भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गुरुवार को कहा कि राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 27 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने को लेकर सभी राजनीतिक दल एकमत हैं और विधायिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका तीनों मिलकर इसे लागू कराने के लिए संयुक्त प्रयास करेंगे.
इससे पहले, मध्यप्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के बीच ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण के मुद्दे पर कई मौकों पर आरोप प्रत्यारोप का दौर चला, जिसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जहां यह लंबित है.
उन्होंने कहा कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है और 22 सितंबर से इसकी रोज़ाना सुनवाई होगी. उन्होंने कहा कि अदालत में अलग-अलग वकील बहस कर रहे हैं.
माननीय सुप्रीम कोर्ट में लंबित पिछड़ा वर्ग के लिए 27% आरक्षण के मामले को लेकर आज भोपाल निवास पर सर्वदलीय बैठक हुई, जिसमें सर्वसम्मति से संकल्प पारित किया गया कि इस मामले में सभी दल एकजुट होकर एक फोरम पर आएंगे। इस मामले में विभिन्न पक्षों के अधिवक्तागण भी 10 सितंबर तक एक साथ बैठकर… pic.twitter.com/hECQtcykl5
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) August 28, 2025
मुख्यमंत्री ने ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर उनकी अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए ये बातें कही.
बैठक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (सपा), आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के नेताओं ने हिस्सा लिया.
यादव ने कहा, ‘‘हम सभी की भावना है कि मध्यप्रदेश में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण मिले. विधानसभा में भी सभी दलों ने इस पर सर्वसम्मति जताई है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘सर्वदलीय बैठक में सर्वसम्मति से यह संकल्प लिया गया है कि विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका तीनों मिलकर ओबीसी आरक्षण को लागू कराने के लिए संयुक्त प्रयास करेंगे.’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि बैठक में सभी राजनीतिक दलों ने तय किया है कि 10 सितंबर से पहले सभी वकील एकसाथ बैठकर साझा रणनीति बनाएंगे.
उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर सभी दल एकमत है और चाहते हैं कि ओबीसी आरक्षण को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन मामले में भी फैसला जल्द आए.
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी इच्छा है कि सभी वकील आपस में चर्चा कर एक रणनीति बनाएं और राज्य का पक्ष मजबूती से रखें.’’
यादव ने पिछले महीने 27 प्रतिशत आरक्षण के कार्यान्वयन में बाधा डालने वाली कानूनी जटिलताओं के लिए कांग्रेस को दोषी ठहराया था, जबकि विपक्षी दल ने कहा कि वह इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन करेगी.
यादव ने पिछले महीने कहा था कि भाजपा सरकार ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है, जबकि कांग्रेस ने उचित आधार या आंकड़ों के बिना इस तरह के कदम की घोषणा की थी, जिससे कानूनी जटिलताएं पैदा हुईं.