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Sunday, 22 December, 2024
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पठान-पांड्या ब्रदर्स के बाद नजर यूपी के चाहर ब्रदर्स पर, क्रिकेटर बनाने के लिए पिता ने छोड़ी थी नौकरी

आगरा के रहने वाले दीपक चाहर व राहुल चाहर को वेस्टइंडीज दौरै के लिए चुना गया है. आगरा से लेकर जयपुर तक दोनों को चाहर ब्रदर्स के नाम से जाना जाता है.

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आगरा : भारतीय क्रिकेट टीम में पठान ब्रदर्स व पांड्या ब्रदर्स के बाद अब बारी चाहर ब्रदर्स की है. आगरा के रहने वाले दीपक चाहर व राहुल चाहर को वेस्टइंडीज दौरै के लिए चुना गया है. हालांकि दोनों चचेरे भाई हैं. लेकिन आगरा से लेकर जयपुर तक दोनों को चाहर ब्रदर्स के नाम से जाना जाता है. दोनों भाइयों को क्रिकेट में पहचान यूपी के बजाए राजस्थान से मिली है. दोनों का घर तो आगरा में है, लेकिन घरेलू क्रिकेट राजस्थान के लिए खेलते हैं.

दीपक चाहर तेज गेंदबाज हैं तो वहीं उनके चचेरे भाई राहुल चाहर स्पिनर हैं. लंबे कद के दीपक इंडिया ए के कोच राहुल द्रविड़ के पसंदीदा माने जाते हैं. दीपक अपनी गति तो वहीं राहुल चाहर अपनी फिरकी के लिए मशहूर हैं. दोनों भाई एक साथ वेस्टइंडीज दौरे पर भारतीय टीम का हिस्सा है. उनकी उपलब्धि पर सभी गर्व महसूस कर रहे हैं. आगरा के शास्त्रीपुरम सिकंदरा निवासी 19 वर्षीय राहुल और दीपक का टी20 में चयन के बाद घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा है.

दीपक के पिता लोकेंद्र चाहर और राहुल के पिता देशराज चाहर सगे भाई हैं. देशराज की शादी लोकेंद्र चाहर की पत्नी की बहन से हुई है. दीपक चाहर टीम इंडिया की वर्ल्ड कप टीम के साथ बॉलिंग प्रैक्टिस कराने के लिए मौजूद रहे. चाहर बंधु आईपीएल में धूम मचा चुके हैं. दीपक चेन्नई सुपरकिंग्स की तरफ से खेलते हैं, जबकि राहुल मुंबई इंडियंस की ओर से. पिछली बार आईपीएल फाइनल में दोनों भाई फाइनल में आमने-सामने थे.

पिता ने छोड़ी थी नौकरी

कहा जाता है कि कामयाबी के पीछे कुछ बलिदान भी होता है. दीपक चाहर के पिता लोकेंद्र चाहर एयरफोर्स में थे. उनकी इच्छा थी कि बेटा क्रिकेटर बने दीपक तब दस साल के थे, तभी पिता ने जयपुर की जिला क्रिकेट एकेडमी में दाखिला दिला दिया था. पिता को लगा कि सपना पूरा करने के लिए बेटे को और समय देना होगा, इसलिए उन्होंने एयरफोर्स की नौकरी छोड़ दी और खुद उसके साथ प्रैक्टिस से लेकर ट्रेनिंग तक में लगे रहे.

इसके बाद लोकेंद्र ने ही राहुल को भी तैयार किया. लोकेंद्र के मुताबिक, बचपन से ही इस काम को मिशन की तरह लिया. अब दोनों भाई साथ में खेलेंगे. मीडिया से बातचीत में उन्होंने बताया कि राहुल पढ़ाई में मेधावी नहीं था. जब क्रिकेट अकादमी खोली, तो राहुल वहीं बैठकर मैच देखता था. जब उसने बैट पकड़ा तब लगा कि कुछ कर सकता है. तभी से उस पर मेहनत शुरू कर दी. 19 साल के राहुल ने 11वीं तक की पढ़ाई पूरी कर ली है. 12वीं के एग्जाम देने हैं. वह धौलपुर से ही पढ़ाई कर रहा है. दोनों ही भाई लोकेंद्र को अपना कोच मानते हैं.

बड़े भाई दीपक के कमबैक को लेकर भी परिवार में बहुत खुशी है. दीपक ने भारत के लिए एक वनडे और एक टी 20 मैच खेले हैं. वनडे में उनके नाम पर एक जबकि टी 20 में भी उन्होंने एक विकेट लिए हैं. अब दोनों भाइयों को एक साथ खेलते देखने के लिए पूरा आगरा बेताब है.

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