नई दिल्ली: पहलगाम हमले को लेकर गुरुवार को यहां आयोजित सर्वदलीय बैठक में विभिन्न दलों के नेताओं ने आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करने के लिए निर्णायक कार्रवाई की मांग की.
बैठक में विपक्षी सांसदों ने सुरक्षा चूक का मुद्दा भी उठाया. हालांकि, उन्होंने सरकार को आश्वासन दिया कि वह आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में उसके साथ हैं.
बैठक के बाद आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि सभी दलों ने सरकार से आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करने के लिए निर्णायक कार्रवाई करने की मांग की है.
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा कि बैठक में संभावित सुरक्षा चूक पर भी चर्चा हुई, लेकिन विपक्ष ने सरकार को आश्वासन दिया कि वह आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में उसके साथ है.
बंदोपाध्याय ने कहा, “आतंकवाद को खत्म करने की इस लड़ाई में राष्ट्र को पूरी तरह एकजुट होना होगा.”
बैठक में सरकार ने विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं को पहलगाम आतंकवादी हमले की जानकारी दी और उनके विचार सुने.
बैठक शुरू होने पर पहलगाम आतंकवादी हमले के पीड़ितों के सम्मान में कुछ देर का मौन रखा गया.
सरकार की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीरीजू मौजूद थे.
राजनाथ की अध्यक्षता में हुई बैठक में राज्यसभा में सदन के नेता जेपी नड्डा, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी उपस्थित थे.
बैठक में हिस्सा लेने वाले अन्य नेताओं में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार (राकांपा-एसपी) की सुप्रिया सुले, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रफुल्ल पटेल, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के असदुद्दीन औवेसी, बीजू जनता दल (बीजद) के सस्मित पात्रा, तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के लावु श्रीकृष्ण देवरायलु, शिवसेना के श्रीकांत शिंदे, आम आदमी पार्टी (आप) के संजय सिंह, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सुदीप बंदोपाध्याय, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रेमचंद गुप्ता, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के टी शिवा और समाजवादी पार्टी (सपा) के रामगोपाल यादव शामिल हैं.
सर्वदलीय बैठक के एक दिन पहले सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कदमों की घोषणा की थी.
सर्वदलीय बैठक बुलाने का फैसला बुधवार को लिया गया था और राजनाथ एवं शाह ने विभिन्न दलों के नेताओं से संपर्क किया.
राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित किसी अहम घटना के बाद सर्वदलीय बैठक बुलाने की परंपरा रही है, जैसा 2019 में पुलवामा आतंकी हमला या 2020 में भारत-चीन गतिरोध के दौरान देखा गया था.
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