नई दिल्ली: भीम आर्मी चीफ चंद्रेशेखर आजाद ने प्रमोशन में आरक्षण को लेकर 23 फरवरी यानी आज भारत बंद बुलाया है. चंद्रशेखर ने ओबीसी, एससी-एसटी और अल्पसंख्यक वर्ग के नेताओं से भी इस बंद में शामिल होने का आह्वान किया था. आजाद ने इन नेताओं को चेताते हुए कहा था कि अगर इस धरने का समर्थन उन्हें नहीं मिला तो उनके घरों के सामने भी धरने किए जाएंगे.
दिल्ली में ये भारत बंद का ये प्रदर्शन चांद बाग से राजघाट तक निकालने की बात कही गई थी.
मेरी पूरे बहुजन समाज से अपील है कि नाइंसाफी के खिलाफ आवाज उठाना हमारा मौलिक अधिकार है इसलिए शांतिपूर्ण ढंग से भारत बंद करवाएं। किसी भी अप्रिय घटना से बचें। भाजपा के लोग आपको उकसाने की कोशिश करेंगे किसी भी प्रकार के उकसावे में न आएं। जय भीम #23फरवरी_भारत_बंद
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) February 23, 2020
चंद्रशेखर आजाद ने बिहार के औरंगाबाद में धरने को लीड किया. इस दौरान उन्होंने भीमराव अंबेडकर की मूर्ति पर माला चढ़ाई. गौरतलब है कि कई प्रदर्शनकारी आरक्षण की इस मांग के लिे नागरिकता संसोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिक रटिस्टर एक्ट के खिलाफ भी आवाज उठा रहे हैं.
Maharashtra: Bhim Army Chief Chandrashekhar Azad led march against the Supreme Court ruling that states were not bound to provide reservation in government jobs & quota in promotion, in Aurangabad today. He also garlanded a statue of Bhimrao Ambedkar. pic.twitter.com/9f7nUML1J3
— ANI (@ANI) February 23, 2020
भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने उच्चतम न्यायालय के आदेश के खिलाफ राष्ट्रव्यापी बंद का आह्वान किया था. हाल ही में उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि राज्य, सरकारी नौकरियों में आरक्षण और पदोन्नति में कोटा मुहैया कराने के लिये बाध्य नहीं हैं.
राष्ट्रीय जनता दल (राजद), उपेन्द्र कुशवाहा नीत राष्ट्रीय लोक समता पार्टी, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी नीत हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर), पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) और भाकपा जैसे विपक्षी दलों ने बिहार में भीम आर्मी के बंद का समर्थन किया.
भीम आर्मी के आह्वान पर बंद समर्थकों ने धरने दिये और मुजफ्फरपुर, बेगूसराय, नवादा तथा भागलपुर जिलों में कुछ स्थानों पर राष्ट्रीय राजमार्गों और सड़कों को अवरुद्ध कर दिया.
दिल्ली, बिहारा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कई हिस्सों से लोग इसमें शामिल हुए. दिनभर विभिन्न राज्यों की पुलिस की नजर इन प्रदर्शनों पर रही. इस मौके पर चंद्रशेखर आजाद ने कहा, ‘ये हमारे हक, वज़ूद का मामला है. हम लोग चाहते हैं कि सरकार तक बात जाए और उम्मीद है कि हमारे हकों पर डाका नहीं पड़ेगा.’
सोशल मीडिया पर देशभर से वीडियो सामने आ रहे हैं. 23 फरवरी की सुबह ही चंद्रशेखर आजाद ने ट्वीट कर कहा था, ‘मेरी पूरे बहुजन समाज से अपील है कि नाइंसाफी के खिलाफ आवाज उठाना हमारा मौलिक अधिकार है इसलिए शांतिपूर्ण ढंग से भारत बंद करवाएं. किसी भी अप्रिय घटना से बचेंय भाजपा के लोग आपको उकसाने की कोशिश करेंगे किसी भी प्रकार के उकसावे में न आएं.’
इस बंद को यूपी में शिवपाल यादव की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया का समर्थन मिला तो बिहार में राष्ट्रीय जनता दल का. इसके अलावा कांग्रेस के एससी विभाग के चेयरमेन नितिन राउत ने भी ट्वीट कर बंद का समर्थन किया.