नई दिल्ली: वरिष्ठ सिविल सेवक एस. कृष्णन, जो 1989 बैच के तमिलनाडु कैडर के अधिकारी हैं उन्हें आईएएस सेंट्रल एसोसिएशन का अध्यक्ष चुना गया है.
1992 बैच के त्रिपुरा कैडर के श्रीराम तराणिकांति और 1996 बैच के केंद्र शासित प्रदेश कैडर के ए. अनबरासु को एसोसिएशन का उपाध्यक्ष चुना गया है.
इसकी घोषणा एसोसिएशन ने शनिवार को अपनी आम बैठक के दौरान की, जिसमें एक नई कार्यकारिणी परिषद का भी चुनाव हुआ.
अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पद एक्स-ऑफिसियो (पद आधारित) होते हैं — आमतौर पर कैबिनेट सचिव के बाद दूसरे वरिष्ठतम आईएएस अधिकारी को अध्यक्ष चुना जाता है और लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) के निदेशक को उपाध्यक्ष बनाया जाता है.
फिलहाल एस. कृष्णन इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) में सचिव के रूप में कार्यरत हैं, जबकि तराणिकांति LBSNAA के निदेशक हैं.
Happy to announce Sh S Krishnan, #IAS (TN:89), as the new President of the IAS Central Association, leading the newly elected Executive Committee!
The EC is committed to championing service excellence, mentoring young officers, fostering ethical leadership, and strengthening… pic.twitter.com/lesDbMyQJa— IAS Association (@IASassociation) July 27, 2025
सितंबर 2023 से MeitY (इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय) के सचिव के रूप में कार्य कर रहे एस. कृष्णन देश के महत्वाकांक्षी सेमीकंडक्टर मिशन की निगरानी कर रहे हैं, जिसका मकसद देश में चिप और उससे जुड़ी तकनीक का स्वदेशी इकोसिस्टम तैयार करना है.
MeitY सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के साथ टकराव की स्थिति में भी सबसे आगे रहा है, जैसे हाल ही में एक्स से यह विवाद हुआ था कि सरकार ने रॉयटर्स के एक्स हैंडल को ब्लॉक करने की कथित मांग की थी.
ए. अनबरासु इस समय दिल्ली सरकार में गृह विभाग के प्रमुख सचिव के पद पर हैं. 2015 में जब केंद्र सरकार और आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार के बीच टकराव चल रहा था, उस समय वे आईएएस एसोसिएशन के AGMUT चैप्टर के सचिव भी थे.
एसोसिएशन के एक पदाधिकारी ने कहा, “IAS एसोसिएशन का चुनाव एक नियमित प्रक्रिया है, हर साल चुनाव होते हैं क्योंकि यह एक लगातार चलने वाली संस्था है.” लेकिन एक अन्य अधिकारी ने इशारा किया कि इस बार चुनाव की टाइमिंग इसलिए अहम है क्योंकि जल्द ही 8वें वेतन आयोग का गठन होने वाला है. उन्होंने कहा, “ऐसे में ज़रूरी है कि IAS अधिकारियों की बात रखने के लिए एक वैध रूप से चुनी गई नई टीम हो, न कि पुरानी और कार्यकाल पूरी कर चुकी टीम.”
इस बीच, 2005 बैच के यूनियन टेरिटरी कैडर के अधिकारी कुणाल को एसोसिएशन का सचिव चुना गया है. वे इस समय युवा मामले एवं खेल मंत्रालय में संयुक्त सचिव के रूप में तैनात हैं. अदिति सिंह, जो 2009 बैच की उत्तर प्रदेश कैडर की अधिकारी हैं, को कोषाध्यक्ष चुना गया है. वे ग्रामीण विकास मंत्रालय में संयुक्त सचिव के पद पर कार्यरत हैं.
इसके अलावा चिन्मय गोटमारे (2009 बैच, असम/मिजोरम कैडर) और शैलेश नवल (2010 बैच, मध्य प्रदेश कैडर) को संयुक्त सचिव बनाया गया है.
1989 बैच के संजय भूसेड्डी और 1988 बैच के संजय बंधोपाध्याय को रिटायर्ड सदस्य नियुक्त किया गया है. इसके अलावा विभिन्न बैचों के नौ अन्य अधिकारियों को भी सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है.
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एक निष्क्रिय संस्था
जब केंद्र में IAS अधिकारियों का प्रभाव अब तक के सबसे निचले स्तर पर है, तब IAS एसोसिएशन के नए अध्यक्ष एस. कृष्णन ने अपने पहले संबोधन में कहा कि अधिकारियों को सिस्टम के प्रति अपनी उपयोगिता साबित करने की ज़रूरत है.
कभी अधिकारियों की शिकायतें उठाने, ज़रूरतमंद अफसरों की मदद करने और कैडर के बीच संवाद को बढ़ावा देने वाली सक्रिय संस्था मानी जाने वाली IAS एसोसिएशन, बीते वर्षों में चुपचाप रहती आई है.
2019 में एक अभूतपूर्व स्थिति देखने को मिली, जब एसोसिएशन महीनों तक बिना अध्यक्ष के रही. माना जा रहा था कि उस समय के गृह सचिव और दूसरे सबसे वरिष्ठ IAS अधिकारी राजीव गौबा ने पद संभालने में रुचि नहीं दिखाई.
एक अधिकारी ने कहा, “इस सरकार में अधिकारी खुद को यूनियन जैसे ढांचे से जोड़कर दिखाना नहीं चाहते. अगर आपको याद हो, तो जब प्रधानमंत्री ने संसद में IAS अधिकारियों को ‘बाबू’ कहकर तंज कसा था, तब भी सार्वजनिक रूप से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई थी.”
उन्होंने आगे कहा, “इसके अलावा, ऐसे कई मौके आए हैं जब सिविल सेवकों को सार्वजनिक रूप से स्टैंड लेने पर फटकार झेलनी पड़ी है. कुछ साल पहले ही IRS एसोसिएशन के पदाधिकारियों को चार्जशीट किया गया था, जब उन्होंने टैक्स से जुड़ी एक रिपोर्ट तैयार की थी जिसे कुछ नए अधिकारियों ने लिखा था. IAS अधिकारी ऐसे उदाहरणों से जल्दी सबक ले लेते हैं.”
हालांकि, इस साल की शुरुआत में, जब विदेश सचिव विक्रम मिस्री पर पाकिस्तान के साथ युद्ध जैसे हालात के दौरान भारत सरकार के मुख्य प्रवक्ता की भूमिका निभाने के चलते सोशल मीडिया पर तीखे हमले हुए, तब IAS एसोसिएशन ने अन्य एसोसिएशनों के साथ मिलकर एकजुटता दिखाई.
एसोसिएशन ने बयान जारी कर कहा, “IAS एसोसिएशन श्री विक्रम मिस्री, विदेश सचिव, और उनके परिवार के साथ पूरी एकजुटता में खड़ी है. अपने कर्तव्यों को ईमानदारी से निभा रहे सिविल सेवकों पर व्यक्तिगत हमले बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं. हम सार्वजनिक सेवा की गरिमा बनाए रखने के अपने संकल्प को दोहराते हैं.”
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
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