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Saturday, 23 November, 2024
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भूमि पूजन बने राष्ट्रीय एकता का अवसर, राम सबमें और सबके साथ हैं: प्रियंका गांधी

बुधवार को होने वाले भूमि पूजन कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत शामिल होंगे.

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नई दिल्ली: अयोध्या में 5 अगस्त को होने वाले राम मंदिर भूमि पूजन कार्यक्रम से एक दिन पहले कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने बयान जारी कर कहा कि भगवान राम और माता सीता के संदेश और उनकी कृपा के साथ रामलला के मंदिर के भूमि पूजन का कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता, बंधुत्व और सांस्कृतिक समागम का अवसर बने.

उन्होंने कहा, ‘सरलता, साहस, संयम, त्याग, वचनवद्धता, दीनबंधु राम नाम का सार है. राम सबमें हैं, राम सबके साथ हैं.’

बुधवार को होने वाले भूमि पूजन कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत शामिल होंगे. देशभर के करीब 140 संत भी इस कार्यक्रम का हिस्सा होंगे. गौरतलब है कि किसी भी विपक्षी नेता को न्यौता नहीं दिया गया है.

अपने जारी बयान में प्रियंका गांधी ने कहा कि दुनिया और भारतीय उपमहाद्वीप की संस्कृति में रामायण की गहरी और अमिट छाप है. भगवान राम, माता सीता और रामायण की गाथा हजारों वर्षों से हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक स्मृतियों में प्रकाशपुंज की तरह आलोकित है.

उन्होंने कहा कि भारतीय मनीषा रामायण के प्रसंगों से धर्म, नीति, कर्तव्यपरायणता, त्याग, उदात्तता, प्रेम और सेवा की प्रेरणा पाती रही है. उत्तर से दक्षिण, पूरब से पश्चिम तक रामकथा अनेक रूपों में स्वयं को अभिव्यक्त करती चली आ रही है.

प्रियंका ने कहा कि श्रीहरि के अनगिनत रूपों की तरह ही रामकथा हरिकथा अनंता है.


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उन्होंने भी कहा कि युग-युगांतर से भगवान राम का चरित्र भारतीय भूभाग में मानवता को जोड़ने का सूत्र रहा है. भगवान राम आश्रय हैं और त्याग भी. राम सबरी के भी हैं, सुग्रीव के भी. राम वाल्मीकि के हैं और भास के भी. राम कंबन के हैं और एषुत्तच्छन के भी. राम कबीर के हैं, तुलसीदास के हैं, रैदास के हैं. सबके दाता राम हैं. गांधी के रघुपति राघव राजा राम सबको सम्मति देने वाले हैं. वारिस अली शाह कहते हैं जो रब है वही राम है.

उन्होंने कहा कि राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त राम को ‘निर्बल का बल’ कहते हैं. तो महाप्राण निराला ‘वह एक और मन रहा राम का जो न थका’ की कालजयी पंक्तियों से भगवान राम को ‘शक्ति की मौलिक कल्पना’ कहते हैं. राम साहस हैं, राम संगम हैं, राम संयम हैं, राम सहयोगी हैं. राम सबके हैं. भगवान राम सबका कल्याण चाहते हैं. इसीलिए वे मर्यादा पुरुषोत्तम हैं.

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