लखनऊ/मिर्ज़ापुर: मिर्ज़ापुर स्थित बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) का साउथ कैंपस विवादों में है. दरअसल यहां पर कैंपस के मैदान में बीते मंगलवार आरएसएस की शाखा लगाई गई. इसी बीच डिप्टी चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर किरण दामले भ्रमण करते हुए जब स्टेडियम पहुंची, तो उन्होंने आरएसएस के ध्वज को उतार कर अपने कार्यालय में रखवा दिया. जिसके बाद आरएसएस कार्यकर्ताओं ने उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी. इस कारण बीते गुरुवार उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया.
झंडा हटाने के बाद दर्ज हुई थी एफआईआर
दिप्रिंट को मिली जानकारी के मुताबिक, डिप्टी चीफ प्राॅक्टर के आरएसएस का झंडा हटाने के बाद धरने पर बैठे छात्र इस्तीफे की मांग करने लगे. वहीं मामले की जानकारी होते ही बीजेपी विधायक रत्नाकर मिश्र और आरएसएस के जिला कार्यवाह चंद्रमोहन मौके पर पहुंच गए. जिला कार्यवाह चंद्रमोहन ने देहात कोतवाली में देर शाम रिपोर्ट दर्ज करायी.
इसकी जानकारी जब डिप्टी चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर किरण दामले को हुई, तो उन्होंने आचार्य प्रभारी प्रोफेसर रमा देवी निम्नापल्ली को अपना इस्तीफा सौंप दिया. जिसके बाद प्रोफेसर रमादेवी निम्नापल्ली ने उसे चीफ प्रॉक्टर डॉक्टर ओपी राय को भेज दिया.
भगवा ध्वज को विद्वेष पूर्ण भावना से उखाड़ कर फेंकने, गाली गलौज करने और धमकी देने के संबंध में धारा 153 ए, 295 ए, 504, 505 के तहत डिप्टी चीफ प्राॅक्टर पर मुकदमा दर्ज किया गया.
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यहां पर एबीवीपी से जुड़े छात्रों का कहना है कि साउथ कैंपस की स्थापना के समय से ही यहां पर शाखाएं लगती चली आ रही हैं. डॉक्टर किरण दामले ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्हें यह जानकारी नहीं थी कि यह किस प्रकार का ध्वज है और अयोध्या मामले की विशेष परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, उन्होंने ध्वज को निकालकर अपने ऑफिस में रखवा दिया था. उन्हें अंदाजा नहीं था कि उनके इस कदम का इतना विरोध होगा.
मामला बढ़ता देख दिया इस्तीफा
दिप्रिंट से बातचीत में प्रोफेसर रमादेवी निम्नापल्ली ने कहा, ‘किरण दामले ने अपनी गलती मान ली है. उन्हें पता नहीं था कि आरएसएस के झंडे का इतना सम्मान है. वह लिखित में भी ये कहने को तैयार हैं. इसी कारण उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया है. हम भी नहीं चाहते कि ये मामला आगे बढ़े. डिप्टी चीफ प्रॉक्टर को भी आरएसएस के ध्वज के नियमों के संबंध में कोई खास जानकारी नहीं थी. इसलिए उन्होंने ध्वज उतार लिया. वैसे भी विश्वविद्यालय में तो सभी धर्म, समुदाय एवं वर्ग के छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं. उन्हें अपने धर्म के अनुसार इबादत करने की छूट है. हमें किसी की भावना को ठेस पहुंचाने का हक नहीं है. फिलहाल डिप्टी चीफ प्रॉक्टर ने हमें इस्तीफा सौंपा था. उसे प्रॉक्टर को भेज दिया गया है.’
मिर्ज़ापुर देहात कोतवाली निरीक्षक अभय सिंह ने मीडिया को बताया कि पुलिस को दी गयी तहरीर के अनुसार कैंपस के मैदान में मंगलवार 12 नवंबर को आरएसएस और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्य शाखा लगाकर योगाभ्यास कर रहे थे, तभी यह विवाद हुआ. इस बीच बीएचयू की डिप्टी चीफ प्रॉक्टर किरण दामले वहां पहुंच गईं और आरएसएस का झंडा उखाड़ दिया और उसे लेकर चली गईं. झंडा लगाने का विरोध करते हुए डिप्टी चीफ प्रॉक्टर ने कहा कि ‘ध्वज नहीं लगेगा, आप योग कर सकते हैं.’ संघ के सदस्यों ने झंडा उखाड़ने का विरोध किया और इसे झंडे का अपमान बताया तथा प्रशासनिक भवन के सामने धरने पर बैठ गए. मामला बढ़ते देख डिप्टी चीफ प्रॉक्टर ने इस्तीफा दे दिया और झंडा हटाने पर माफी मांगी.
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कांग्रेस ने उठाए सवाल
इस मुद्दे पर कांग्रेस ने विरोध करते हुए कहा कि आखिर किसके इशारे पर कैंपस में आरएसएस का झंडा लगाया जा रहा है.
बीएचयू के दक्षिणी परिसर, बरकछां में @RSSorg की शाखा लगाने के प्रस्ताव पर डिप्टी चीफ़ प्राक्टर श्रीमती किरण द्वारा आपत्ति दर्ज करने पर उनके विरुद्ध दी गई तहरीर पर ज़िला प्रशासन की कार्यवाही के विरोध में आज प्रभारी प्राध्यापक श्रीमती रामादेवी से मिलकर ज्ञापन देकर आपत्ति दर्ज कराई। pic.twitter.com/JcOqBck4U8
— Lalitesh Pati Tripathi (@IncNiku) November 13, 2019
कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष ललितेश पति त्रिपाठी ने कहा, ‘डिप्टी चीफ प्रॉक्टर के खिलाफ रपट दर्ज करने के मामले में पुलिस प्रशासन ने पूरी तरह आरएसएस और बीजेपी के दबाव में कार्य किया है. इस मामले का कांग्रेस पार्टी तब तक विरोध करेगी जब तक डिप्टी चीफ प्रॉक्टर के खिलाफ दर्ज मामले को वापस नहीं लिया जाएगा. इस मामले में शिकायत दर्ज कराने का अधिकार छात्रों को है न कि कैंपस के बाहर के किसी व्यक्ति को और यह धार्मिक भावना भड़काने का मामला तो बिलकुल नहीं है.’