नई दिल्ली: 28 जून से लेकर 22 अगस्त तक के लिए निर्धारित अमरनाथ यात्रा इस साल भी रद्द हो सकती है. दिप्रिंट को यह जानकारी मिली है. बीते 24 घंटे में देश में कोरोना संक्रमण के 3.8 लाख मामले और 3400 से भी ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
जम्मू-कश्मीर प्रशासन के सूत्रों ने बताया कि कोविड के बढ़ते मामलों के बीच इस यात्रा को रद्द किए जाने पर निर्णय लेने वालों के बीच बात चल रही है.
यात्रा को स्थगित करने या रद्द करने पर केंद्र शासित प्रदेश की एडवाइजरी कमिटी फैसला करेगी, जिसके अध्यक्ष उपराज्यपाल हैं और केंद्र सरकार भी यही सिफारिश कर सकती है. लेकिन अंतिम फैसला श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के सदस्यों के साथ मिलकर कमिटी करेगी. श्राइन बोर्ड ही यात्रा की योजना और इसपर अमल कराती है.
सूत्रों ने कहा, ‘बातचीत जारी है और संभवत: यात्रा को रद्द किया सकता है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए ये निर्णय किया जा रहा है. इस तरह की बड़ी भीड़ से स्थिति और खराब होगी और इसे रद्द किया जाना ही ठीक रहेगा.’
सूत्र ने कहा, ‘निर्णय हो जाने के बाद आधिकारिक घोषणा भी कर दी जाएगी.’
इस यात्रा के लिए 1 अप्रैल से रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हुई थी लेकिन कोविड के कारण 22 अप्रैल को इसे रोक दिया गया था.
56 दिनों तक चलने वाली इस यात्रा के लिए दो रास्ते निर्धारित किए गए थे. एक पहलगाम और दूसरा बालटल की तरफ से. कोरोना महामारी के कारण पिछले साल भी इस यात्रा को रद्द करना पड़ा था और श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने श्राइन से अनुष्ठानों का प्रसारण किया था.
2019 में जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने के कारण इस यात्रा को बीच में ही रोक दिया गया था क्योंकि उस बीच वहां लॉकडाउन था और संचार सेवाओं पर पाबंदी थी.
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चार धाम यात्रा भी रद्द
इसी सप्ताह बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की चार धाम यात्रा भी कोविड से बिगड़ती स्थिति के कारण रद्द कर दी गई.
ये यात्रा 14 मई से शुरू होने वाली थी.
गुरुवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने इसकी घोषणा की. हालांकि चारों मंदिरों के द्वार खुले रहेंगे और पूजा-पाठ वहां के पुजारी करेंगे.
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