नई दिल्ली: पंजाब सरकार ने मंगलवार को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट को बताया कि अलगाववादी अमृतपाल सिंह पर नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (एनएसए) लगा दिया गया है.
अलगाववादी की अदालत में पेशी का अनुरोध करने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस एन. एस. शेखावत ने शनिवार को अमृतपाल सिंह के पुलिस के हाथ से निकल जाने पर पंजाब सरकार की खिंचाई की और इसे खुफिया विभाग की विफलता बताया था.
वकील इमाम सिंह खारा ने अमृतपाल सिंह को पुलिस की ‘कथित’ हिरासत में से ‘रिहा’ कराने का अनुरोध करते हुए यह याचिका दायर की थी. खारा अमृतपाल सिंह और उनके संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के कानूनी सलाहकार हैं. पंजाब पुलिस का कहना है कि खालिस्तान समर्थक अमृतपाल उनके बिछाए जाल से बच निकलने के बाद से फरार है.
इसके साथ ही पंजाब पुलिस ने राज्य के अमृतसर जिले में ‘वारिस पंजाब डे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह द्वारा चलाए जा रहे नशामुक्ति केंद्र को बंद कर दिया.
नशामुक्ति केंद्र के केयरटेकर ने कहा, ‘अमृतपाल यहां आया करते थे और लोग अपनी समस्याओं का इलाज कराने आते थे. यहां कुछ भी गलत नहीं हो रहा है.
सीमाओं की सुरक्षा बढ़ाई गई
इससे पहले मंगलवार को इस संभावना को देखते हुए कि वारिस पंजाब के प्रमुख अमृतपाल सिंह देश छोड़कर भाग सकते हैं, केंद्र द्वारा सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) को एक संदेश प्रसारित करने के बाद नेपाल, पाकिस्तान सहित अन्य अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा बढ़ाई गई.
नेपाल, पंजाब और बांग्लादेश के साथ सभी अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं और वहां तैनात बीएसएफ और एसएसबी को अलर्ट कर दिया गया है और हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है ताकि अमृतपाल सिंह देश छोड़कर भाग न सके.
अमृतपाल सिंह की तस्वीर भी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर सभी प्रमुख यूनिट्स को भेज दिया गया है, ताकि वह देश से भाग ने पाए.
हाई कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई के दौरान अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह भी उपस्थित थे.
अधिवक्ता खारा ने दावा किया कि पुलिस ने जालंधर के शाहकोट से अमृतपाल सिंह को ‘गैरकानूनी तरीके से और जबरन’ हिरासत में लिया है.
खारा ने कहा कि अमृतसर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा जिला मजिस्ट्रेट से सिफारिश किए जाने के बाद यह कदम उठाया गया है. हालांकि राज्य सरकार द्वारा दायर जवाब के अनुसार, पुलिस ने अमृतपाल सिंह को हिरासत में नहीं लिया है.
याचिका दायर होने के बाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को 21 मार्च के लिए नोटिस जारी किया.
पुलिस ने शनिवार को अमृतपाल सिंह और ‘वारिस पंजाब दे’ के सदस्यों के खिलाफ विस्तृत अभियान चलाया था. लेकिन अलगाववादी अमृतपाल सिंह पुलिस को चकमा देकर फरार होने में कामयाब रहा.
पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने पंजाब पुलिस को अमृतपाल सिंह को पकड़ने में नाकाम होने पर फटकार लगाई.
कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा, ‘आपके पास 80,000 पुलिस वाले हैं. अमृतपाल सिंह कैसे भाग गया?’ कोर्ट ने पुलिस को ऑपरेशन पर एक रिपोर्ट पेश करने का भी निर्देश दिया.
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