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Monday, 23 December, 2024
होमदेशअलक़ायदा के एक संगठन की मुसलमानों को सीएए के ख़िलाफ़ एकजुट होने की अपील में भारत सरकार को दिखा पाकिस्तान का हाथ

अलक़ायदा के एक संगठन की मुसलमानों को सीएए के ख़िलाफ़ एकजुट होने की अपील में भारत सरकार को दिखा पाकिस्तान का हाथ

भारत की ख़ुफ़िया एजेंसियों ने इसे ‘पाकिस्तान की आईएसआई की स्क्रिप्ट’ बताया है, जिसका मक़सद ‘इस संवेदनशील समय में भारत को बांटना’ है.

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नई दिल्ली: अल क़ायदा अरब प्रायदीप (एक्यूएपी) ने मंगलवार को एक बयान जारी किया, जिसमें भारतीय मुसलमानों, ख़ासकर विद्वानों से कहा गया कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के ख़िलाफ अपना विरोध जताने के लिए वो एकजुट होकर भारत के ख़िलाफ लड़ाई छेड़ें. दिप्रिंट को यह जानकारी मिली है.

लेकिन, ख़ुफिया एंजेंसियों के सूत्रों ने इसे पाकिस्तान की इंटर सर्विसेज़ इंटेलिजेंस (आईएसआई) का एजेंडा क़रार दिया है, जिसका मक़सद ‘इस संवेदनशील समय में भारत को बांटना’ है.

ये पहला मौक़ा है जब एक्यूएपी ने, जिसका गठन 2009 में यमन और सऊदी अरब में अल क़ायदा की दो स्थानीय शाखाओं के विलय के साथ हुआ था, भारतीय मुसलमानों से जुड़ा कोई मुद्दा उठाया है.

अरबी भाषा में जारी इस बयान में सीएए बनाने के लिए भारत को ‘काफिर’ कहा गया है और भारतीय मुसलमानों से कहा गया है कि वो अपनी ‘क़ौम’ के लिए लड़ाई शुरू करें.

सीएए में 31 दिसम्बर 2014 या उससे पहले, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए, ग़ैर-मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देने की बात कही गई है.

संगठन ने भारत में अपने ‘मुसलमान भाईयों’ के लिए समर्थन का एलान किया है और मुसलमान विद्वानों से कहा है कि अपने मज़हब और पहचान की हिफाज़त के लिए वो जवाबी हमला करें.

बयान में कहा गया ‘पूरी दुनिया के सामने, भारत की काफिर सरकार ने नागरिकता क़ानून बनाया. जिससे सिर्फ मुसलमानों को अलग रखा गया, ये साफतौर पर भेदभाव और खुला जातिवाद है. सरकार का मक़सद भारतीय मुसलमानों की बढ़ती ताक़त को सीमित करना है, जिनकी तादाद बीस करोड़ से ज़्यादा है.’ बयान में ये भी कहा गया कि भारत सरकार ने मुसलमानों के उत्पीड़न की ज़मीन तैयार कर ली है और मतविरोधियों को ताक़त से कुचला जा रहा है. इस क़ानून के ज़रिए, भारत सरकार अलग-अलग रूपों में अन्याय और उत्पीड़न के लिए ज़मीन तैयार करना चाहती थी.’

बयान में ये भी कहा गया ‘जो मुसलमान इस क़ानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और अपना विरोध जता रहे हैं, उनके साथ पुलिस के संरक्षण और सहयोग से अन्याय किया जा रहा है.’

बयान में ये भी कहा गया कि मुसलमानों के खिलाफ नरसंहार में अमेरिका भारत का समर्थन कर रहा है और समुदाय के साथ इस अत्याचार के ईनाम के तौर पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत का दौरा किया.

बयान में कहा गया ‘अमेरिका ने अपने राष्ट्रपति ट्रम्प के भारत दौरे का एलान किया, जो एक तरह से भारत सरकार के लिए ईनाम था, जो मुसलमानों के नरसंहार की इस ख़ूनी मुहिम के अपराध में शरीक थे.’

पाकिस्तानी आईएसआई की स्क्रिप्ट

भारतीय ख़ुफिया एजेंसियों के एक सूत्र के अनुसार, पाकिस्तान सीएए के खिलाफ लोगों के विरोध प्रदर्शन धर्मों को बांटने के एक अवसर के रूप में देख रहा है और इसलिए एक्यूएपी के ज़रिए उसने मुस्लिम बुद्धिजीवियों तक पहुंचने की कोशिश की है.

सूत्र ने कहा ‘ये भारतीय बुद्धिजीवियों को भड़काने और उन्हें अपने पक्ष में लाने का एक स्पष्ट प्रयास था. वो जानते हैं कि सीएए का इस्तेमाल करके और भारत सरकार के खिलाफ बात करने से अगर वो कुछ असर डाल पाते हैं, तो उनके लिए ये एक बड़ी जीत होगी.’ उन्होंने ये भी कहा ‘ये बयान पाकिस्तान की आईएसआई की स्क्रिप्ट है और कुछ नहीं.’

एक्यूएपी क्या है?

एक्यूएपी ने अतीत में देश के अंदर और विदेशों में हिंसक हमले किए थे, जिनमें जनवरी 2015 में फ़्रांस की व्यंग पत्रिका चार्ली हेब्दो के पैरिस ऑफिस पर गोलीबारी शामिल है.

ऊपर हवाला दिए गए ख़ुफिया सूत्र ने दिप्रिंट को बताया कि ये संगठन मुख्यत: यमन में काम करता है और विदेशियों तथा सुरक्षा बलों को निशाना बनाता है, क्योंकि इसका मक़सद सऊदी और यमनी सरकारों को उखाड़ना है.

एक्यूएपी के 2012 के एक दस्तावेज़ में, उनके उद्देश्यों की सूची इस तरह है, ‘अरब प्रायद्वीप से यहूदियों और ईसाइयों को खदेड़ना और इस्लामी ख़िलाफ़त तथा शरिया का राज क़ायम करना, जिसे अधर्मी सरकारों ने रोका हुआ है.’

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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1 टिप्पणी

  1. In Anti CAA movement,the maximum people’s those are participating are illiterate .they have not properly understand it.people’s of india have already doubt that behind these mob some international body is working

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