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Friday, 22 November, 2024
होमदेशभारत में कोविड 19 के लिए पहला मानव वैक्सीन ट्रायल- 1,125 सैंपल लिए गए : रणदीप गुलेरिया

भारत में कोविड 19 के लिए पहला मानव वैक्सीन ट्रायल- 1,125 सैंपल लिए गए : रणदीप गुलेरिया

एम्स की आचार समिति की ओर से ट्रायल की अनुमति के बाद लिये गये सैंपल. पहले फेज में 375 स्वस्थ लोगों पर, दूसरे फेज में 12-65 साल के 750 लोगों पर होगा ट्रायल.

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नई दिल्ली: कोविड-19 के इलाज के लिए भारत में पहला वैक्सीन ट्रायल शुरू हो गाय है. स्वदेश में विकसित टीके मानव शरीर पर परीक्षण की अनुमति के बाद 1125 सैंपल लिये गये हैं.

पहले फेज में 375 स्वस्थ लोगों पर जिन्हे को-मोरबिडिटी नहीं है, दूसरे फेज में 12-65 साल के 750 लोगों पर ट्रायल किया जाएगा. एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने यह जानकारी दी है.

गुलेरिया ने कहा इसका कुल तीन ट्रायल किया जाएगा. पहले फेज में यह ट्राई किया जाएगा कि यह कितना सेफ है. दूसरा इसका कितना डोज होना चाहिए. तीसरे चरण में इसका ट्रायल बड़ी आबादी पर किया जाएगा.

एम्स निदेशक ने कहा कि इस बात के अधिक प्रमाण नहीं हैं कि राष्ट्रीय स्तर पर कम्युनिटी ट्रांसमिशन हो रहा है. लेकिन हॉटस्पॉट्स हैं, यहां तक ​​कि उन शहरों में भी जहां मामलों तेजी पर हैं और ज्यादा संभावना है कि उन क्षेत्रों में लोकल कम्युनिटा ट्रांसमिशन हो रहा है.

गुलेरिया ने कहा केवल भारत का नहीं, एशिया का डाटा उठाइए इटली, स्पेन, अमेरिका से नीचे है हमारे यहां मौत का आंकड़ा.

उन्होंने कहा कि कुछ एरिया बुरी तरह प्रभावति हुईं. दिल्ली ने बेहतर किया है क्योंकि यह काफी नीचे जा रहा है. कुछ एरिया में यह अभी बढ़ेगा. कुछ राज्यों में मामले बढ़ रहे हैं. थोड़ा बाद में वहां भी मामले ऊपर जाएंगे.

एम्स निदेशक ने कहा कि वैक्सीन के साथ एक कंट्रोल आर्म भी होगा जिसको हम प्लेसिबो कहते हैं. कुछ लोगों को वैक्सीन दिया जाएगा और कुछ को कंट्रोल. दोनों में इम्युनोजैनिटी का अंतर देखा जाएगा. ये ट्राएल एम्स में होगा.

एम्स के पैनल ने दी है कोविड-19 के लिए ‘कोवाक्सिन’ के मानव परीक्षण मंजूरी

एम्स की आचार समिति ने कोविड-19 के स्वदेश विकसित टीके ‘कोवाक्सिन’ के मानव पर परीक्षण की शनिवार को अनुमति दे दी है.

कोवाक्सिन के मानव पर पहले और दूसरे चरण के परीक्षण के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने दिल्ली स्थित एम्स समेत 12 संस्थानों का चयन किया है.

पहले चरण में टीके का 375 लोगों पर परीक्षण किया जाएगा जिनमें से अधिकतम 100 लोग एम्स से हो सकते हैं.

परीक्षण में शामिल होने के इच्छुक लोग एम्स की वेबसाइट पर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.

कोवाक्सिन को हैदराबाद की भारत बायोटेक ने आईसीएमआर तथा राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान के साथ मिलकर विकसित किया है. इसके मानव परीक्षण की मंजूरी भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने हाल में दी थी.

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