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Tuesday, 5 November, 2024
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शिंदे सरकार ने रिटायर IPS अधिकारी परम बीर सिंह के खिलाफ सभी आरोप वापस ले लिए, MVA-era का निलंबन रद्द

IPS अधिकारी परम बीर सिंह को लेकर विवाद 2021 में शुरू हुआ, जब उद्योगपति मुकेश अंबानी के मुंबई आवास एंटीलिया के बाहर कथित रूप से विस्फोटक पाए गए.

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नई दिल्ली: महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परम बीर सिंह पर लगे सभी आरोप हटा दिए हैं. राज्य की होम मिनिस्ट्री द्वारा 10 मई को जारी एक आदेश के अनुसार, जिसकी एक प्रति दिप्रिंट को मिली थी, जिसमें लिखा है कि उनके खिलाफ सभी मामले बंद कर दिए गए हैं.

राज्य सरकार ने सिंह के निलंबन को भी रद्द कर दिया है, जो तत्कालीन महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार द्वारा लगाया गया था.

सिंह को 12 दिसंबर 2021 को निलंबित कर दिया गया था और वह 30 जून 2022 को सेवानिवृत्त हुए थे. सरकारी आदेश के आलोक में निलंबन की तारीख से लेकर उनके सेवानिवृत्त होने तक की अवधि अब उन्हें ड्यूटी पर माना जाएगा.

IPS अधिकारी को लेकर विवाद फरवरी 2021 में शुरू हुआ, जब उद्योगपति मुकेश अंबानी के मुंबई आवास एंटीलिया के बाहर कथित रूप से विस्फोटक पाए गए.

घटना के मद्देनजर मुंबई पुलिस आयुक्त के रूप में अपने पद से ट्रांसफर किए जाने के बाद, सिंह ने राज्य के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख पर जबरन वसूली और हस्तक्षेप का आरोप लगाया था.

जबकि एनसीपी नेता देशमुख को बाद में सिंह के आरोपों के आधार पर गिरफ्तार किया गया था, बाद में एमवीए सरकार द्वारा जबरन वसूली और इसी तरह के आरोपों में मामला दर्ज किया गया और निलंबित कर दिया गया.

10 मई को महाराष्ट्र गृह विभाग के आदेश में कहा गया है: “अखिल भारतीय सेवा (अनुशासन और अपील) नियम, 1969 के नियम 8 के तहत श्री परम बीर सिंह, आईपीएस (सेवानिवृत्त) के खिलाफ जारी दिनांक 02/12/2021 के आरोप ज्ञापन को वापस लिया जा रहा है. और उक्त मामले को बंद किया जा रहा है.

उसी दिन जारी उनके निलंबन को रद्द करने के आदेश में कहा गया था, “अखिल भारतीय सेवा (मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति लाभ) नियम, 1958 के प्रावधानों के अनुसार, श्री परम बीर सिंह आईपीएस (सेवानिवृत्त) का निलंबन रद्द किया जाता है. इस आदेश द्वारा निरस्त किया जाता है और निलंबन की अवधि 02/12/2021 से 30/06/2022 तक सभी उद्देश्यों के लिए ड्यूटी पर बिताई गई अवधि मानी जाएगी.


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सिंह बनाम देशमुख

एंटीलिया मामले के बाद, सिंह को कथित “चूक” का आरोप लगाते हुए स्थानांतरित कर दिया गया था.

तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे एक पत्र में, परम बीर सिंह ने बाद में देशमुख पर आरोप लगाया कि उन्होंने मुंबई पुलिस कर्मियों को प्रति माह 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था करने के लिए कहा, जिसमें मुंबई बार और पब से पैसा निकालना भी शामिल है.

बाद में, एमवीए सरकार ने उपरोक्त आरोपों पर सिंह के खिलाफ पांच प्राथमिकी दर्ज की और दिसंबर 2021 में उन्हें निलंबित कर दिया गया.

देशमुख ने सिंह के आरोपों के आलोक में इस्तीफा दे दिया, और उन्हें नवंबर 2021 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और बाद में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया.

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एंटीलिया मामले में भी सिंह से पूछताछ की, जिसमें उनका बयान दर्ज किया गया था, लेकिन इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई.

(इस ख़बर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

(संपादन- पूजा मेहरोत्रा)


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