नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को शुक्रवार को जामा मस्जिद से जंतर-मंतर तक मार्च निकालने के दौरान दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया. इसके अलावा अन्य संगठनों ने भी प्रदर्शन किया है. विरोध को देखते हुए देश के अलग-अलग हिस्सो में पुलिस अलर्ट पर है.
भीम आर्मी ने दावा किया कि पुलिस ने आजाद को जामा मस्जिद में हिरासत में लेने की कोशिश की लेकिन वह बचकर निकल गए. हालांकि बाद में उन्हें दरियागंज के निकट हिरासत में ले लिया गया.
पुलिस द्वारा मार्च की अनुमति नहीं दिए जाने के बाद भी भीम आर्मी के नेतृत्व में जामा मस्जिद से बड़ी संख्या में लोगों ने मार्च किया. इससे एक दिन पहले भी राष्ट्रीय राजधानी में छात्रों, सामाजिक कार्यकर्ताओं सहित हजारों लोगों ने निषेधाज्ञा के बाद भी प्रदर्शन किया था.
हाथों में तिरंगा और ‘संविधान बचाओ’ की तख्तियां लिए हुए हजारों लोगों ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी में रैलियां निकालीं. देशभर में बृहस्पतिवार को भीषण विरोध प्रदर्शनों में तीन लोगों की मौत के बाद राज्यों में सुरक्षाबल मुस्तैद हैं.
शर्मिष्ठा मुखर्जी को अमित शाह के आवास के पास हिरासत में लिया गया
नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में यहां शुक्रवार को गृह मंत्री अमित शाह के आवास के पास प्रदर्शन के दौरान दिल्ली महिला कांग्रेस की प्रमुख शर्मिष्ठा मुखर्जी को संगठन के कुछ अन्य सदस्यों के साथ हिरासत में लिया गया.
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की पुत्री शर्मिष्ठा ने ‘पीटीआई’ को बताया कि दिल्ली महिला कांग्रेस की करीब 50 अन्य सदस्यों को भी हिरासत में लिया गया और मंदिर मार्ग पुलिस थाना ले जाया गया.
पुलिस ने बताया कि उन्होंने शाह के आवास के पास प्रदर्शन मार्च के दौरान शर्मिष्ठा और संगठन के कुछ अन्य सदस्यों को हिरासत में लिया.
ड्रोन से निगरानी मेट्रो स्टेशन बंद
पुलिस ड्रोनों की मदद से हालात पर कड़ी नजर रख रही है. पुरानी दिल्ली के इलाकों सहित मेट्रो स्टेशनों के गेट बंद कर दिए गए. दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने शुक्रवार को जामिया मिल्लिया इस्लामिया सहित तीन और मेट्रो स्टेशनों के प्रवेश और निकास द्वार बंद कर दिए.अन्य दो स्टेशन जाफराबाद और मौजपुर..बाबरपुर हैं.
नए नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ जामिया मिल्लिया इस्लामिया के बाहर भी प्रदर्शन हुआ. इसके अलावा शहर के कुछ अन्य इलाकों में भी विरोध प्रदर्शन करने लोग निकले.
पुलिस ने उत्तर-पूर्वी जिले में फ्लैग मार्च किया जहां रविवार को प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई थी. संयुक्त पुलिस आयुक्त आलोक कुमार और पुलिस उपायुक्त वेद प्रकाश सूर्य समेत अन्य अधिकारी फ्लैग मार्च में मौजूद थे.
उत्तर पूर्वी दिल्ली में निेषेधाज्ञा लागू, पुलिस ने किया फ्लैग मार्च
उत्तर पूर्वी दिल्ली में शुक्रवार को 12 पुलिस थाना क्षेत्रों में निषेधाज्ञा लागू की गई है और जिले में पुलिस ने फ्लैग मार्च निकाला है.
तीन दिन पहले संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान यहां हिंसा भड़क उठी थी.
पुलिस ने कानून-व्यवस्था पर नजर रखने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया है.
संयुक्त पुलिस आयुक्त आलोक कुमार और पुलिस उपायुक्त वेद प्रकाश सूर्या समेत कई अधिकारी फ्लैग मार्च के दौरान मौजूद थे.
पुलिस उपायुक्त सूर्या ने कहा, ‘हम क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए फ्लैग मार्च कर रहे हैं.’
पुलिस ने बताया कि सीलमपुर में विरोध प्रदर्शन के दौरान तोड़-फोड़ और हिंसा करने के मामले में पुलिस ने गुरूवार को राशिद नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है.
शिलांग में कर्फ्यू में दी गई 16 घंटे की ढील
संशोधित नागरिकता कानून को लेकर राज्य में सार्वजनिक संपत्ति को क्षति पहुंचाने की छिटपुट घटनाओं के बाद अब धीरे-धीरे शहर में आ रही शांति को देखते हुए शिलांग में कर्फ्यू में शुक्रवार को 16 घंटे की ढील दी गई.
बृहस्पतिवार को विधानसभा एक प्रस्ताव लेकर आई जिसमें राज्य में इनर लाइन परमिट को लागू करने का केंद्र से आग्रह किया गया. अगर राज्य को इनर लाइन परमिट मिल जाता है तो राज्य इस कानून के दायरे से बाहर हो जाएगा.
राज्य सरकार के प्रस्ताव का अनेक प्रदर्शनकारियों ने स्वागत किया है.
पूर्वी खासी हिल्स के जिला मजिस्ट्रेट एम डब्ल्यू नोंगब्री ने बताया कि शिलांग के सदर और लुमदिएंजरी थाना क्षेत्रों में लगे कर्फ्यू में सुबह पांच बजे से रात नौ बजे तक के लिए ढील दी गई है.
उन्होंने बताया कि हालांकि रात्रिकालीन कर्फ्यू लगा रहेगा.
मेघालय विधानसभा ने बृहस्पतिवार को ध्वनिमत से एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार से बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर नियमन, 1873 के तहत राज्य में इनर लाइन परमिट लागू करने का अनुरोध किया.
मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा ने प्रस्ताव रखा और सत्तारूढ़ भाजपा समेत सभी दलों के सदस्यों ने पार्टी लाइन से ऊपर उठकर इसका समर्थन किया.
देश के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन
कर्नाटक और उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवा पर रोक लगा दी गयी है. बृहस्पतिवार को विरोध तेज होने के बाद मंगलुरु में पुलिस की गोलीबारी में दो लोगों और लखनऊ में एक व्यक्ति की मौत हो गयी. उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच ताजा झड़प की खबरें मिली हैं.
राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार की नमाज के मद्देनजर अतिरिक्त सुरक्षा बंदोबस्त किए गए और संवेदनशील इलाके में निषेधाज्ञा लागू की गयी है.
कर्नाटक के मंगलुरु में दो लोगों के मारे जाने के मद्देनजर केरल में पुलिस को उत्तरी जिलों में पूरी चौकसी बरतने को कहा गया है.
मौत की खबर आने के बाद मध्य रात्रि से ही केरल के विभिन्न हिस्सों में ट्रेनों और बसों को रोकने तथा प्रदर्शन मार्च की खबरें आयी हैं.
कोझिकोड के कुछ हिस्सों में प्रदर्शनकारियों ने कर्नाटक आरटीसी की बसों को रोक दिया और मंगलुरु पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ नारेबाजी की.
कोझिकोड में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सड़कों को अवरुद्ध कर दिया और टायर जलाए. एक समूह ने गृह मंत्री अमित शाह का पुतला फूंका.
केरल से तलाप्पडी सीमा के रास्ते मंगलुरु आने वाले लोगों को पुलिस की सख्त जांच प्रक्रिया से गुजरना पड़ रहा है. शहर में प्रवेश के इच्छुक लोगों को सिर्फ आपात मामलों में पहचान पत्र दिखाने पर ही प्रवेश मिल रहा है.
सूत्रों ने बताया कि गुरुवार को मंगलुरु में हुई हिंसा के बाद लोगों को सलाह दी गई है कि वे अपने घरों से निकलने से बचें.
केरल से ट्रेन से आए कम से कम 50 पुरुषों और महिलाओं को बिना पहचान पत्र मंगलुरु में प्रवेश करने का प्रयास करने पर हिरासत में लिया गया है.
सरकारी वेनलॉक अस्पताल में प्रवेश का प्रयास करने वाले मीडियाकर्मियों को भी हिरासत में लिया गया है. अस्पताल में गुरुवार को हुई गोलीबारी में मारे गए लोगों का पोस्टमॉर्टम चल रहा था.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान दो लोगों की मौत के बाद शुक्रवार को लोगों से अपील की कि वे अफवाह फैलाने वाले निहित स्वार्थी तत्वों से बच कर रहें.
राज्य सरकार ने बृहस्पतिवार रात मंगलुरु सिटी और दक्षिण कन्नड़ जिले क्षेत्रों में अगले 48 घंटे के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद करने का आदेश जारी किया था.
पश्चिम बंगाल में स्थिति शांतिपूर्ण है और संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में शुक्रवार को हिंसा की कोई ताजा घटना होने की सूचना नहीं है.
शुक्रवार दोपहर एक खास समुदाय के धार्मिक जमावड़े को देखते हुए राज्य के कई हिस्सों में सतर्कता बढ़ा दी गई.
उधर, असम में मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल करने के गुवाहाटी उच्च न्यायालय के बृहस्पतिवार के आदेश के खिलाफ प्रदेश सरकार ने पुनर्विचार याचिका दायर की.
मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने कहा कि वह नागरिकता कानून के खिलाफ आंदोलन करने वाले नेताओं से बात करेंगे और वह राज्य के मूल लोगों के अधिकार और सम्मान की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं.
(न्यूज एजेंसी भाषा के इनपुट्स के साथ)