नई दिल्लीः देश के सबसे प्रमुख अस्पताल एम्स दिल्ली का सर्वर लगातार सातवें दिन आज मंगलवार को भी डाउन रहा. रोगियों की भारी संख्या को देखते हुए तमाम तरह की दिक्कतें सामने आ रही हैं. मीडिया में जारी रिपोर्ट्स के मुताबिक इसमें चीन और उत्तर कोरिया के हैकर्स का हाथ होने का संदेह जाहिर किया जा रहा है.
सोमवार को ऐसी खबरें आ रही थीं कि हैकर्स ने 200 करोड़ रुपये की फिरौती की मांग की है. हालांकि, दिल्ली पुलिस ने इस बात का खंडन किया है.
Hackers have allegedly demanded around Rs 200 cr in cryptocurrency from AIIMS-Delhi as its server remains out of order for sixth consecutive day; patient care services in emergency, outpatient, inpatient, laboratory wings being managed manually: Sources
— Press Trust of India (@PTI_News) November 28, 2022
हैकिंग के बारे में बुधवार सुबह पता चला था. आशंका जताई जा रही है कि सेंधमारी के कारण लगभग 3-4 करोड़ मरीजों का डेटा प्रभावित हो सकता है. सूत्रों ने कहा कि सर्वर डाउन होने के कारण आपातकालीन यूनिट में रोगियों के देखभाल से जुड़ी सेवाएं, ओपीडी, भर्ती मरीज और लैब डिपार्टमेंट को कागजी तौर पर मैनेज करने की कोशिश की जा रही है.
भारतीय कंप्यूटर आपात प्रतिक्रिया दल (सर्ट-इन), दिल्ली पुलिस और गृह मंत्रालय के रिप्रेजेंटेटिव रैंसमवेयर हमले की जांच कर रहे हैं. रैंसमवेयर हमले के कारण कंप्यूटर तक ऐक्सेस नहीं हो पाता और ऐक्सेस उपलब्ध कराने के लिए हैकर पैसे की मांग करते हैं.
दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) इकाई द्वारा 25 नवंबर को जबरन वसूली और साइबर आतंकवाद का मामला दर्ज किया गया था.
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि जांच एजेंसियों की सिफारिशों पर अस्पताल में कंप्यूटर पर इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं. एम्स के सर्वर में पूर्व प्रधानमंत्रियों, मंत्रियों, नौकरशाहों और न्यायाधीशों समेत कई अति महत्वपूर्ण व्यक्तियों (वीआईपी) का डेटा स्टोर है.
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