नई दिल्ली: खालिस्तान समर्थक और वारिस पंजाब दे प्रमुख और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को 36 दिन बाद आखिरकार पंजाब पुलिस ने इंटेलीजेंस इनपुट्स के बाद मोगा के गांव से गिरफ्तार कर लिया है.
आईजी सुखचैन सिंह ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि कैसे इंटेलीजेंस इनपुट्स के बाद पूरी तैयारी के साथ पुलिस ने पूरे रोडेवाला गुरुद्वारे को घेरा. आईजी सुखचैन सिंह ने कहा, “अमृतपाल की पंजाब पुलिस के पास पुख्ता सूचना थी. इसके बाद पंजाब पुलिस में रोडे गांव को पूरी तरह से घेर लिया था. उसके बाद अमृतपाल के पास कोई विकल्प नहीं रह गया था. आखिर में वह गुरुद्वारे के बाहर आ गया जहां से पंजाब पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया गया.”
यह पूछे जाने पर कि क्या अमृतपाल ने सरेंडर किया है? आईजी ने कहा नहीं पंजाब पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया है.
अमृतपाल को पंजाब पुलिस ने मोगा के गांव रोडेवाला के गुरुद्वारे के बाहर से गिरफ्तार किया है. आईजी ने बताया कि गुरुद्वारे की पवित्रता को देखते हुए पुलिस गुरुद्वारे के अंदर नहीं गई लेकिन जैसे ही अमृतपाल बाहर निकला उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
आईजी ने कहा, “हमने पूरे गुरुद्वारे के आसपास फोर्स जुटा दी और उसे घेर लिया. बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया गया.” अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने आज सुबह करीब 6.45 बजे गांव रोडे में गिरफ्तार किया है.
बता दें कि पिछले डेढ़ महीने से भी अधिक समय से पुलिस उसे दिल्ली, उत्तर प्रदेश सहित की राज्यों में तलाश रही थी. छुपे होने के दौरान उसके कई सीसीटीवी फुटेज भी सामने आ रहे थे जिसके बाद जब तक पुलिस उस जगह पहुंचती सिंह वहां से गायब हो चुका होता था.हालांकि अमृतपाल इस बीच दो बार सिखों के लिए वीडियो भी जारी कर चुका था और लोगों से एकजुट होने की दरख्वास्त भी करता रहा था.
रविवार को गिरफ्तार किए जाने से पहले उसने रोड़े के उस गुरुद्वारा साहिब से एक बार फिर लोगों को संबोधित किया था. यह जरनैल सिंह भिंडरावाला का गांव है.
आईजी ने यह भी बताया कि खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह को असम की डिब्रूगढ़ जेल भेजा जा रहा है. उसे बठिंडा एयरपोर्ट पर मेडिकल के बाद उसे एयरलिफ्ट करके असम भेजा जाएगा.
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