नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विकास और केवल विकास ही हमारा मूल मंत्र है. विकास के माध्यम से देश की सेवा यही हमारी राजनैतिक सक्रियता का उद्देश्य है. हमें ध्यान में रखना है कि शांति, एकता और सद्भावना, यह विकास की पूर्व शर्त है. हमें यह सुनिश्चित करना है कि शांति, एकता और सद्भावना के प्रति हमारी प्रतिबद्धता हमारे विचारों से, हमारी वाणी से, और हमारे कार्य से (मनसा, वाचा, कर्मणा) निरंतर झलकती रहे.
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं सभी सांसदों से अपील करूंगा कि शांति, एकता और सद्भावना बरकरार रखने के लिए सामूहिक प्रयासों में हम अग्रणी रहकर उनका नेतृत्व करें.
उन्होंने यह भी कहा कि मैं आप सभी से यह भी आग्रह करूंगा कि हम खुद को केवल भाजपा के कार्यकर्ता ही नहीं बल्कि भारत माता के लाल माने और इस दायित्व का निर्वाहन करें. भारत मां के लाल के नाते शांति, एकता और सद्भावना के लिए अनथक प्रयासों में हमें लगे रहना है.
पीएम ने कहा कि समाज में ऐसे भी लोग हैं जो दलहित से प्रेरित है, जबकि हम व्यापक देशहित से प्रेरणा पाते हैं. यह दलहित और देशहित के बीच एक तरह की रस्साकशी है और हमें देशहित के लिए इसमें विजयी ही होना है. हम यह लड़ाई केवल भाजपा के कार्यकर्ता के नाते ही नहीं बल्कि भारत माता के लाल के नाते लड़ रहे हैं. इस संघर्ष का हमारा उद्देश्य ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ यही है.
उन्होंने यह भी कहा कि मुझे बड़ा दुख होता है, जब मैं देखता हूं कि कुछ लोग ‘भारत माता की जय’ जैसे नारे को भी संदेह की निगाहों से देखते हैं और उन्हें उनमें कुछ अजीब-सी बू आती है. उनका यह दृष्टिकोण बहुत पीड़ादायक है और हर देशप्रेमी को इसके कारण बड़ा क्षोभ है, बड़ी वेदना है.
Parliamentary Affairs Minister, Pralhad Joshi: Prime Minister Modi at the BJP Parliamentary Party meeting today said that we are here for the national interest. PM Modi also said that the nation is supreme, and that development is our mantra. pic.twitter.com/xjJhUBgYTJ
— ANI (@ANI) March 3, 2020
संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि भाजपा संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम यहां राष्ट्रहित के लिए हैं. पीएम मोदी ने यह भी कहा कि राष्ट्र सर्वोच्च है और यह विकास हमारा मंत्र है.
जब मैं ‘भारत माता की जय’ का नारा सुनता हूं तो डर जाता हूँ ऐसा लगता है जैसे कोई आकर हमला न कर दे।
प्रधानमंत्री जी को दुःख इस बात का होना चाहिए कि असामाजिक तत्व भारत माता की जय के नारे के पीछे बहुत ही घिनौनी, आपराधिक और हिंसक गतिविधियां करते हैं ना कि इन अपराधियों द्वारा नारे लगाने के विरोध की