सांबा/जम्मू/नगरोटा: ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान राहुल गांधी के ठीक पीछे, तिरंगे को पूरी बुलंदी के साथ थामे हुए, एक ऐसे 28 वर्षीय लॉ ग्रेजुएट चलते है, जो पिछले 12सालों से नंगे पांव है.
केसरिया पगड़ी पहने और राष्ट्रीय ध्वज में शामिल रंग के कपड़े – जिन पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तस्वीरें और भारत जोड़ो यात्रा के नारे छपे कपड़े पहने दिनेश शर्मा इस यात्रा में सबसे अलग ही नजर आते हैं.
उत्साह से भरे हुए शर्मा ने दिप्रिंट को बताया, ‘जब तक राहुल जी भारत के प्रधानमंत्री नहीं बन जाते, मैं बिना चप्पल के ही संघर्ष करता रहूंगा.’ यह एक ऐसी प्रतिज्ञा है जिस पर वह साल 2011 से ही खरे उतरते आये हैं.
राहुल गांधी को टेलीविजन पर दिखाए जाने के दौरान शर्मा को नजरअंदाज कर दिया जाना आसान है, लेकिन इस यात्रा – जो इस महीने अपने अंतिम चरण में है – में शामिल कोई भी आगंतुक उन्हें भूल नहीं सकता है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष के कड़े सुरक्षा घेरे के भीतर तक पहुंच रखने वाले वे अकेले ध्वजवाहक (झंडा लेकर चलने वाले) हैं.
जम्मू के सांबा में एक अवसर पर, एक पूर्व सांसद राहुल गांधी के सुरक्षा के कारण उनसे मिलने के लिए जद्दोजहद कर रहे थे – लेकिन शर्मा को बड़ी आसानी से उन तक पहुंच मिली हुई है.
शर्मा न तो कोई विधायक हैं और न ही पार्षद हैं, और कांग्रेस पार्टी में उनके पास कोई आधिकारिक पद भी नहीं है, फिर भी, राहुल गांधी और उनके आसपास के लोग उन्हें व्यक्तिगत रूप से जानते हैं. पार्टी के ज्यादातर कार्यकर्ता भी उन्हें बखूबी जानते हैं. उनके कपड़े ही शायद वे कारण हैं जिनकी वजह से अधिकांश यात्री उन्हें ‘पंडितजी’ कहते हैं.
अपने सफर के बारे में बात करते हुए, शर्मा ने कहा, ‘मेरी 12 साल लंबी यात्रा अनवरत जारी है. इसी यात्रा में, भारत के सबसे बड़े जन आंदोलन, भारत जोड़ो यात्रा, के रूप में एक और यात्रा शुरू हुई. मैंने भारत का झंडा उठा लिया और इस तिरंगे के नीचे मेरी यात्रा जारी है. मैं आभारी हूं कि मुझे तिरंगा थामने का मौका मिला… मुझे बहुत अच्छा लग रहा है.’
वे कहते हैं, ‘राहुलजी जहां भी जाएंगे, मैं वहीं जाऊंगा और उनकी सेवा करूंगा.’
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राहुल गांधी ही क्यों?
भारत जोड़ो यात्रा पिछले 7 सितंबर, 2022 को कन्याकुमारी से शुरू हुई थी और शर्मा तब से ही राहुल गांधी के साथ-साथ चल रहे हैं. हरियाणा के जींद जिले के काकरोद गांव में जन्मे शर्मा एक खाते-पीते परिवार से आते हैं. उनका कहना है कि उन्होंने अपनी यात्रा का सारा का सारा खर्च खुद ही उठाया हैं.
साल 2021 में, उन्होंने अपना जन्मदिन भी राहुल गांधी के साथ ही मनाया था, जिसे केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने ट्वीट भी किया था.
यह पूछे जाने पर कि कौन सी बात उन्हें कांग्रेस नेता की ओर खींच लायी, शर्मा ने कहा कि वह नेहरू-गांधी परिवार के शानदार इतिहास और राहुल गांधी के ‘जोश, शक्ति और ताकत’ के प्रति आकर्षित हैं.
शर्मा ने कहा, ‘जब पंडित (जवाहरलाल) नेहरू देश के पहले प्रधानमंत्री बने, तो वे देश को नई ऊंचाइयों पर ले गए. फिर, स्वर्गीय दादी मां इंदिरा (गांधी) जी, जो कांग्रेस की अध्यक्ष भी थीं, भारत को और भी अधिक ऊंचाइयों पर ले गईं. उन्होंने देश की खातिर जान दे दी. उसी परिवार और उसी पार्टी से आने वाले राजीव (गांधी) जी भी देश के लिए मारे गए. और उसी परिवार से, उसी पार्टी से, राहुल गांधी एक नेता के रूप में उभरे हैं.’
उनका मानना है कि राहुल गांधी जरूर भारत के लिए ‘कुछ करेंगे’.
शर्मा कहते हैं, ‘राहुलजी ने बड़ी छोटी उम्र से दर्द देखा है. पहले उन्होंने अपनी दादी (इंदिरा गांधी) को खो दिया और फिर उन्होंने अपने पिता (राजीव गांधी) को भी काफी कम उम्र में खो दिया. राहुलजी, इस देश के लिए जरूर कुछ करेंगे. और मेरा सपना है कि मैं भारत को दुनिया के नंबर एक देश के रूप में देखूं. मुझे लगा कि अगर कोई मेरे सपनों को पूरा कर सकता है तो वो राहुलजी हैं. उसी दिन मैंने यह (नंगे पैर चलने का) संकल्प ले लिया था. ‘
भारत जोड़ो यात्रा, जिसका उद्देश्य 3,500 किमी की दूरी तय करना है, के साथ तालमेल बनाए रखना आसान नहीं है. इसकी रफ़्तार तेज है, मौसम का कोई ठिकाना नहीं रहता है और शर्मा के नंगे पैर होने से यह सब उनके लिए और भी मुश्किल हो जाता है.
लेकिन शर्मा इस यात्रा को बहुत बड़े लक्ष्यों के साथ ‘देश को बचाने’ की लड़ाई के रूप में देखते हैं. यात्रा की चुनौतियों के बारे में चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, ‘लोग बहोश भी हुए, और इस आंदोलन में लोग शहीद भी हुए. जो यहां (इस यात्रा के दौरान) मरा है, वह देश की खातिर ही मरा है. उन्हें हमेशा याद किया जाएगा.’
उन्होंने कहा कि ‘देश में डर का माहौल है, महंगाई आसमान छू रही है और भारत में दुनिया में सबसे ज्यादा बेरोजगारी है.’ साथ ही, उन्होंने कहा कि ‘यही भारत जोड़ो यात्रा को चलायमान रखने वाले कारक हैं.’
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(अनुवास: रामलाल खन्ना | संपादन: अलमिना खातून)
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