नई दिल्ली: नीमच में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का 86वां स्थापना दिवस समारोह 17 अप्रैल को आयोजित हुआ. कार्यक्रम में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में अग्रसर है और वर्ष 2026 तक देश को नक्सलवाद से मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है. उन्होंने कहा कि इस दिशा में सीआरपीएफ की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है.
गृह मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद शांतिपूर्ण चुनाव कराना सीआरपीएफ की कर्तव्यनिष्ठा का उदाहरण है. उन्होंने कहा कि संसद हमले और श्रीराम जन्मभूमि जैसे संकट के समय भी सीआरपीएफ ने वीरता का प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा, “आज सीआरपीएफ के तीन लाख जवान देश की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं.”
कार्यक्रम में एमपी के मुख्यमंत्री मोहन यादव, सीआरपीएफ महानिदेशक ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह, सांसद सुधीर गुप्ता, बंशीलाल गुर्जर समेत अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे. गृह मंत्री ने वीरता पदक पाने वाले जवानों को सम्मानित किया और परेड का निरीक्षण कर सलामी ली. विशेष इकाइयों कोबरा, आरएएफ, क्यूएटी और डॉग स्क्वॉड ने आकर्षक प्रदर्शन किया.
सीआरपीएफ के स्थापना दिवस की परेड के बाद गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री मोहन यादव ने नीमच स्थित सीआरपीएफ कैंप में लगाई गई एक फोटो प्रदर्शनी देखी. यह प्रदर्शनी “राष्ट्र सेवा में समर्पित सीआरपीएफ” थी, जिसमें सीआरपीएफ की शुरुआत से अब तक की उपलब्धियों और कामों को तस्वीरों के ज़रिए दिखाया गया था.
स्थापना दिवस पर सीआरपीएफ परिसर में एक प्रदर्शनी लगाई गई जिसमें बल के इतिहास और उपलब्धियों को दर्शाया गया. यह आयोजन नीमच में इसलिए भी खास रहा क्योंकि यहीं 1939 में ‘क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस’ की स्थापना हुई थी, जिसे आजादी के बाद 1949 में सीआरपीएफ नाम दिया गया.
सीआरपीएफ आज देश की आंतरिक सुरक्षा का प्रमुख स्तंभ है.
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