नई दिल्लीः रविवार को नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने बंगाल सरकार द्वारा दिया जाने वाला बंग विभूषण पुरस्कार लेने से मना कर दिया. अमर्त्य सेन की पुत्री अंतरा सेन ने कहा, ‘मैंने अपने पिता से बात की उन्होंने कहा कि मुझे जिंदगी में बहुत से पुरस्कार मिले हैं. वह चाहते हैं कि यह अवॉर्ड किसी और को दिया जाए.’
अमर्त्य सेन इस वक्त देश से बाहर हैं. वे सोमवार को कोलकाता में उपस्थित नहीं रहेंगे जिस दिन अवॉर्ड दिया जाना है. बता दें कि बंगाल की राजनीति में पार्थ चटर्जी के मामले को लेकर पहले से ही उठापटक चल रही है. ऐसे में अमर्त्य सेन के पुरस्कार लिए जाने से इनकार करने पर वामदल इस बात का आरोप लगाने लगे हैं कि उन्होंने इसीलिए पुरस्कार लेने से मना किया है. हालांकि, कुछ जानकारों का कहना है कि अमर्त्य सेन ने इस घटना के पहले ही पुरस्कार न लेने का मन बना लिया था.
अमर्त्य सेन के साथ अभिजीत विनायक बनर्जी को भी बंग विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया जाना है लेकिन वे भी देश से बाहर हैं. इसके अलावा बंगाली अभिनेता एमपी देव और रितुपर्णा सहित तमाम लोगों को बंग भूषण सम्मान दिया जाएगा.
अमर्त्य सेन का नाम शनिवार को घोषित किया गया था. बंग विभूषण बंगाल का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है जो कि अलग-अलग क्षेत्रों में सेवाओं के लिए लोगों को दिया जाता है.
अमर्त्य सेन के अलावा बंग विभूषण सम्मान कोलकता के तीन फुटबॉल क्लबों ईस्ट बंगाल, मोहन बागान और मोहम्मडन के प्रमुखों को बंग विभूषण सम्मान दिया जाएगा. इसके अलावा एसकेएस अस्पताल को भी यह सम्मान दिया जाना है. बता दें कि यह सम्मान अब तक महाश्वेता देवी, संध्या मुखर्जी व मन्ना डे इत्यादि को मिल चुका है.
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