नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को 2021-22 के लिए कृषि के लिए आवंटन घटाकर 1,42,711 करोड़ से 1,31,474 करोड़ कर दिया. यही नहीं शॉर्ट टर्म कॉर्प लोन में भी किसानों के लिए 2020-21 की तुलना में 2021-22 में इंट्रेस्ट सब्सिडी को घटा दिया गया है. जबकि कृषि मंत्रालय की मूल्य समर्थन योजना, जिसके तहत सरकारी एजेंसियां समर्थन मूल्य पर किसानों से तिलहन और दालों की खरीद करती हैं, में भी इसका बजट घटाकर 2020-21 के 2000 करोड़ के अनुमान से घटाकर 2021-22 के लिए1500 करोड़ कर दिया गया है.
हालांकि सोमवार को वर्ष 2021-22 के लिए केंद्रीय बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बार बार कहा कि उनकी सरकार किसानों की बेहतरी के लिए काम करने को प्रतिबद्ध है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट पेश करते हुए बताया कि 2021-22 में किसानों को अधिक कृषि ऋण उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है. यह लक्ष्य 16.5 लाख करोड़ रुपये का है, जबकि पिछली बार यह 15 लाख करोड़ रुपये का था.
निर्मला ने कहा, ‘हमारी सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है. सभी फसलों पर उत्पादन लागत का कम से कम 1.5 गुना अधिक एमएसपी दी जा रही है.
वित्त मंत्री ने कहा, ‘हमने किसानों को 75 हजार करोड़ रुपये ज्यादा दिए हैं. किसानों को दिए जाने वाले भुगतानों में भी तेजी की है.’
मोदी सरकार ने यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जबकि नरेंद्र मोदी सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का महीनों से प्रदर्शन जारी है और हाल में नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस के मौके पर ट्रैक्टर रैली के दौरान काफी हिंसा हुई थी. इसके अलावा, कोविड-19 महामारी के कारण कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है.
साल-दर-साल न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि के बावजूद यह क्षेत्र किसानों की आय में लगातार गिरावट देख रहा है. 2020-21 की पहली तिमाही में इसकी वृद्धि 3.4 प्रतिशत (स्थिर कीमतों पर) रही—जबकि दो महीने तक चले सख्त लॉकडाउन के कारण देश की अर्थव्यवस्था में 23.9 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.
दूसरी तिमाही में भी यह वृद्धि 3.4 प्रतिशत पर स्थिर रही, जबकि अर्थव्यवस्था में 7.5 प्रतिशत की गिरावट रही.
लेकिन यह वृद्धि किसानों की आय बढ़ाने में मददगार नहीं बन सकी क्योंकि महामारी ने श्रम लागत और इनपुट कीमतों को बढ़ा दिया. प्रवासी मजदूरों के न होने और अनुपलब्धता और यात्रा संबंधी पाबंदियों के कारण मशीनों का किराया बढ़ जाने के कारण रबी की फसल की कटाई की लागत काफी ज्यादा बढ़ गई.
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कृषि क्षेत्र से संबंधित सब्सिडी भी बढ़ाई
केंद्रीय बजट 2021-22 में कृषि क्षेत्र से संबंधित विभिन्न सब्सिडी भी बढ़ाई गई हैं. खाद्य सब्सिडी का बजट 2,42,836 करोड़ रुपये रखा गया है जो 2020-21 के लिए 1,15,569 करोड़ के आंकड़े से अधिक है, जबकि उर्वरक सब्सिडी पिछले वित्तीय वर्ष के 71,309 करोड़ रुपये की तुलना में 2021-22 में बढ़ाकर 79,529 करोड़ रुपये कर दी गई है.
वर्ष 2021-22 के लिए केंद्रीय बजट पेश कर रहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि सेक्टर के लिए एग्रीकल्चरल क्रेडिट टारगेट (ACT) को बढ़ा दिया है .
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट पेश करते हुए बताया कि 2021-22 में किसानों को अधिक कृषि ऋण उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है. यह लक्ष्य 16.5 लाख करोड़ रुपये का है, जबकि पिछली बार यह 15 लाख करोड़ रुपये का था.
पिछले साल के बजट में कृषि मंत्रालय के लिए आवंटन में 3 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी–2019-20 के 1.39 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर इसे 1.43 लाख करोड़ रुपये किया गया था. यद्यपि 2019-20 के संशोधित बजट अनुमान को 20 प्रतिशत घटाकर 1.1 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया था.
सरकार ने कोविड लॉकडाउन के दौरान घोषित आत्मनिर्भर भारत पैकेज के पहले चरण में एग्री इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त आवंटन भी किया था.
अन्य योजनाओं के लिए आवंटन
पहले से चल रही अन्य किसान कल्याण योजनाओं, जैसे प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के लिए 2021-22 में 16,000 करोड़ और 4,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है.
इन योजनाओं में 2020-21 के संशोधित अनुमानों में क्रमशः 15,306 करोड़ और 2,563 करोड़ रुपये मिले हैं.
नई घोषणाएं ऐसे समय हुई हैं, जबकि 2020-21 के बजट में घोषित प्रस्तावों के कार्यान्वयन में बहुत प्रगति नहीं हुई है. अगले पांच वर्षों में 10,000 नए किसान उत्पादक संगठन स्थापित करने और जीरो बजट फार्मिंग मॉडल के कार्यान्वयन के प्रस्ताव में कोई खास प्रगति नहीं दिखाई दी है.
पीएम-किसान
2021-22 के बजट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2019 के आम चुनावों से पहले शुरू की गई नकद प्रोत्साहन योजना पीएम-किसान के लिए 65000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. इसमें योजना के लिए 2020-21 के संशोधित बजट अनुमान को भी घटाकर 65000 करोड़ कर दिया गया है.
2020-21 में इस योजना के लिए बजटीय आवंटन 2019-20 की तरह ही 75,000 करोड़ रुपये रखा गया था. हालांकि, 2019-20 के संशोधित बजट अनुमान को बाद में 54,370 करोड़ रुपये कर दिया गया था.
पीएम-किसान योजना के तहत किसानों को हर साल 6,000 रुपये की सहायता की गारंटी दी गई है.
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