नई दिल्ली: किसानों से पांचवें दौरा के वार्ता खत्म होने पर इसमें सरकार की तरफ से शामिल कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हमें किसानों से ठोस सुझाव नहीं मिल पाए हैं. उनके ठोस सुझाव मिल जाते तो हमें मामले को सुलझाने में आसान होती. अगले दौर की वार्ता इसिलए बुलाई गई है. हम उम्मीद करते हैं कि किसानों का ठोस सुझाव आएगा.
कृषि मंत्री ने कहा कि हमारी बातचीत अच्छे माहौल में हुई है. हम मंडियों को और मजबूत करेंगे इन्हें कमजोर करने का सवाल ही नहीं उठता. एपीएमसी को और मजबूत करने की मांग है जो कि सरकार करने को तैयार है. किसी भी तरह के भ्रम दूर करने के लिए तैयार है.
नरेंद्र तोमर ने अहम बात कही की हम चाहते थे कुछ विषयों पर स्पष्ट सुझाव मिलते लेकिन नहीं मिल पाए. किसान नेताओं के कुछ सुझाव मिलते तो रास्ता निकालना आसान होता. 9 दिसंबर को सभी पहलुओं पर बैठक कर बातचीत होगी.
कृषि मंत्री आंदोलनरत किसानों को सुझाव दिया कि सर्दी का सीजन है, कोविड का संकट है इसलिए जो बुजुर्ग हैं और बच्चे आंदोलन में हैं यूनियन के नेताओं से गुजारिश है कि उन्हें घर भेज दें तो अच्छा रहेगा. मोदी सरकार किसान हितों के लिए प्रतिबद्ध है, थी और रहेगी.
उन्होंने कहा कि पिछले 6 सालों किसानों के लिए अमूल चूल परिवर्तन किया मोदी सरकार ने किया है. किसानों को मोदी चाहते हैं कि किसान टेक्नलॉजी से जुड़ें.
किसानों के लिए मोदी सरकार द्वारा किए गए कामों को गिनाते हुए तोमर ने कहा कि केवल प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की बात करें तो 75 हजार करोड़ रुपये सरकार के खजाने किसानों के लिए खर्च किए गए हैं. एक लाख करोड़ किसानों के खातों में भेजा है गय है. यह केवल मोदी कर सकते हैं.
उन्होंने कहा, ‘मोदी जी चाहते हैं कि किसान प्रॉसेसिंग से जुड़ें, मोदी जी की कोशिश है कृषि क्षेत्र समृद्ध होगी जिससे किसानों को फायदा पहुंचे मोदी की सराकर किसानों के लिए प्रतिबद्ध है, आने वााले दिनों में भी रहेगी.
इस सवाल पर कि किसान चाहते थे कि एस या नो में जवाब मिले वे किसी संशोधन के लिए तयार नहीं तो कृषि मंत्री ने फिर दोहराया कि किसानों के लिए मोदी सराकर है प्रतिबद्ध है किसान इसको लेकर आश्वस्त रहें.
मंत्री किसानों के आंदोलन के तरीके तारीफ करते हुए कहा कि वह अनुशानस के साथ आंंदोलन कर रहे हैं. इसे बनाए रखने के लिए वह किसान यूनियनों को धन्यवाद देते हैं.
8 को भारत बंद के सवाल पर तोमर ने कहा कि यूनियन का यह अपना कार्यक्रम हैं. इस पर वह कुछ नहीं कह सकते. हम इतना ही कहेंगे कि किसान आंदोलन का रास्ता छोड़ चर्चा के रास्ते पर आएं. कई दौरा की वार्ता हुई है आगे भी वर्ता को तैयार हैं.
लोगों को आंदोलन से हो रही दिक्कत के सावल पर कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों को नागरिकों की सुविधा के लिए आंदोलन का रास्ता छोड़ देना चाहिए.
एमएसपी के सवाल पर नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि यह जारी थी, है और आगे भी रहेगी इस पर किसी को शंका करने की जरूरत नहीं है.