नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को ‘हिंदी दिवस’ के अवसर पर देश को शुभकामनाएं दीं और नागरिकों से महात्मा गांधी और सरदार वल्लभभाई पटेल के सपनों को साकार करने के लिए अपने रोजमर्रा के कामों में हिंदी भाषा का प्रयोग बढ़ाने की गुजारिश की. इस मौके पर शाह ने एक देश एक भाषा की वकालत की तो हिंदी पर एकबार फिर से बहस छिड़ गई है.
गृहमंत्री द्वारा हिंदी की वकालत किए जाने के बाद न केवल विपक्षी दलों के नेता भड़क गए हैं बल्कि बयान वापस लेने की बात भी कह डाली है.
हिंदी दिवस के अवसर पर शाह ने ट्वीट किया, ‘भारत विभिन्न भाषाओं का देश है और हर भाषा का अपना महत्व है परन्तु पूरे देश की एक भाषा होना अत्यंत आवश्यक है जो विश्व में भारत की पहचान बने. आज देश को एकता की डोर में बांधने का काम अगर कोई एक भाषा कर सकती है तो वो सर्वाधिक बोली जाने वाली हिंदी भाषा ही है.’
उन्होंने आगे कहा, ‘आज हिंदी दिवस के अवसर पर मैं देश के सभी नागरिकों से अपील करता हूं कि हम अपनी-अपनी मातृभाषा के प्रयोग को बढ़ाएं और साथ में हिंदी भाषा का भी प्रयोग कर पूज्य बापू और लौह पुरुष सरदार पटेल के देश की एक भाषा के स्वप्न को साकार करने में योगदान दें. हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.’
भारत विभिन्न भाषाओं का देश है और हर भाषा का अपना महत्व है परन्तु पूरे देश की एक भाषा होना अत्यंत आवश्यक है जो विश्व में भारत की पहचान बने। आज देश को एकता की डोर में बाँधने का काम अगर कोई एक भाषा कर सकती है तो वो सर्वाधिक बोले जाने वाली हिंदी भाषा ही है। pic.twitter.com/hrk1ktpDCn
— Amit Shah (@AmitShah) September 14, 2019
गृहमंत्री के इस ट्वीट के बाद एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और डीएमके चीफ स्टालिन ने इसे सिरे से खारिज कर दिया.
ओवैसी ने कहा, ‘एक भाषा’ की डिबेट को हिंदुत्व से जोड़कर सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की.
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘हिंदी हर भारतीय की मातृभाषा नहीं है. क्या आप इस देश की कई मातृभाषाएं होने की विविधता और खूबसूरती की प्रशंसा करने की कोशिश करेंगे.’
हैदराबाद से सांसद और एआईएमआईएम के चीफ ओवैसी ने आगे कहा, ‘अनुच्छेद 29 हर भारतीय को अपनी अलग भाषा और संस्कृति का अधिकार देता है. ओवैसी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए आगे लिखा कि भारत हिंदी, हिंदू, हिंदुत्व से भी बड़ा है.
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी इस मौके पर ट्वीट किया. उन्होंने कहा, ‘आशा-अभिलाषा है हिंदी, सबको साथ लेकर चलनेवाली भाषा है हिंदी. हिंदी साहित्य की सेवा में लगे हुए सभी लेखकों, कवियों और पत्रकारों को नमन करते हुए देशवासियों को हिंदी-दिवस की शुभकामनाएं.’
शाह बयान वापस लें
अमित शाह के हिंदी वाले बयान पर डीएमके पार्टी के अध्यक्ष एमके स्टालिन ने कहा, ‘हम लगातार हिंदी को थोपे जाने का विरोध करते रहे हैं. आज अमित शाह द्वारा की गई टिप्पणी से हमें आघात पहुंचा है, यह देश की एकता को प्रभावित करेगा. हम मांग करते हैं कि वह बयान वापस लें.’ वहीं उन्होंने इस मुद्दे को आगे बढ़ाने की बात कही है.
DMK president MK Stalin on Home Minister Amit Shah's statement 'there is need for our nation to have one language': Day after tomorrow we will be holding our executive party meeting where will be take up this issue further. https://t.co/LAU15wgV8Y
— ANI (@ANI) September 14, 2019
इससे इतर तृणमूल कांग्रेस की मुखिया और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हिंदी दिवस की शुभकामनाएं दीं और कहा कि हमें सभी भाषाओं और संस्कृतियों का समान रूप से सम्मान करना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘हम कई भाषाएं सीख सकते हैं लेकिन हमें अपनी मातृभाषा को कभी नहीं भूलना चाहिए.’
हिंदी दिवस पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। हमें सभी भाषाओं और संस्कृतियों का समान रूप से सम्मान करना चाहिए। हम कई भाषाएँ सीख सकते हैं लेकिन हमें अपनी मातृ-भाषा को कभी नहीं भूलना चाहिए
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) September 14, 2019
हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है, जो उस दिन के महत्व को दर्शाता है जब देश की संविधान सभा ने हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया. हिंदी, देश की 22 अनुसूचित भाषाओं में से एक है.