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Saturday, 11 May, 2024
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भारत में मेडिकल सीटें दोगुनी हुईं, 260 से अधिक मेडिकल कॉलेज खोले गए – पीएम मोदी

पीएम ने कहा कि बीते वर्षों में 260 से अधिक मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं. मेडिकल सीटों की संख्या 2014 के बाद आज दोगुनी हो चुकी है.

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि पिछले कुछ वर्षों में 260 से अधिक नए मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं, जिससे ग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट मेडिकल पाठ्यक्रमों में सीटों की संख्या दोगुनी हो गई है.

उन्होंने ‘हेल्थ एंड मेडिकल रिसर्च’ विषय पर बजट के बाद के वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि पीएम आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ़्रास्ट्रक्चर के तहत क्रिटिकल हेल्थ इंफ़्रा को छोटे शहरों और क़स्बों तक ले जाया जा रहा है. छोटे शहरों में नए अस्पताल तो बन ही रहे हैं, हेल्थ सेक्टर से जुड़ा एक पूरा इको सिस्टम विकसित हो रहा है.

सरकार द्वारा आयोजित किए जा रहे 12 वेबिनार की श्रृंखला में यह नौवां था. वेबिनार की मेजबानी के पीछे का उद्देश्य केंद्रीय बजट 2023 में घोषित पहलों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए विचारों और सुझावों की तलाश करना है.

वेबिनार के दौरान, पीएम मोदी ने इस साल के बजट में नर्सिंग क्षेत्र पर जोर दिया.

मेडिकल सीटों की संख्या दोगुनी

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मेडिकल कॉलेजों के आसपास के क्षेत्र में 157 नर्सिंग कॉलेज खोलना चिकित्सा मानव संसाधन की दिशा में एक बड़ा कदम है. यह न केवल घरेलू जरूरत बल्कि वैश्विक मांग को पूरा करने में उपयोगी हो सकता है.’

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पीएम ने कहा कि बीते वर्षों में 260 से अधिक मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं. मेडिकल सीटों की संख्या 2014 के बाद आज दोगुनी हो चुकी है.

उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान भारत के फार्मा क्षेत्र पर इसने दुनिया भर में जो भरोसा हासिल किया है वह अभूतपूर्व था.

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘कोविड-19 महामारी के दौरान जिस तरह से भारत के फार्मा क्षेत्र ने दुनिया भर में भरोसा हासिल किया है, वह अभूतपूर्व था. हमें इसका लाभ उठाना होगा.’

विशेष रूप से, भारत ने न केवल अपनी आबादी को जीवन रक्षक टीकों के साथ पूरा किया बल्कि दुनिया भर में टीकों की आपूर्ति भी की. वैक्सीन मैत्री के तहत भारत ने महामारी के दौरान 100 देशों को टीके की आपूर्ति की और करीब 150 देशों को दवा उपलब्ध कराई.

डिजिटल हेल्थ

पीएम मोदी ने इस बात पर भी जोर दिया कि कैसे उनकी सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में अधिक तकनीक का उपयोग करने पर केंद्रित है.

पीएम मोदी ने कहा, ‘हम डिजिटल हेल्थ आईडी सिस्टम के माध्यम से सभी नागरिकों को समय पर स्वास्थ्य सेवा देना चाहते हैं. सरकार की ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन सेवा के माध्यम से 10 करोड़ टेली-परामर्श किए गए हैं.’

इसके अलावा, पीएम मोदी ने यह भी कहा कि सरकार का एक मुख्य फोकस यह है कि लोगों को अपने घरों के पास टेस्टिंग सुविधाएं और बेहतर प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल मिलनी चाहिए.

उन्होंने आगे कहा कि पीएम आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के तहत छोटे शहरों और कस्बों में महत्वपूर्ण स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे की स्थापना की जा रही है. न केवल छोटे शहरों को अस्पताल मिल रहे हैं, स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़ा इकोसिस्टम भी विकसित हुआ है.

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमारे यहां करीब 9 हजार जन औषधि केंद्र हैं और यहां बाज़ार भाव से बहुत सस्ती दवाएं उपलब्ध हैं. इससे भी ग़रीब और मिडिल क्लास परिवारों को लगभग 20 हज़ार करोड़ रुपये की बचत हुई है.

संबोधन में उन्होंने आगे कहा कि हम निरंतर यह प्रयास कर रहे हैं कि भारत की विदेशों पर निर्भरता कम से कम हो. भारत में इलाज को अफोर्डेबल बनाना हमारी सरकार की प्राथमिकता रही है.


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