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Monday, 23 December, 2024
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टेलीग्राम छोड़ने के बाद आईएसआईएस का नया प्यार बना टैमटम, लंदन ब्रिज हमले की ज़िम्मेदारी यहीं ली गई

अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट ने पाकिस्तानी मूल के उस्मान खान द्वारा लंदन ब्रिज के पास किए गये हमले की जिम्मेदारी लेने के लिए इस बार रूसी मैसेंजर ऐप टैमटम का प्रयोग किया है.

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अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट ने लंदन ब्रिज पर 29 नवंबर को किए गये हमले की जानकारी देने के लिए अपने पसंदीदा सोशल मीडिया प्लॅटफॉर्म टेलीग्राम के बजाए टैमटम मैसेंजर नाम के एक कम महत्वपूर्ण और अपेक्षाकृत छोटे नेटवर्क वाले रूसी ऐप का इस्तेमाल किया था. ऐप की विशिष्टता इस तथ्य में निहित है कि इसे धीमे नेटवर्क वाले इलाक़ों में भी आसानी से संचालित किया जा सकता है.

दरअसल, पाकिस्तानी मूल के 28 वर्षीय ब्रिटिश नागरिक उस्मान खान ने लंदन ब्रिज हमले में चाकू गोदकर दो लोगों की हत्या कर थी और तीन अन्य को घायल कर दिया था. इसके तुरंत बाद इस्लामिक स्टेट ने इस घटना के लिए जिम्मेदारी का दावा टैमटम मैसेंजर पर एक पोस्ट के ज़रिए किया. ज्ञात हो कि इससे पहले भी इस आतंकी संगठन ने कई हमलों को अंजाम देना स्वीकार किया है और इसके लिए उसने सोशल मीडिया पर ऑडियो, वीडियो संदेश जारी करके और बाद में टेलीग्राम मैसेंजर एप्लिकेशन के माध्यम से सूचना देने का सहारा लिया था.

इस बार यह पहला मौका है जब आईएसआईएस ने लंदन ब्रिज पर हमले का दावा करने के लिए एक ऐसे एप – टैमटम मैसेंजर का इस्तेमाल किया है जिसके बारे में बहुत कम जाना जाता है. मुफ्त चैट और वीडियो कॉल मैसेजिंग की सुविधा प्रदान करने वाला यह एप्लिकेशन गूगले प्ले और एप स्टोर पर उपलब्ध है और इसे किसी भी ऑपरेटिंग सिस्टम पर कंप्यूटर या वेब ब्राउज़र के माध्यम से भी एक्सेस किया जा सकता है.

रशियन मूल वाला एप्लिकेशन

टैमटम की निर्माता एक रूसी इंटरनेट कंपनी है, जिसे मैल.रु ग्रूप कहा जाता है, इस मैसेंजर को इस कंपनी के सोशल नेटवर्क सर्विस प्रोवाइडर शाखा, ओड्नोकलस्सनिकी द्वारा विकसित किया गया है और यह डाउनलोड के लिए पहली बार वर्ष 2017 मे उपलब्ध हो गया था.


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लेकिन, टैमटम के इर्द-गिर्द पनपा रहस्य केवल इसलिए नहीं है, क्योंकि यह एक एकदम नया ऐप है. टेलीग्राम मैसेंजर की एक हूबहू नकल के रूप मे काम करने वाला यह ऐप सोशल मीडिया बाजार में अपने प्रवेश के समय से हीं रहस्य में डूबा हुआ है और इसका एक प्रमुख कारण है रूसी अधिकारियों की इसमे विशेष दिलचस्पी.

पिछले साल की मीडिया रिपोर्टों मे कुछ खबरें आई थी कि रूसी अधिकारियों ने टेलीग्राम एप के खिलाफ कार्रवाई की है और साथ हीं इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को इस मैसेंजर एप्लिकेशन को ब्लॉक करने को कहा है. लगभग उसी समय, टेलीग्राम से जुड़े कुछ चैनलों पर टैमटम के विज्ञापन भी दिखाई देने लगे थे. इसके अलावा कुछ अखबारों में इस एप को टेलीग्राम के वैकल्पिक ऐप के रूप में भी पेश किया गया था.

इन रिपोर्टों के अनुसार, टेलीग्राम के विरुद्ध इस तरह की सख़्त कार्रवाई का कारण यह था कि इसने रूसी अधिकारियों को इसके उपयोगकर्ताओं (यूज़र्स) के बीच की आपसी बातचीत के ’एन्क्रिप्शन’का कोड सौंपने से इनकार कर दिया गया.

हाल के दिनों में, फेसबुक के स्वामित्व वाले व्हाट्सएप को भारत सरकार के द्वारा भी इसी तरह के ‘अनुरोधों’ का सामना करना पड़ा है, जिसमे उन्होने सेवा प्रदाता कंपनियों को ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ के आधार पर लोगों के निजी संदेशों को डिक्रिप्ट करने में मदद करने के लिए कहा है. यह मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है.

इस मैसेंजर ऐप की लोकप्रियता अभी भी काफ़ी सीमित है, हालांकि इसने रूस द्वारा टेलीग्राम को ब्लॉक करने के बाद उपयोगकर्ताओं की संख्या में वृद्धि का दावा किया था. इस बीच इसने ईरान में भी कुछ उपयोगकर्ताओं को आकर्षित किया था, परंतु वहां के उच्च अधिकारियों ने अप्रैल 2018 में बिना कोई कारण बताए इस ऐप को ब्लॉक कर दिया था.

फिर भी इस एप की कुछ खूबियां है जो संभवत: अधिक उपयोगकर्ताओं को अपनी ओर आकर्षित कर सकती हैं, जैसे कि इसका छोटा आकार- यह एंड्रॉइड फोन पर 16 एमबी और आईफोन उपयोगकर्ताओं के लिए लगभग 60 एमबी स्टोरेज स्पेस लेता है और ‘इंटरनेट के धीमे होने पर भी’ काम करने का दावा.

आईएसआईएस कैसे आया टैमटम पर?

जब शनिवार को एकाएक आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट का संदेश टैमटम पर आया, तो कई लोग आश्चर्यचकित रह गये थे. लेकिन जल्द ही यह स्पष्ट हो गया कि कई अन्य प्लेटफार्मों का उपयोग करने के बाद आईएसआईएस अब टैमटम पर भी अपनी जगह बना चुका है. इस आतंकवादी समूह ने टेलीग्राम पर अपना स्थाई सोशल मीडिया आधार स्थापित कर लिया था. पर इसे टेलीग्राम द्वारा ‘इस्लामिक स्टेट से जुड़े लोगों सहित आतंकवादी प्रचार तंत्र से जुड़े हजारों बॉटस और चैनलों पर प्रतिबंध लगाने के बाद वहां से पलायन करना पड़ा.

अब ऐसे लगता है कि बाज़, दंगा, रॉकेट चैट, संदेशवाहक कबूतरों और धुएं के द्वारा संकेतों जैसे पारंपरिक संदेश माध्यमों का प्रयोग करने के बाद, आईएसआईएस ने अब टैमटम पर भी अपना स्थाई ठिकाना बना लिया है. इसके लिए ऐसा कारण आसान इसलिए भी था, क्योंकि यह प्लेटफ़ॉर्म दिखने और उपयोग मे बिल्कुल टेलीग्राम के समान है.


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@p_vanostaeyen और @AmarAmarasingam के अनुसार, लंदन हमले के लिए आईएसआईएस का दावा टेलीग्राम से पहले हीं टैमटम पर दिखाई देने लगा था. वास्तव में सोशल मीडिया मे आईएसआईएस के लिए यह नए युग की तरह लगता है और इसका भविष्य इस बात पर टिका है कि क्या टैमटम इस पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करता है और अगर वह ऐसा करता है तो उसका स्वरूप क्या होता है?

हालांकि, यह पहली बार है जब आईएसआईएस ने आतंकी हमले का दावा करने के लिए टैमटम का इस्तेमाल किया है, फिर भी पर इसके द्वारा इस प्लेटफॉर्म के उपयोग की रिपोर्ट अप्रैल 2018 से हीं मिलने लगे थी. यह वही मौका था जब रूसी अधिकारियों द्वारा टैमटम को बढ़ावा दिया जा रहा था. सबसे पहले बीबीसी के एक निगरानी समूह ने यह नोट किया था कि आईएसआईएस ने नाशिर न्यूज़ एजेंसी के नाम से टैमटम में कई चैनलों की स्थापना की है.

अब तक, टैमटम ने इस बात पर कोई प्रतिक्रिया नही दी है कि आईएसआईएस ने कैसे इसकी सेवाओं का उपयोग करना शुरू किया है. लेकिन यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है क्योंकि किसी के लिए भी इस फ्री फॉर ऑल प्लॅटफॉर्म को एक्सेस करने के लिए सिर्फ़ एक फोन नंबर की आवश्यकता होती है. अगर ऐसा ही चलता रहा तो बिना किसी झंझट वाला और धीमे इंटरनेट मे भी काम करने वाला यह एप आईएसआईएस के लिए एक कमाल की चीज़ साबित हो सकता है.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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