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Sunday, 8 September, 2024
होमदेशसलमान, चीन, कोरोना को पीछे छोड़ भोजपुरी गायकों ने अब रिया चक्रवर्ती को बनाया अपने घटिया शब्दों का शिकार

सलमान, चीन, कोरोना को पीछे छोड़ भोजपुरी गायकों ने अब रिया चक्रवर्ती को बनाया अपने घटिया शब्दों का शिकार

महिला आयोग की चेयरपर्सन रेखा शर्मा के ट्वीट के बाद पुलिस ने रिया चक्रवर्ती को गाली देने वाले भोजपुरी गीत के गायक विकास गोप (यादव जी) को गिरफ्तार किया है.

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नई दिल्ली: राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की चेरपर्सन रेखा शर्मा ने हाल ही में एक ट्वीट करके भोजपुरी में गाने वाले विकास गोप (यादव जी) को गिरफ़्तार किए जाने की बात कही. विकास ने अपने एक गाने में बॉलीवुड अदाकारा रिया चक्रवर्ती के लिए जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया है, वो भाषा एनसीडब्ल्यू की प्रमुख शर्मा बर्दाश्त नहीं कर पाईं.

रिया के पूर्व प्रेमी बॉलीबुड अदाकार और बिहार से ताल्लुक रखने वाले सुशांत सिंह राजपूत की कथित आत्महत्या के बाद से ना सिर्फ़ रिया का मीडिया ट्रायल हुआ है, बल्कि सुशांत के पिता द्वारा रिया पर पटना में दर्ज़ कराई गई एफआईआर के बाद उनके ऊपर ऐसे कई गाने बने हैं. एफआईआर में रिया पर सुशांत को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है.

रिया पर बने गाने से ख़फ़ा 11 अगस्त के इस ट्वीट में शर्मा ने लिखा, ‘इस विकास को किसी हाल में गिरफ़्तार किया जाना चाहिए. जब कानून अपना काम करते हुए मामले की जांच कर रहा है, तो हम उन्हें उनका काम क्यों नहीं करने दे रहे.’ एनसीडब्ल्यू प्रमुख ने ये भी कहा कि अगर कोई दोषी है तो भी किसी को उसके ख़िलाफ़ ऐसी भाषा का इस्तेमाल करने का अधिकार नहीं है. कानून को अपना काम करने देना चाहिए.

विकास की गिरफ़्तारी से जुड़े इस ट्वीट में उन्होंने बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे (के ग़लत ट्विटर हैंडल) और बिहार पुलिस को टैग किया है. जिस गाने पर शर्मा इतना ख़फ़ा हैं उसके बोल हैं: रिया तो मादर** है. ऐसे ही एक और गाने के बोल हैं रिया तो रं* है. यूट्यूब पर बनडमरू नाम के 6470 सब्सक्राइबर वाले चैनल पर रिया को मां की गाली देता पहला गाना 9 अगस्त को अपलोड किया गया है. 2.36 सेकेंड के इस गाने को इसे लिखे जाने तक 165,335 व्यूज़ मिले हैं.

रामजनम यादव नाम के चैनल पर 12 हज़ार से अधिक सब्सक्राइबर हैं. चैनल पर रिया को रं* बताता हुआ 2.55 सेकेंड का गाना 9 अगस्त को अपलोड किया गया है. इसे लिखे जाने तक इस पर 65,442 व्यूज़ हैं. एस म्यूज़िक 2 नाम के चैनल पर रिया के साथ शाहरुख-सलमान को गाली देता एक गाना है. प्रमोद एलआईसी द्वारा गाए गए इस गाने के बोल हैं: शाहरुख सलमान सा* मियां रे, भाग तारे काहे रं* रिया रे.

11 अगस्त को अपलोड हुए इस 3.03 मिनट के गाने में पर अभी हज़ार के करीब व्यूज़ हैं. पूरे गाने को सुनने पर साफ़ नहीं होता कि इसमें शाहरुख और सलमान कहां से आ गए. अचरज में डालने वाली बात ये है कि इस पर भक्ति गीत भी मौजूद है. यूट्यूब पर ‘सुशांस सिंह राजपूत भोजपुरी सॉग्स’ और ‘रिया चक्रवर्ती भोजपुरी सॉग्स’ की-वर्ड डालने पर ऐसे करीब दर्जन भर गाने सामने आ जाते हैं.

बनडमरू नाम के ही चैनल पर रिया को गाली देते एक और गाने के बोल हैं: ए मईया रिया सलमान करण के फांसी पर चढ़े के चाही की न. इसे लिखने वाले कमलेश चौहान और गाने वाले अनिरुद्ध चौहान ये सवाल दुर्गा से कर रहे हैं जिन्हें हिंदू धर्म में देवी मान कर पूजा जाता है. गाने के बैकग्राउंड में दुर्गा की एक तस्वीर है.

इन उदाहरणों से सवाल उठता है कि शर्मा के ट्वीट से अगर एक विकास गिरफ़्तार भी हो गया तो ऐसे गानों की इस ‘महामारी’ पर लगाम कैसे लगेगी, क्योंकि रिया अकेली नहीं हैं जिन्हें सुशांत से जोड़ते हुए इस तरह के गाने बने हैं. सुशांत सिंह राजपूत के कथित आत्महत्या के मामले की जांच अभी सीबीआई के पास है लेकिन इसके पहले मामले में नेपोटिज़्म की बहस में जैसे-जैसे बॉलीवुड के दिग्गज़ों का नाम सामने आता गया वैसे-वैसे उन पर ऐसे गाने बनते चले गए.

इसके पहले सलमान और करन जौहर पर ऐसे गाने बनाए गए और सुशांत की मौत पहला मामला नहीं है जिसे ट्रेंड के तौर पर भुनाया जा रहा है. इसके पहले कोरोनावायरस और चीन के मामलों के ट्रेंड में होने को भी भोजपुरी गानों में भुनाया गया. इन सब में जो नई चीज़ हुई है वो ये है कि पहले इन गानों के बोल दोअर्थी और नारी विरोधी हुआ करते थे लेकिन अब सीधे मां-बहन की गाली तक आ पहुचे हैं.

‘नए लड़के नेताओं की तरह श्रोताओं की भावना से खेल रहे हैं’

भोजपुरी की लोक गायिका शारदा सिन्हा ने दिप्रिंट से कहा, ‘नए लड़के नेताओं की तरह श्रोताओं की भावना से खेलकर यूट्यूब पर व्यूज़ बटोर रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘संगीत राजनीति की तरह हो गया है जो मुद्दे चलन में होते हैं उनको भुनाया जाता है. कोरोनावायरस फैलने से लेकर सुशांत की मौत तक पर भद्दे गाने बनते हैं. मामले की संजीदगी से ऐसे लोगों को कोई लेना-देना नहीं होता.’

भोजपुरी गायक और भाजपा नेता मनोज तिवारी का मानना है कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर कंटेंट का रेग्युलेशन होने लगे तो अपने आप चीज़ें सुधर जाएंगी.

‘ऑटोट्यून ने गानों को बर्बाद किया’

शारदा सिन्हा के स्वर शारदा आर्ट एंड कल्चर फॉउडेंशन की बागडोर उनके बेटे अंशुमन सिन्हा के हाथों में है. उन्होंने कहा कि ऑटोट्यून ने गानों को बर्बाद कर दिया. इस सॉफ्टवेयर की वजह से ऐसे गानों की बाढ़ आ गई है. ये बेहद सस्ता है जिसकी वजह से हर कोई रिकॉर्डिंग स्टूडियो खोले बैठा है.

भोजपुुरी के प्रचार और साहित्यिक विकास के लिए आख़र नाम की पहल के सदस्य निराला बिदेसिया भोजपुरी पर लंबे समय से काम करते रहे हैं. उनका भी मानना है कि तकनीक ने फूहड़ता को चरम पर पहुंचाया है.

ऑटोट्यून सॉफ्टवेयर का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कंप्यूटर में पहले से ट्रैक होता है. देखते-देखते गाना लिख दिया जाता है. आड़े, तिरछे, दायें, बायें जैसे गाएं…ऑटोट्यून अपने आप सब ठीक कर देता है. इसी वजह से रोज़ दर्जनों गाने बन रहे हैं.

राष्ट्रवाद की राजनीति भी ऐसे गीतों की वजह

दिल्ली के त्यवती कॉलेज में पढ़ाने वाले मुन्ना पांडे देश में 2014 के बाद बदली राष्ट्रवाद की राजनीति को इन गीतों के बढ़ते चलन की वजह मानते हैं. भोजपुरी के शेक्सपियर कहे जाने वाले भिखारी ठाकुर पर पांडे ने पीएचडी की है.

उन्होंने कहा, ‘2014 के बाद से गाने और बदतर होते चले गए. भारतीय जनता पार्टी ने ऐसे गानों की सिरमौर रहे मनोज तिवारी, रवि किशन, पवन सिंह और कल्पना पटवारी जैसे लोगों को अपनी पार्टी में शामिल करके इन्हें मान्यता दी.’

उन्होंने कहा ये एक पार्टी की दिक्कत नहीं है. राजनीतिक शह का ऐसा आलम रहा कि जेडीयू के नेतृत्व वाली बिहार सरकार ने विनय बिहारी जैसे अश्लील गाने लिखने वाले व्यक्ति को संस्कृति मंत्री बना दिया था जिन्हें 2014 में कोर्ट से अश्लील गानों के मामले में बेल मिली थी.

लेकिन पूर्वोत्तर दिल्ली से भाजपा के सांसद और भोजपुरी गायक मनोज तिवारी ने अश्लील गानों को बढ़ावा देने पर दिप्रिंट से बातचीत में इन आरोपों को खारिज किया.

उन्होंने कहा, ‘मुझ पर फूहड़ता के आरोप कैसे लग सकते हैं? मैंने तो भोजपुरी सिनेमा को पारिवारिक बनाया. राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के सूचना प्रसारण राज्य मंत्री रहते भोजपुरी फिल्म फेस्टिवल कराया. मेरी फ़िल्म ‘ससुरा बड़ा पैसावाला ‘ जब हिट हुई तो बाकी भोजपुरी अदाकारों की भी कीमत बढ़ गई.’ उनका कहना है कि आज कल के लड़के रातों-रात मशहूर होना चाहते हैं.

भोजपुरी के इस हाल के लिए पलायन बड़ा कारण

फिल्म मिथिला मखान  के लिए नेशनल अवॉर्ड जीतने वाले नितिन चंद्रा ने इसके पीछे पलायन को बड़ा कारण बताया. उन्होंने कहा, ‘प्रकाश झा से अनुराग कश्यप जैसे लोगों ने भोजपुरी में कोई काम नहीं किया.’

उनका कहना है कि भोजपुरी ऐसे हाथों में रह गई जो काफी सांप्रदायिक, सामंतवादी और नारी विरोधी हैं. यहीं से चीन और सलमान के लिए ऐसे गाने आ रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘हमारे यहां कोरोना से सुशांत की मौत तक पर भड़ास मिटाने के लिए हमें हर जगह महिलाएं या मुसलमान चाहिए.’

उनका मानना है कि जब तक प्रकाश झा और कश्यप जैसों की मातृभाषा से दूरी बनी रहेगी तब तक यही हाल रहेगा.

गहरा नारी विरोध भी एक बड़ा कारण

भोजपुुरी के प्रचार और साहित्यिक विकास के लिए आख़र नाम की पहल के सदस्य निराला बिदेसिया भोजपुरी पर लंबे समय से काम करते रहे हैं. इन सबका सबसे बड़ा कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि बिहारियों ने अपनी बेटियों को ताले में बंद रखा और नायिका और गायिका नहीं पैदा होने दिया. इसकी वजह से बिहार में कला की कमर टूट गई.

उन्होंने कहा, ‘अगर अपवाद को छोड़ दें तो वर्तमान सभी महिला गायिका और कलाकार बिहार से बाहर की हैं. पाखी हेगड़े, नगमा, संभावना सेठ और रानी चटर्जी भोजपुरी की बड़े स्टार बन जाती हैं. बिहार के मर्दवादी समाज ने नायिका और गायिका पैदा नहीं होने दिए. इसका नतीजा तो भुगतना पड़ेगा.’

(नोट: दिप्रिंट ने ऐसे ही एक विषय पर की गई अपनी एक स्टोरी के हिस्सों को इस स्टोरी में जोड़ा है. ऐसा इस स्टोरी को बेहतर तरीके से कहे जाने के लिए किया गया है. पिछली स्टोरी पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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