नई दिल्ली : राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए), अजीत डोभाल ने दिल्ली में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के आतंकवाद-रोधी दस्ते/विशेष कार्य बल के प्रमुखों के राष्ट्रीय सम्मेलन में कहा कि एनआईए ने कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ जो प्रभाव डालने में कामयाबी पाई है, वह किसी भी अन्य एजेंसी की तुलना में अधिक है. पाकिस्तान वैश्विक आतंक रोधी वाचडॉग फाइनैंसियल एक्शन टास्कफोर्स (एफएटीएफ) की निगरानी में है. एजेंसी ने इससे पहले पाकिस्तान को अपनी सीमा के अंदर सक्रिय आतंकी समूहों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी थी.
National Security Advisor (NSA), Ajit Doval: If a criminal has the support of a state, it becomes a great challenge. Some of the states have mastered this, in our case Pakistan has made it as an instrument of its state policy. https://t.co/Sa1fC4JJI7 pic.twitter.com/ijrbWuuPcd
— ANI (@ANI) October 14, 2019
पिछले हफ्ते एफएटीएफ ने पाकिस्तान को बताया कि वह हाफिज सईद और संयुक्त राष्ट्र के नामित आतंकवादियों के साथ-साथ जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव को पूरी तरह से लागू करने में विफल रहा है.
डोभाल ने अप्रत्यक्ष तौर पर पाक निशाना बनाते हुए कहा अगर अपराधी को राज्य का समर्थन मिले तो यह बड़ी चुनौती बन जाता है. कुछ देशों को इसमें महारत हासिल है, हमारे मामले में पाकिस्तान ने इसे अपनी राज्य नीति का एक जरिया बना लिया है.
उन्होंने कहा कि आज पाकिस्तान पर जो सबसे बड़ा दबाव बना है, उसकी वजह फाइनैंसियल एक्शन टास्कफोर्स (एफएटीएफ) की वित्तीय कार्रवाई है, इसने उन पर इतना दबाव बनाया है कि शायद अन्य कोई इतना नहीं बना सकता था.
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) डोभाल ने सोमवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को निर्देश देते हुए कहा कि वह देश में आतंकवादी विचारधारा को खत्म करने का लक्ष्य बनाए. राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनएसए) ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि कोई भी युद्ध की मार सहन नहीं कर सकता और युद्ध कभी फायदेमंद नहीं होता.
वहीं एनआईए का कहना है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवाद को पाकिस्तानी उच्चायोग द्वारा सीधे धन भेजकर या हवाला के माध्यम से आर्थिक मदद दी जा रही है.
पाक प्रतिनिधिमंडल 2 दिवसीय एफएटीएफ बैठक के लिए पेरिस पहुंचा
आर्थिक मामलों के मंत्री हम्माद अजहर की अगुवाई में एक पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल सोमवार से शुरू होने वाले फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के दो दिवसीय सत्र में भाग लेने के लिए पेरिस पहुंच गया है. जियो न्यूज के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि एफएटीएफ की बैठक में अप्रैल 2019 तक पाकिस्तान द्वारा उठाए गए कदमों पर एक रिपोर्ट पर चर्चा होगी और इस पर निर्णय लिया जाएगा कि इस्लामाबाद को अंतर-सरकारी संगठन की ग्रे लिस्ट से बाहर रखा जाए या नहीं.
एफएटीएफ बैठक में आतंकवादी फंडिंग को रोकने के लिए पाकिस्तान द्वारा उठाए गए कदमों की भी समीक्षा की जाएगी. वित्त और राजस्व मामले में प्रधानमंत्री के सलाहकार अब्दुल हाफीज शेख के अनुसार, इस्लामाबाद ने 20 कदम उठाए हैं और इन्हें पूरा किया है.
(न्यूज एजेंसी एएनआई के इनपुट्स के साथ)