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Saturday, 27 April, 2024
होमदेशआंध्र पुलिस ने कोविड फैलने के लिए तिरुपति मंदिर को ठहराया ज़िम्मेदार, बंद करने की मांग की

आंध्र पुलिस ने कोविड फैलने के लिए तिरुपति मंदिर को ठहराया ज़िम्मेदार, बंद करने की मांग की

तिरुपति के सहायक पुलिस अधीक्षक की रिपोर्ट में कहा गया है, कि अभी तक मंदिर स्टाफ के 158 लोग, जिनमें 21 पुजारी शामिल हैं, कोविड पॉज़िटिव निकल चुके हैं.

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नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश पुलिस की एक रिपोर्ट में तिरुमाला तिरुपति बालाजी मंदिर को बंद करने की मांग की गई है, क्योंकि उसका कहना है कि इलाक़े में केविड-19 फैलने का ‘एकमात्र कारण’, 8 जून को मंदिर का दोबारा खुलना था.

तिरुपति के सहायक पुलिस अधीक्षक (एएसपी) क़ानून व्यवस्था, मुन्नी रामैया की रिपोर्ट में कहा गया है, कि मंदिर को बंद कर देना चाहिए, क्योंकि वो ‘आवश्यक सेवाओं’ की श्रेणी में नहीं आता. ये रिपोर्ट दिप्रिंट के हाथ लगी है जिसे बृहस्पतिवार देर शाम अधिकारियों को सैंपा गया था.

रिपोर्ट के अनुसार इलाक़े में वायरस फैलने की वजह ‘मंदिर को 8 जून को फिर से दर्शन के लिए खोलना थी’. रिपोर्ट में कहा गया है, ‘तिरुमला में काम कर रहे कर्मचारी इससे सबसे अधिक प्रभावित हैं’, और इस पर तुरंत ‘कड़ा फैसला’ होना चाहिए.

रिपोर्ट में कहा गया कि 12,000 श्रद्धालुओं में, भले ही कोई कोविड पॉज़िटिव न हो, जैसा कि मंदिर के अधिकारी दावा करते हैं लेकिन इस बात की अनदेखी नहीं हो सकती कि कर्मचारी अभी भी ख़तरे में हैं.

मंदिर अधिकारी फिलहाल समीक्षा बैठक कर रहे हैं, ताकि मंदिर को बंद करने पर कोई फैसला कर सकें. ये फैसला शनिवार देर तक अपेक्षित है. अभी तक 158 मंदिर कर्मचारी, जिनमें 21 पुजारी शामिल हैं, कोविड-19 पॉजिटिव निकल चुके हैं.

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रिपोर्ट में पता चला कि इन 158 मामलों में सबसे अधिक राज्य की पुलिस से हैं. मंदिर पर तैनात 43 पुलिसकर्मी पॉज़िटिव हैं.

अधिकारी, मंदिर का संचालन कर रहे तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) बोर्ड के अध्यक्ष, वाईवी सुब्बा रेड्डी के उस बयान के सिर्फ दो दिन बाद मिल रहे हैं, जिसमें उन्होंने ने कहा था कि सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए मंदिर में पूजा जारी रहेगी.

मंदिर अधिकारियों ने दिप्रिंट से कहा कि अगर मंदिर खुला भी रहता है तो भी किसी भी सीनियर पुजारी की ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी.

रिपोर्ट में क्या है

रिपोर्ट में कहा गया है कि आंध्र प्रदेश के कंटेनमेंट ज़ोन्स के श्रद्धालुओं को बिना किसी प्रतिबंध के मंदिर आने के लिए ऑनलाइन टिकट जारी कर दिए गए.

रिपोर्ट में कहा गया, ‘अधिकांश पोटू वरकर्स कोविड-19 से संक्रमित थे, लेकिन लड्डुओं की तैयारी और बिक्री को रोका नहीं गया है’. रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि ‘अन्न प्रसादम’ वितरित कर रहे ब्राह्मण भी संक्रमित थे.

रिपोर्ट में आगे कहा गया कि तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु से, मंदिर की ओर बढ़ रही सड़क यात्रा से भी, इलाक़े में कोविड मामले बढ़ रहे हैं.

रिपोर्ट में सिफारिश की गई कि चित्तूर ज़िले में, जहां मंदिर स्थित है, किसी भी निजी होटल को श्रद्धालुओं के लिए नहीं खोला जाना चाहिए.

टीटीडी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

इस बीच, मंदिर के मानद मुख्य पुजारी रामना दिक्षितुलू ने बृहस्पतिवार को ट्विटर पर, मंदिर कर्मचारियों और पुजारियों के कोविड पॉजिटिव आने पर चिंता व्यक्त की और अथॉरिटीज़ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी को टैग करते हुए, उन्होंने सुझाव दिया कि मंदिर में सामान्य सेवाएं बंद कर दी जानी चाहिएं, ताकि और ज़्यादा लोग संक्रमित न हों. लेकिन, उन्होंने कहा कि पुजारियों को अकेले में, दैनिक अनुष्ठान करने की अनुमति होनी चाहिए, जैसा कि लॉकडाउन के दौरान हो रहा था.

उन्होंने सीएम से ये भी कहा कि अभी तक पूजा न रोकने के लिए, टीटीडी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. दिक्षितुलू को 2018 में मुख्य पुजारी के पद से हटा दिया था लेकिन बाद में 2019 में, मंदिर के सलाहकार के रूप में काम करने के लिए, उन्हें फिर से मानद मुख्य पुजारी के पद पर नियुक्त कर दिया गया.

इस रिपोर्ट के प्रकाशित होने के कुछ घंटे बाद, तिरुपति शहरी जिला एसपी ए. रमेश रेड्डी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की, उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसी कोई रिपोर्ट मिली है.

उन्होंने कहा, ‘तिरुमला के अतिरिक्त एसपी के नाम से यह खबर चल रही है कि तिरुमाला श्रीवारी मंदिर के खुलने से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. श्रीवारी मंदिर को खोलना या बंद करना पूरी तरह तिरुमाला तिरुपति मंदिर और राज्य का मामला है.’

उन्होंने कहा कि ‘तिरुपति शहरी जिला पुलिस का इससे कोई लेना-देना नहीं है.’ उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग तिरुमाला में आने वाले श्रद्धालुओं को सुरक्षा प्रदान करने के लिए काम कर रहा है.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम बताते हुए कहा कि पुलिस की रिपोर्ट एक मसौदा थी और न कि अंतिम कॉपी.

इस बीच, शनिवार सुबह मीडिया के साथ व्हाट्सएप ग्रुप पर रिपोर्ट साझा करने वाले एक सब-इंस्पेक्टर ने शाम को रिपोर्ट डिलीट कर दी.

पुलिस टिप्पणियों का विवरण शामिल करने के लिए इस रिपोर्ट को अपडेट किया गया है.

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें) 

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