scorecardresearch
Wednesday, 18 December, 2024
होमदेशसांप्रदायिक झड़पों के बाद नूंह में डर का माहौल - लोगों ने चुप्पी साधी, विधायक बोले, 'पुलिस को बताया था'

सांप्रदायिक झड़पों के बाद नूंह में डर का माहौल – लोगों ने चुप्पी साधी, विधायक बोले, ‘पुलिस को बताया था’

हरियाणा जिले में अर्धसैनिक बल और अतिरिक्त पुलिसकर्मी तैनात हैं. नूंह विधायक आफताब अहमद का कहना है कि यात्रा से पहले जहां झड़पें हुईं, 'सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर माहौल बनाया गया.'

Text Size:

चंडीगढ़: हरियाणा के नूंह जिले में हिंदुत्व संगठनों विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और मातृ शक्ति दुर्गा वाहिनी द्वारा आयोजित एक धार्मिक जुलूस – ब्रज मंडल यात्रा – में सांप्रदायिक झड़प होने के एक दिन बाद मंगलवार को इलाके में अजीब सी शांति छाई हुई है. मुस्लिम बहुल जिले में सोमवार और मंगलवार को हुई हिंसा में कथित तौर पर छह लोगों की जान चली गई, 60 से अधिक लोग घायल हो गए और करोड़ों की संपत्ति को नुकसान हुआ है.

अब, क्षेत्र में अर्धसैनिक बलों की तैनाती और अतिरिक्त पुलिस की उपस्थिति के साथ, कुछ हद तक सामान्य स्थिति लौटती दिख रही है. हालांकि, जली हुई कारें, लूटी गई दुकानें और सड़कों पर बिखरे पत्थर और जले हुए टायर घटना की भयावहता की ओर ईशारा कर रहे हैं जिसने दोनों समुदायों को विभाजित कर दिया है.

इस सब के बीच, पुलिस इस सवाल का जवाब ढूंढने की कोशिश कर रही है कि जिन लोगों ने जुलूस पर हमला किया – जो नूंह के रास्ते फिरोजपुर झिरका जा रहा था – इसे इतने बड़े पैमाने पर कैसे आयोजित किया. अपनी रणनीति और उसके कार्यान्वयन की योजना बनाने के लिए वे कहां और कब मिले?

मंगलवार को दिप्रिंट से बात करते हुए, भिवानी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) नरेंद्र बिजारणिया ने कहा कि पुलिस ने संदेह के आधार पर 100 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है और नौ से 10 लोगों को औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया है. बिजारणिया को नूंह में कमान संभालने के लिए कहा गया था क्योंकि जिले के एसपी वरुण सिंगला छुट्टी पर हैं. एएनआई ने बुधवार को ट्विटर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें बताया गया कि अब तक 116 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

बिजारणिया ने कहा, “एक बार दोषियों की पहचान की प्रक्रिया पूरी हो जाए, तो हमारी अगली कार्रवाई उनसे पूछताछ के साथ-साथ उनके कॉल रिकॉर्ड का अध्ययन करके इन सभी सवालों के जवाब ढूंढना होगा.”

नूंह शहर में, दोनों समुदायों के सदस्य बंद दुकानों के पास छोटे समूहों में खड़े हैं, लेकिन सोमवार की घटनाओं के बारे में कुछ भी नहीं जानने की बात कहते हैं.

“हम कुछ नहीं जानते,” बस स्टैंड पर एक मुस्लिम युवक ने कहा, जहां सोमवार को कई वाहनों को आग लगा दी गई थी. “हम घर पर सो रहे थे. जब हम उठे और बाहर देखा तो देखा कि यह सब हो चुका है.”

दिप्रिंट ने जब नूंह विधानसभा से विधायक आफताब अहमद के आवास का दौरा किया तो वहां मिले एक कांग्रेस कार्यकर्ता ने बताया, “मुसलमान रिकॉर्ड पर नहीं आना चाहते क्योंकि पुलिस लोगों को घेरने में लगी है.”

Paramilitary personnel keep vigil after Section 144 is imposed following the recent clash that broke out between two groups in Nuh | Photo: ANI
हाल ही में नूंह में दो समूहों के बीच हुई झड़प के बाद धारा 144 लागू होने के बाद अर्धसैनिक बल के जवान निगरानी करते हुए./फोटो: एएनआई

नाम न छापने की शर्त पर दिप्रिंट से बात करने वाली एक महिला वकील ने कहा कि यात्रा के यहां से गुजरने से पहले ही नूंह में तनाव का माहौल था.

वकील नलहर महादेव मंदिर में दर्शन के लिए आईं थीं लेकिन प्रवेश द्वार पर तैनात अर्धसैनिक बल के जवानों ने उन्हें प्रवेश देने से मना कर दिया. यह वह मंदिर था जो सोमवार को राज्य भर से यात्रा के लिए आए 3,000 से अधिक भक्तों के लिए शरणस्थली बन गया था.

कथित तौर पर दंगाइयों से घिरे होने के कारण वे घंटों तक अंदर फंसे रहे, उन्हें देर शाम अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी), भर्ती प्रशिक्षण केंद्र, भोंडसी ने बचाया.

वकील ने कहा, “अपनी स्कूटी से जिला अदालत जाते समय मैंने देखा कि जिस सड़क से यात्रा गुजरनी थी, वहां संदिग्ध दिखने वाले युवक पांच से 10 के समूह में खड़े थे.”

उसने आगे कहा, “अदालत में रहते हुए, मुझे पता चला कि यात्रा पर तिरंगा चौक के पास हमला किया गया था, जहां वह महादेव मंदिर से आ रही थी. मैं जल्दी से घर की ओर भागी, लेकिन जब मैं नलहर टी-प्वाइंट पर पहुंची, तो हाथ में लोहे की रॉड लिए एक युवक मुझ पर टूट पड़ा. मैं किसी तरह बच निकली और तेजी से अपने घर की ओर चली गयी. अगर मैं महसूस कर सकती थी कि सोमवार सुबह चीजें सामान्य नहीं थीं, तो पुलिस ने एहतियाती कदम क्यों नहीं उठाए?”

उनके अनुसार, जिन लोगों ने पथराव किया और वाहनों में आग लगा दी, वे अकेले नूंह से नहीं थे, कई बाहरी लोग थे, खासकर राजस्थान के पड़ोसी अलवर और भरतपुर जिलों से.

हालांकि, नूंह कांग्रेस विधायक आफताब अहमद ने कहा कि उन्होंने और उनकी टीम ने यात्रा से पहले पुलिस को संभावित संघर्ष के बारे में चेतावनी दी थी.

उन्होंने दिप्रिंट से कहा, ”मुझे लगता है कि इस यात्रा से पहले सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट करके (तनाव का) माहौल बनाया गया था.” “प्रत्येक पक्ष द्वारा चुनौतियां पेश की गईं. भड़काऊ बयान दिए गए. हमने अंतर्निहित खतरे को समझा और जिला अधिकारियों से संपर्क किया और इस सब पर उनका ध्यान आकर्षित किया. हमने उनसे कहा कि हम नहीं चाहते कि हमारे क्षेत्र में किसी भी अप्रिय घटना का सामना करना पड़े. लेकिन दुर्भाग्य से, जिला प्रशासन और पुलिस ने ऐसे कदम नहीं उठाए जो भड़काऊ बयान देने वालों को रोकने के लिए आवश्यक थे.”

कांग्रेस विधायक ने कहा कि जिन लोगों ने यात्रा पर हमला किया, वाहनों में आग लगाई और दुकानें लूटीं, उनसे देश के कानून के तहत सख्ती से निपटा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि पुलिस और जिला प्रशासन को उनकी “लापरवाही और अप्रभावीता” से बरी नहीं किया जा सकता.

अहमद ने कहा कि वह अब दोनों समुदायों के लोगों को एक साथ लाकर जिला अधिकारियों के साथ काम कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि स्थिति जल्द ही सामान्य हो जाए.


यह भी पढ़ें: हरियाणा में हिंसा के बाद अलवर के 10 और भरतपुर के चार क्षेत्रों में निषेधाज्ञा लागू


सोमवार को क्या हुआ

नूंह, इसी नाम से हरियाणा के जिले का मुख्यालय है, जो बड़े मेवात क्षेत्र का हिस्सा है जिसमें हरियाणा के पलवल जिले के कुछ हिस्से और पड़ोसी राजस्थान के भरतपुर और अलवर जिले शामिल हैं.

मेवात क्षेत्र में मेव मुस्लिम या मेवाती मुस्लिम रहते हैं, जो खुद को एक विशिष्ट सामाजिक-सांस्कृतिक जातीय समुदाय के रूप में पहचानते हैं और इस क्षेत्र में एक प्रमुख समुदाय हैं.

आफताब अहमद ने भी आरोप लगाया कि हरियाणा भर में गोरक्षकों का चेहरा मोनू मानेसर और एक अन्य कथित गोरक्षक बिट्टू बजरंगी ने कथित तौर पर इलाके में मेव मुसलमानों को संबोधित करते हुए वीडियो पोस्ट किए थे, जिसमें उन्हें ब्रज मंडल यात्रा में उनकी उपस्थिति के बारे में लगभग चेतावनी दी थी. दिप्रिंट ने मुस्लिम समुदाय के कई सदस्यों से मुलाकात की.

फरवरी में, मोनू को भरतपुर पुलिस ने एफआईआर में नामित किया था, जब जुनैद और नासिर नाम के दो व्यक्तियों – दोनों मेव मुस्लिम समुदाय से थे जिनके जले हुए शव हरियाणा के भिवानी में पाए गए थे.

ब्रज मंडल यात्रा दोपहर के समय नलहर महादेव मंदिर से शुरू हुई और 40 किमी की दूरी तय करने के बाद, नूंह जिले के फिरोजपुर झिरका में एक अन्य महादेव मंदिर तक पहुंचनी थी.

हालांकि, यात्रा बमुश्किल 5 किमी ही चली थी जब कथित तौर पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने उस पर पत्थरों से हमला कर दिया, जिसके बाद यात्रा में भाग लेने वाले लोगों ने भी उसी तरह से जवाबी कार्रवाई की.

इसके तुरंत बाद, हमलावरों ने कथित तौर पर भक्तों के वाहनों को आग लगाना शुरू कर दिया. इस दौरान कई वाहन जला दिए गए. ये जले हुए वाहन, जिनमें पुलिस की कारें, ट्रक, बसें और निजी कारें शामिल हैं, अब नूंह के नए बस स्टैंड में खड़े हैं.

Damaged vehicles lie on the road in the aftermath of a clashes in Haryana's Nuh | Photo: ANI
हरियाणा के नूंह में झड़प के बाद क्षतिग्रस्त वाहन/फोटो: एएनआई

विकास गर्ग, जिनकी कैफे और कन्फेक्शनरी की दुकान सोमवार की हिंसा के दौरान लूट ली गई थी, ने दिप्रिंट को बताया: “मुझे 20-25 लाख रुपये का नुकसान हुआ है. मैंने दुकान में 7.5 लाख रुपये नकद छोड़ दिए थे, जो प्रॉपर्टी डील के लिए लाए थे. उन्होंने पैसा छीन लिया है.’ सात रेफ्रिजरेटर और कांच के फर्नीचर तोड़ दिए हैं; खाने-पीने का सारा सामान छीन लिया है.”

इसी तरह सुनील ऑटोमोबाइल में काम करने वाले सेल्समैन इमदाद ने बताया कि उनके गोदाम से करीब 150 मोटरसाइकिलें बदमाशों ने चोरी कर लीं. उन्होंने द प्रिंट को बताया, “कुछ को आसपास के इलाकों में छोड़ दिया गया था.”

नूंह के उपायुक्त प्रशांत पंवार और एसपी बिजारणिया ने मंगलवार को दोनों समुदायों के लोगों के साथ बैठक की और जिले में स्थिति सामान्य बनाने में उनका सहयोग मांगा. डीसी ने दोनों समुदायों से 20-20 सदस्यों वाली एक समिति भी गठित की है.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


यह भी पढ़ें: गुरुग्राम मस्जिद पर आधी रात को हुए हमले और इमाम की हत्या के मामले में 4 गिरफ्तार, छापेमारी जारी


 

share & View comments