scorecardresearch
Saturday, 21 December, 2024
होमदेशअखिलेश मायावती से मिले, सीबीआई की अवैध खनन मामले में 14 जगह तलाशी

अखिलेश मायावती से मिले, सीबीआई की अवैध खनन मामले में 14 जगह तलाशी

आने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी से मुकाबले के लिए समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के साथ आने के संकेत के एक दिन बाद ही सीबीआई की कार्यवाई.

Text Size:

नई दिल्लीः समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव बहुजन समाज पार्टी सुप्रिमो मायावती से मिले और आने वाले चुनाव में बीजेपी से मुकाबले के लिए साथ आने का संकेत देने के एक दिन बाद ही सीबीआई ने अवैध माइनिंग से संबंधित मामले में 14 जगहों की तलाशी लिया.

यूपी में अवैध रेत खनन मामले की आंच अब पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तक पहुंचती दिख रही है. सीबीआई उनसे पूछताछ कर सकती है. 2012-13 में अखिलेश के पास ही खनन मंत्रालय का भी प्रभार था. शनिवार को ही सीबीआई ने आईएएस अधिकारी बी. चन्द्रकला के आवास पर छापा मारा था.

गौरतलब है कि 2 जनवरी को दर्ज एफआईआर में 11 सरकारी कर्मचारियों के नाम हैं, जो अखिलेश यादव के 2012 व 2017 में मुख्यमंत्री रहते हुए महत्वपूर्ण पदों पर थे.

एफआईआर में यह भी लिखा है कि उस समय के खनन मंत्रियों की भूमिका भी देखी जाय. अखिलेश यादव खुद भी गायत्री प्रसाद प्रजापति को चार्ज देने से पहले 2012-13 में इस पोर्टफोलियो को संभाले थे.

अवैध खनन मामले में सीबीआई की यही तीसरी एफआईआर है और यह लगभग ढाई साल बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट के 28 जुलाई 2016 के जांच के आदेश के बाद के दर्ज हुई है. एजेंसी ने पहले ही सात प्रारंभिक जांच दर्ज की थीं.

जांच के दायरे में शामिल अधिकारियों में हमीरपुर की डीएम रहीं आईएएस ऑफिसर बी. चंद्रकला, हमीरपुर के खनन अधिकारी मोइनुद्दीन और खनन क्लर्क राम आश्रय प्रजापति और अन्य राज्य सरकार के कर्मचारी हैं.

एफाआईआर में निजी लोगों में रमेश कुमार मिश्रा, दिनेश कुमार मिश्रा, अंबिका तिवारी, संजय दीक्षित, सत्यदेव दीक्षित, रामवतार सिंह, करन सिंह, आदिल खान और कुछ अज्ञात सरकारी कर्मचारियों के नाम हैं. इन सभी पर चोरी, जबरन वसूली, धोखाधड़ी और आपराधिक दुराचरण और भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.

जांच की कार्यवाई हमीरपुर, जालौन, लखनऊ, नोएडा और दिल्ली में की गई और 12.5 लाख कैश 1.8 किलो सोना भी बरामद किया गया. चंद्रकला के आवास की भी तलाशी ली गई और कुछ दस्तावेज सीज किये गये.

जांचकर्ताओं को मिला

एफआईआर के अनुसार सीबीआई की जांच में खुलासा हुआ कि चंद्रकला ने मोइनुद्दीन व अन्य राज्यकर्मियों और पट्टाधारकों के साथ आपराधिक साजिश रची, हमरीपुर जिले में 2012 से 2016 के बीच लघु खनिजों की अवैध खनन को मंजूरी दी, जो सरकारी खजाने का बेजा नुकसान और खुद को अनुचित लाभ पहुंचाने वाला था.

मामले में जांच में सामने आया कि 2008 बैच की आईएएस ऑफिसर चंद्रकला ने कथित तौर पर अपने जिले में खनन ठेकों को इजाजत देते समय ई-टेंडर व्यवस्था का उल्लंघन किया और लघु खनिजों के अवैध उत्खनन की अनुमति दी.

एफआई के अनुसार उपरोक्त सभी सरकारी कर्मचारियों ने आपस में आपराधिक साजिश के तहत बिना ई-टेंडरिंग प्रक्रिया को अपनाये ताजा पट्टों को अवैध तरीके से अनुमति दी, मौजूदा पट्टों को रिन्यू किया और मौजूदा लीजधारकों को रोक के दौरान फिर से दे दिया गया, जैसा कि उत्तर प्रदेश सरकार के 31.05.2012 आदेश में जिक्र है, जिसे 20.05.2013 के कोर्ट के आदेश में बरकरार रखा गया.

लघु खनिजों की चोरी और पट्टाधारकों के साथ ही खनिज लाने-ले जाने वाले ड्राइवरों से धन उगाही के लिए अन्य लोगों को भी लघु खनिजों के अवैध खनन की अनुमति दी गई.

कौन हैं बी. चंद्रकला

आंध्र प्रदेश की रहने वाली बी. चंद्रकला नीरू 2008 में आईएएस बनी थीं. उन्हें यूपी काडर मिला था. वह बुलंदशहर, हमीरपुर जैसे कई जिलों की डीएम रह चुकी हैं. वह अगस्त 2018 से अध्ययन के लिए छुट्टी पर हैं.

पहली बार सुर्खियों में कब आईं…
वह पहली बार तब सुर्खियों में आईं जब वह बुलंदशहर की डीएम नियुक्त हुईं। यहां डीएम रहते हुए उन्होंने एक स्थानीय ठेकेदार और अफसरों को जमकर लताड़ लगाई थी, जिसका वीडियो इतना वायरल हुआ कि बी. चंद्रकला घर-घर में लोग जानने लगे.

उन्होंने अफसरों को लताड़ लगाते हुए कहा था कि शर्म करो, ये जनता के पैसे हैं। आपके घर का पैसा नहीं है. इस तरह आप लोगों को धोखा देते हैं. वेतन से पैसे कटवा दूंगी. सड़क बनती है और रातों रात उखड़ भी जाती है. सब सामान वापस करो. मैं पूरी रिपोर्ट शासन को भेजूंगी.

भाजपा भी कर चुकी है यूपी चुनाव के दौरान शिकायत
यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान बी. चंद्रकला मेरठ की डीएम थीं. उस वक्त भाजपा ने उनकी शिकायत चुनाव आयोग से की थी. उन पर आरोप लगा कि वह पक्षपातपूर्ण काम कर रही हैं और सत्ताधारी पार्टी की एजेंट हैं. ये शिकायत मेरठ बीजेपी के महानगर अध्यक्ष की ओर से की गई थी. इसमें उनके ट्रांसफर की भी मांग थी.

बता दें कि बी. चंद्रकला सोशल मीडिया पर भी काफी मशहूर हैं। उनके एक-एक पोस्ट पर लाखों लाइक्स आते हैं। वह अगर अपनी एक डीपी भी बदल लेती हैं तो लोग उस पर सैकड़ों कमेंट्स कर देते हैं। इस मामले में वह कई मशहूर हस्तियों तक को मात देते हैं. सोशल मीडिया पर उनके यूपी के सीएम योगी, पूर्व सीएम अखिलेश यादव से ज्यादा फॉलोवर हैं.

share & View comments