र में सिंचाई की पूर्ति हेतु भी 116 करोड़ का प्रावधान है.
पंचायत एवं ग्रामीण विकास
ग्रामीण विकास के कई परियोजनाओं के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के अभिसरण से 1 हजार 603 करोड़ का प्रावधान है. वहीं राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में 400 करोड़ का प्रावधान है और प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में 1 हजार 600 करोड़ का.
गोबर धन योजना अंतर्गत 1 हजार 176 बायोगैस संयंत्र की स्थापना हेतु 450 करोड़ का प्रावधान है और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत 2 हजार 70 करोड़ का प्रावधान है.
शिक्षा
सरकार ने धुर नक्सल क्षेत्रों में अधिक सुविधा मुहैया कराने हेतु दूरस्थ आदिवासी अंचल के ग्राम तोंगपाल, जिला सुकमा एवं कुआकोंडा, जिला दंतेवाड़ा में छात्रावास की सुविधा सहित नवीन महाविद्यालय की घोषणा की. वहीं नक्सलियों के गढ़ सुकमा, कोण्डागांव, नारायणपुर, बीजापुर एवं तखतपुर में कन्या महाविद्यालय खोले जाने की भी घोषणा की. इसके अलावा महात्मा गांधी के छत्तीसगढ़ आगमन की स्मृति में ग्राम कंडेल, जिला धमतरी में एक महाविद्यालय प्रारंभ किया जायेगा.
दंतेवाड़ा में मल्टी स्किल सेंटर की स्थापना और राज्य के 3 इंजीनियरिंग एवं 5 पॉलीटेक्निक कॉलेजों में नव विकसित तकनीकों के अध्ययन एवं शोध हेतु इंटरनेट ऑफ थिंग्स एवं रोबोटिक्स की प्रयोगशालाएं स्थापित करने का भी प्रावधान किया गया है.
समाज कल्याण
बघेल के अनुसार निराश्रितों, बुजुर्गों, विधवा महिलाओं एवं निःशक्तजनों को समय पर निर्बाध सहायता के लिये सामाजिक सुरक्षा और कल्याण मद में 352 करोड़, वृद्धावस्था पेंशन योजना में 185 करोड़ और मुख्यमंत्री पेंशन योजना में 150 करोड़ रुपए का प्रावधान है. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना में 68 करोड़ और सुखद सहारा योजना में 100 करोड़ का प्रावधान है. असंगठित श्रमिक सुरक्षा एवं कल्याण मण्डल हेतु 38 करोड़ 50 लाख और ठेका मजदूर, घरेलू कामकाजी महिला एवं हम्माल कल्याण मण्डल हेतु 15 करोड़ का प्रावधान किया है.
औद्योगिक विकास
बघेल के अनुसार बजट 2020-21 में नई औद्योगिक नीति 2019 के अंतर्गत नवीन तकनीकों पर आधारित रोबोटिक्स, एयरक्राफ्ट रिपेयरिंग, धान से जैव ईंधन अथवा इथेनॉल निर्माण, सब्जी एवं फल प्रसंस्करण और इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण/मरम्मत में लगने वाले उपकरणों के निर्माण से संबंधित उद्योगों को उच्च प्राथमिकता दी जाएगी. इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए उद्योगों के लिये आबंटित किये जाने वाले भू-खण्ड की दरों में 30 प्रतिशत तथा लीज रेंट की दर में 33 प्रतिशत कमी की गई है.
अनुसूचित जनजाति बाहुल्य बस्तर क्षेत्र में निजी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिये 20 एकड़ तक के निजी औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है. नये फूड पार्क की स्थापना हेतु नवीन मद में 50 करोड़ का प्रावधान है.
नये औद्योगिक क्षेत्रों के लिए 15 करोड़ एवं जेम ज्वेलरी पार्क की स्थापना के लिए 1 करोड़ का प्रावधान है. उद्योगों की स्थापना पर दी जाने वाली लागत पूंजी अनुदान के लिये 100 करोड़ एवं ब्याज अनुदान के लिये 39 करोड़ का प्रावधान है.
नगरीय प्रशासन एवं विकास
नगरीय क्षेत्र में अधोसंरचना विकास के लिए 489 करोड़, स्मार्ट सिटी योजना के लिए 396 करोड़, अमृत मिशन के लिए 300 करोड़ एवं राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के लिए 50 करोड़ का प्रावधान है.
अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग
अनुसूचित जनजाति वर्ग के बच्चों के लिये भूपेश बघेल सरकार 61 नये छात्रावास खोलेगी. नये छात्रावास खोलने सहित उनके संचालन के लिये इस बजट में 378 करोड़ का प्रावधान है किया गया है. इसके अतिरिक्त प्रदेश 100 भवन विहीन छात्रावास, आश्रमों के भवन निर्माण सहित कुल कार्यों के लिये विवेकानंद गुरुकुल उन्नयन योजना के तहत 303 करोड़ का प्रावधान रखा गया है और जनजाति सलाहकार परिषद् के लिये पृथक सचिवालय की स्थापना का निर्णय लिया गया है.
कला संस्कृति एवं पर्यटन
राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये विभाग के बजट में 75 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए इस वर्ष 103 करोड़ 50 लाख का प्रावधान किया गया है.
छत्तीसगढ़ी व्यंजनों की पहचान का केंद्र बन चुके रायपुर के गढ़-कलेवा की अन्य 27 जिला मुख्यालयों में स्थापना के लिये स्व-सहायता समूहों को 10 लाख का रिवॉल्विंग फंड उपलब्ध कराया जायेगा.
राम वन गमन पर्यटन परिपथ के अंतर्गत 9 पर्यटन केन्द्रों पर विकास एवं निर्माण कार्यों के लिये 10 करोड़ का प्रावधान रखा गया है.
एशियन विकास बैंक की सहायता से राज्य में सड़क विकास परियोजना (फेज़-3) के अंतर्गत कुल 3 हजार 535 करोड़ के लागत की 25 नवीन सड़कों हेतु 710 करोड़ का प्रावधान है. वर्ष 2020-21 में एडीबी सहायित सड़क विकास योजना की चौथे चरण की स्वीकृति भी प्राप्त की जायेगी.