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Friday, 20 December, 2024
होमदेशकोविड शवों को कब्र में फेंकने का वीडियो सामने आने के बाद बेल्लारी के अधिकारियों ने मांगी माफी, कर्मचारियों को बदला

कोविड शवों को कब्र में फेंकने का वीडियो सामने आने के बाद बेल्लारी के अधिकारियों ने मांगी माफी, कर्मचारियों को बदला

कोविड के शिकार मरीज़ों के शव ‘असम्माननीय’ ढंग से दफनाने की वीडियो सामने आने के बाद, शवों को 'अमानवीय' ढंग से हैंडल करने पर, लोगों की नाराज़गी को देखते हुए कर्नाटक में बेल्लारी प्रशासन ने माफी मांगी है.

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बेंगलुरू: एक वायरल वीडियो में फील्ड स्टाफ को जिस तरह कोविड के शवों को हैंडल करते हुए दिखाया गया था, उसपर सोशल मीडिया पर मचे हंगामे के बाद, कर्नाटक में बेल्लारी प्रशासन ने माफी मांगी है. उसने इस घटना में शामिल टीम को भी बर्खास्त कर दिया है.

वीडियो में पांच लोगों को, जो निजी सुरक्षा उपकरण पहने हुए थे, काले थैलों में सील किए हुए शवों को, एक गड्ढे में फेंकते हुए दिखाया गया है. आठ शवों को गड्ढों में फेंका जा रहा था.

मंगलवार को बेल्लारी के डिप्टी कमिश्नर एसएस नकुल ने एक बयान जारी किया कि इस घटना की जांच शुरू कर दी गई है.

बयान में कहा गया, ‘जिस तरीके से मृतकों के शवों को हैंडल किया गया, उसका ज़िला प्रशासन को बेहद दुख है. फील्ड स्टाफ के हाथों शवों को ज़मीन में उतारते हुए, उनके साथ असम्मानजनक तरीके से पेश आने की ज़िला प्रशासन निंदा करता है’.

दिप्रिंट से बात करते हुए नकुल ने कंफर्म किया कि घटना में शामिल पूरी फील्ड टीम को भंग कर दिया गया है और उसकी जगह एक नई टीम लाई गई है जिसे विजय नगर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज़ में ट्रेनिंग दी गई है.


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‘अमानवीय तौर पर पेश आना’

इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा भड़का दिया और जिस अमानवीय तरीके से मरने वालों के शवों को हैंडल किया गया, उसपर सवाल खड़े किए गए.

बेल्लारी में अभी तक 834 एक्टिव मामलों के साथ कोविड से 29 मौत हो चुकी है.

कोविड प्रोसीजर्स के बाद, जो लोग महामारी का शिकार हुए, उन्हें उनके परिवारों की गैर-मौजूदगी में, मेडिकल कर्मियों द्वारा दफनाया गया था.

केंद्र सरकार की ओर से तय किए गए, दफ्न के प्रोटोकोल के मुताबिक मृतकों की नाक, मुंह और कानों को सील करना होता है और उनके शवों को तीन परतों की पीपीई किट में लपेटकर एक बॉडी बैग में रखा जाता है.


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प्रोटोकॉल में ये भी स्पष्ट किया गया है कि ऐसे शवों के लिए दस फीट गहरी कब्रें खोदी जानी चाहिए और उस जगह अच्छी खासी मात्रा में ब्लीचिंग पाउडर छिड़का जाना चाहिए. दफ्न की जगह, मेडिकल कर्मियों के अलावा बहुत सीमित संख्या में लोगों के आने की इजाज़त है.

नकुल ने कहा कि दफ्न के लिए सभी प्रोटोकॉल्स का पालन किया गया था. लेकिन शवों के साथ जैसे असंवेदनशील तरीके से पेश आया गया, उस पर उन्होंने चिंता ज़ाहिर की. उन्होंने ये भी कहा कि कोविड प्रोटोकॉल्स में ये स्पष्ट नहीं है कि एक समय में कितने शव दफनाए जा सकते हैं.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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